ETV Bharat / state

राज्यपाल और सांसद द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी राखियों के हैं अलग अलग मायने: सुशील आनंद शुक्ला - राज्यपाल अनुसुइया उइके की राखी

सांसद सरोज पांडेय और राज्यपाल अनुसुइया उइके ने रक्षाबंधन के पर्व पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी भेजी थी, लेकिन सांसद सरोज पांडेय और राज्यपाल द्वारा भेजी गई दोनों राखियों में बेहद फर्क है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने सरोज पांडे की राखी में राजनीति की झलक दिखने की बात कही है. वहीं इस मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.

rakhis sent by anusuiya uikey and saroj pandey
राज्यपाल और सांसद ने मुख्यमंत्री को भेजी राखी
author img

By

Published : Aug 4, 2020, 3:25 PM IST

रायपुर: सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया. रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत तो करता है, साथ ही सुरक्षा और स्नेह का वचन भी देता है, लेकिन इस बार इस पावन पर्व के नाम पर छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया समीकरण देखने को मिला है. राखी के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास दो राखी पहुंची थी. एक बीजेपी की वरिष्ठ नेता सरोज पांडेय के द्वारा और दूसरी राज्यपाल अनुसुइया उइके के द्वारा, लेकिन दोनों ही राखियों के मायने बिलकुल बताये जाते हैं.

सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता, छत्तीसगढ़ कांग्रेस

बीजेपी की राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी भेज कर तोहफे में राज्य में शराब बंदी लागू करने की मांग की. उन्होंने राखी के साथ बघेल के नाम एक पत्र भी भेजा पांडे ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर रक्षा सूत्र के साथ आपको यह पत्र प्रेषित कर रही हूं, उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों के साथ किया गया पूर्ण शराब बंदी का ये वादा पूरा कर राजधर्म का पालन करेंगे.'

भूपेश बघेल ने भेंट की साड़ी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के राखी भेजने पर उनके प्रति आभार प्रकट किया है. बघेल ने सरोज पांडेय को राखी की परंपरा के अनुसार नकद राशि और लुगरा (साड़ी) उपहार स्वरूप भेजा है. सीएम ने छोटी बहन के लिए भगवान से उनके दीर्घायु और सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन की कामना की है. सीएम बघेल ने सरोज पांडेय को यह भी आश्वस्त किया है कि वे अपनी बहन के सुख-दुख के क्षणों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. मुख्यमंत्री ने सरोज पांडेय के राखी के साथ भेजे गए पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि 'भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार के मौके पर आपके द्वारा राजनीतिक मुद्दे को उठाए जाने पर मानसिक कष्ट हुआ.' उन्होंने सरोज पांडे के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'मैं आपसे वादा कर रहा हूं कि छत्तीसगढ में पूर्ण शराबंदी होकर रहेगी.' इसके साथ ही उन्होंने सरोज पांडे से कहा कि 'आज आपने यह साबित कर दिया कि आपके भाई रमन सिंह ने 15 साल तक आपके वादे को तोड़ा और आपकी बात नहीं मानी.'

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भेजी राखी

रक्षाबंधन के मौके पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी भेजी और उसके साथ में भेजे पत्र में लिखा कि 'आपके नेतृत्व में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है, कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने पर भी बेहतर काम हो रहा है.'

पढ़ें: छत्तीसगढ़ की राजनीति में शुरू हुआ 'राखी' वॉर, चुनावी वादों को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में तकरार


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को भेजी साड़ी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राज्यपाल की राखी के शगुन के तौर पर रुपये और एक लुगरा (साड़ी) भेजा था. इसके साथ उन्होंने राज्यपाल के नाम चिट्ठी भी भेजी थी. इस चिट्ठी में लिखा था कि 'आपका संरक्षण मेरे और राज्य के लिए सौभाग्य की बात है. मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करने कोरोना महामारी से निपटने और प्रदेश की प्रगति के पथ पर आगे ले जाने के लिए आपने जो मेरा उत्साह वर्धन किया है इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा.'


सांसद और राज्यापल के राखी के अलग-अलग माइने
सांसद सरोज पांडेय और राज्यपाल द्वारा भेजी गई दोनों राखियों में बेहद फर्क देखने को मिला है. इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्यपाल के द्वारा भेजी गई राखी में भाई-बहन का प्यार झलक रहा था. राज्यपाल ने दिल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राखी पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है. वहीं दूसरी ओर सरोज पांडे द्वारा भेजी गई राखी में राजनीति की झलक दिख रही थी. उन्होंने कहा कि सरोज पांडेय ने राखी के साथ प्रदेश में शराबबंदी की मांग करके ये बता दिया कि वे राखी के पावन पर्व पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है. वहीं इस मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है जिससे ऐसा लग रहा है कि भाजपा खुद को इस मुद्दे से बचाना चाह रही है.

रक्षाबंधन पर राजनीति उचित नहीं

वहीं इस पूरे मामले पर पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी का कहना है कि ऐसा कोई पहली बार नहीं है कि एक राजनीतिक दल दूसरे राजनीतिक दल के सदस्यों को राखी भेज रहे है. इसके पहले भी इस तरह की परंपरा रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक नई परिपाटी की शुरुआत हुई है. यहां एक राजनीतिक दल के द्वारा दूसरे राजनीतिक दल के सदस्य को राखी भेजी जाती है और उसके सामने मांग रखी जाती है जो उचित नहीं है. राखी भाई बहन के प्यार का पर्व है इसका राजनीति करण नहीं होना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

author-img

...view details

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.