रायपुर: भगवान सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में सभी राशियों का राजा माना गया है. कहते हैं कि अगर किसी जातक के कुंडली में सूर्य प्रबल हो तो वो जातक हमेशा सुखी रहता है. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह भी कहा जाता है. सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं और मेष सूर्य की उच्च राशि (Sun grace is on people of Leo zodiac ) है जबकि तुला इनकी नीच राशि है. चंद्रमा, मंगल और गुरु सूर्य के मित्र ग्रह हैं और शुक्र, शनि सूर्य के शत्रु ग्रह हैं.
सिंह राशि के जातक पर होती है सूर्य की कृपा: सिंह राशि के जातकों पर सूर्य देव की विशेष कृपा रहती है. सूर्य इस राशि के स्वामी ग्रह है. जिसके कारण इस राशि के जातकों पर भगवान सूर्य की असीम कृपा होती है. हालांकि अन्य राशियों के जातक भी भगवान भास्कर की पूजा-उपासना कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
ऐसे करें भगवान सूर्य की उपासना: रविवार के दिन स्नान के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को तांबे के लोटे में रोली और अक्षत डालकर ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ का जप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद लाल रंग के आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान सूर्य के इसी मंत्र को कम से कम एक माला जाप करना चाहिए. कहते हैं कि प्रात: स्नान के बाद बिना कुछ खाए-पिए ही सूर्य को जल दिया जाता है. सूर्य को जल देने से सूर्योदय से एक घंटे बाद तक का समय ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है. (Worship of Lord Surya)
सूर्य पूजा के लाभ: ज्योतिषों की मानें तो अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य प्रबल हो तब उस जातक को मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि और सरकारी नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्यदेव की आराधना का अक्षय फल मिलता है. कहते हैं कि भगवान सूर्य की कृपा होने पर कुंडली में नकारात्मक प्रभाव देने वाले ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है.
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ये है सिंह राशि के जातकों का गुण:
- सिंह राशि के जातक आत्मविश्वास से भरे होते हैं.
- इस राशि के जातक मेहनती स्वभाव के होते हैं.
- ये जातक किसी भी काम को करने से डरते नहीं है.
- ये हर किसी को खुश रखते हैं.
- सिंह राशि के जातक दयालु स्वभाव के होते हैं.
- ये जीवन में कुछ न कुछ नया करते हैं.
- ये दिल के साफ होते हैं.
- इस राशि के जातक का मेहनत सफल होता है और जल्द ही तरक्की करते हैं.