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VIDEO : जब भाई को याद कर रो पड़े मशहूर सूफी गायक मदन सिंह चौहान - अचानक फफककर रो पड़े

ETV भारत से खास इंटरव्यू के दौरान पद्मश्री के लिए चयनित मशहूर सूफी गायक मदन सिंह चौहान भावुक हो गए और भाई को याद कर रो पड़े.

Sufi singer Madan Singh Chauhan wept during interview in raipur
भाई को याद कर रो पड़े मदन सिंह चौहान
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Published : Jan 26, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 10:11 PM IST

रायपुर : इंटरव्यू के दौरान देश और प्रदेश के मशहूर सूफी गायक मदन सिंह चौहान अचानक भाई को याद कर रो पड़े. दरअसल, बातचीत के दौरान मीराबाई पर आधारित भजन 'दरस बिन दूखन लागे नैन, जब से तुम बिछुड़े मोरे प्रभु जी, कबहु न पाया चैन..' गा रहे थे. इस दौरान वे गाते-गाते भावुक हो गए और रो पड़े.

भाई को याद कर रो पड़े मदन सिंह चौहान

पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा पर कहा कि, 'आज मेरे माता-पिता और भाई होते तो वे बड़े खुश होते. आज मुझे मेरे भाई की याद आ रही है. वे मेरे (भाई) प्रभु तुल्य थे. आज वे होते तो काफी खुश होते, लेकिन विधाता (भगवान) के आगे कोई कुछ नहीं कर सकता'.

दिल को छू गई उनकी ये बात
उन्होंने कहा कि यही सारी बातें सूफियाना में भी है. जब तक आदमी इस रंग में नहीं रंगेगा, तो सूफी क्या कहलाएगा.

गुरुजी के नाम से जाने जाते हैं मदन सिंह चौहान
बता दें कि राजधानी के राजा तालाब के रहने वाले चौहान संगीत की दुनिया के मशूहर शख्सियत हैं, पर वे अपनी शोहरतभरी दुनिया में भी अलग-थलग रहे. आर्थिक तंगी के दौर से भी गुजरे. पैसे को ज्यादा अहमियत न देकर लाइम लाइट से दूर रहे. उन्हें गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है. गायकी और एक शिक्षक के रूप में संगीत की शिक्षा देने के साथ इसकी साधना में लगे रहे. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1947 में हुआ था.

रायपुर : इंटरव्यू के दौरान देश और प्रदेश के मशहूर सूफी गायक मदन सिंह चौहान अचानक भाई को याद कर रो पड़े. दरअसल, बातचीत के दौरान मीराबाई पर आधारित भजन 'दरस बिन दूखन लागे नैन, जब से तुम बिछुड़े मोरे प्रभु जी, कबहु न पाया चैन..' गा रहे थे. इस दौरान वे गाते-गाते भावुक हो गए और रो पड़े.

भाई को याद कर रो पड़े मदन सिंह चौहान

पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा पर कहा कि, 'आज मेरे माता-पिता और भाई होते तो वे बड़े खुश होते. आज मुझे मेरे भाई की याद आ रही है. वे मेरे (भाई) प्रभु तुल्य थे. आज वे होते तो काफी खुश होते, लेकिन विधाता (भगवान) के आगे कोई कुछ नहीं कर सकता'.

दिल को छू गई उनकी ये बात
उन्होंने कहा कि यही सारी बातें सूफियाना में भी है. जब तक आदमी इस रंग में नहीं रंगेगा, तो सूफी क्या कहलाएगा.

गुरुजी के नाम से जाने जाते हैं मदन सिंह चौहान
बता दें कि राजधानी के राजा तालाब के रहने वाले चौहान संगीत की दुनिया के मशूहर शख्सियत हैं, पर वे अपनी शोहरतभरी दुनिया में भी अलग-थलग रहे. आर्थिक तंगी के दौर से भी गुजरे. पैसे को ज्यादा अहमियत न देकर लाइम लाइट से दूर रहे. उन्हें गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है. गायकी और एक शिक्षक के रूप में संगीत की शिक्षा देने के साथ इसकी साधना में लगे रहे. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1947 में हुआ था.

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Sufi singer Madan Singh Chauhan wept during interview in raipur


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Last Updated : Jan 26, 2020, 10:11 PM IST
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