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रायपुर: कमल विहार के खिलाफ लगी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज - Supreme Court

रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना क्रमांक – 4, कमल विहार के संबंध में केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति नहीं लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है.

कमल विहार
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Published : May 1, 2019, 10:38 AM IST

रायपुर: कमल विहार योजना के लिए केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति लेने के संबंध में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद कमल विहार योजना के तहत निर्माण कार्यों में तेजी के साथ फ्लैट और प्लॉट की बुकिंग पहले जैसे ही शुरू हो सकती है.

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रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना क्रमांक – 4, कमल विहार के संबंध में केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति नहीं लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है. जस्टिस रोहिन्टन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की बेंच ने याचिकाकर्ता राजेन्द्र शंकर शुक्ला, रविशंकर शुक्ला और डॉ. रंजना पांडेय की याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद कमल विहार में विकास और निर्माण के कार्य में तेजी आने के अनुमान हैं.

इससे पहले उच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2019 को याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल विहार योजना में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. याचिका में भारत सरकार, रायपुर विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ शासन, संचालक नगर और ग्राम निवेश छत्तीसगढ़, सचिव स्टेट लेबल इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और मेसर्स हिन्द हिमकान एसोसिएट बिलासपुर को प्रतिवादी बनाया गया था.

अगस्त 2015 में भी कमल विहार योजना में रोक लगाए जाने के संबंध 13 याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. जिसपर न्यायालय ने कमल विहार योजना के तहत विकास और निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है.

रायपुर: कमल विहार योजना के लिए केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति लेने के संबंध में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद कमल विहार योजना के तहत निर्माण कार्यों में तेजी के साथ फ्लैट और प्लॉट की बुकिंग पहले जैसे ही शुरू हो सकती है.

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रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना क्रमांक – 4, कमल विहार के संबंध में केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति नहीं लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है. जस्टिस रोहिन्टन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की बेंच ने याचिकाकर्ता राजेन्द्र शंकर शुक्ला, रविशंकर शुक्ला और डॉ. रंजना पांडेय की याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद कमल विहार में विकास और निर्माण के कार्य में तेजी आने के अनुमान हैं.

इससे पहले उच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2019 को याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल विहार योजना में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. याचिका में भारत सरकार, रायपुर विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ शासन, संचालक नगर और ग्राम निवेश छत्तीसगढ़, सचिव स्टेट लेबल इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और मेसर्स हिन्द हिमकान एसोसिएट बिलासपुर को प्रतिवादी बनाया गया था.

अगस्त 2015 में भी कमल विहार योजना में रोक लगाए जाने के संबंध 13 याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. जिसपर न्यायालय ने कमल विहार योजना के तहत विकास और निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है.

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रायपुर: कमल विहार योजना के लिए केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति लेने के संबंध में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद कमल विहार योजना के तहत निर्माण कार्यों में तेजी के साथ फ्लैट और प्लॉट की बुकिंग पहले जैसे ही शुरू हो सकती है.



रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना क्रमांक – 4, कमल विहार के संबंध में केन्द्र से पर्यावरण संबंधित अनुमति नहीं लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है. जस्टिस रोहिन्टन फली नरीमन और न्यायमूर्ति  विनीत सरन की बेंच ने याचिकाकर्ता राजेन्द्र शंकर शुक्ला, रविशंकर शुक्ला और डॉ. रंजना पांडेय की याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद कमल विहार में विकास और निर्माण के कार्य में तेजी आने के अनुमान हैं. 



इससे पहले उच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2019 को याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमल विहार योजना में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. याचिका में भारत सरकार, रायपुर विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ शासन, संचालक नगर और ग्राम निवेश छत्तीसगढ़, सचिव स्टेट लेबल इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और मेसर्स हिन्द हिमकान एसोसिएट बिलासपुर को प्रतिवादी बनाया गया था.



अगस्त 2015 में भी कमल विहार योजना में रोक लगाए जाने के संबंध 13 याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. जिसपर न्यायालय ने कमल विहार योजना के तहत विकास और निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है.  

 


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