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कबाड़ से जुगाड़ कर सुचिता साहू ने कैसे जगाई शिक्षा की अलख ?

राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस पर छत्तीसगढ़ के 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया. इस सम्मान को पाने वाली रायपुर की शिक्षक सुचिता साहू ने ईटीवी भारत से चर्चा की.

students studying in class
क्वलास में पढ़ते छात्र
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Published : Sep 6, 2021, 3:35 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 4:58 PM IST

रायपुर: शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान टीचर्स को एजुकेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर दिया जाता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य शिक्षक प्रदेश के 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया. राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुचिता साहू ने ईटीवी भारत में बातचीत कर अपने अनुभव शेयर किए.

राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित सुचिता साहू

सवाल- आपको राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, आप कैसा महसूस कर रही है?

जवाब- शिक्षक सुचिता साहू ने कहा बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं. यह उनके लिए अविस्मरणीय पल है. मुझे बहुत खुशी मिल रही है कि आज मेरे जीवन में सबसे बड़ा मुझे सम्मान मिला है. इसके बारे में मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. ये मेरी मेहनत का परिणाम है जो आज उन्हें सम्मान मिला है.

सवाल- किस तरह से आप बच्चो को पढ़ाती है?

जवाब- शिक्षिका ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए वह सारे प्रयास करती है. जिससे बच्चे विषयों को आसानी से समझ सके. कबाड़ से जुगाड़ बनाकर नवाचार के माध्यम से बहुत सारे सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण किया और बच्चों को उनके माध्यम से पढ़ाया. ऐसी पढ़ाई कराने से बच्चे आसानी से चीजों को समझ पाते हैं और जल्दी उनकी पकड़ बनती है.

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सवाल- शिक्षक का प्रोफेशन आपने कैसे चुना
जवाब- शिक्षक सूचित साहू ने बताया कि उनके दादा और उनके पिता शिक्षक थे. बाद में उनके पिता प्रिंसिपल बने. बचपन से ही उन्हें देखकर मुझे भी प्रेरणा मिलती थी. जिस तरह वे बच्चों के विकास के लिए और उनके व्यक्तित्व विकास को लेकर काम करते थे, तो मुझे भी उससे प्रेरणा मिली और मैंने भी शिक्षक बनने की ठानी.

सवाल- कोरोना संक्रमण काल में एजुकेशन सेक्टर काफी प्रभावित रहा उस दौरान बच्चों को किस तरह पढ़ाया

जवाब- कोरोना संक्रमण काल में बच्चे शिक्षा से जुड़े रहे, उसके लिए बहुत प्रयास किए गए. इस दौरान बहुत मेहनत की. बच्चों को ऑनलाइन ऑफलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया और मोहल्ला क्लास लगाकर भी उनकी पढ़ाई करवाई गई. इस दौरान घर-घर जाकर पालक को से संपर्क करके शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया.

शिक्षक ने बताया कि शिक्षा के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ, पालकों को और उनके परिजनों को भी स्कूल में बुलाकर और उनके घर में जाकर, अंगना में शिक्षा की सारी गतिविधियां बतलाई गई. इस दौरान बच्चे को घर में माता भी पढ़ाई करवा सके. शिक्षित कर सके इसके तहत कार्य किया गया और इसमें बहुत सफलता मिली.

सवाल- महामारी के दौरान शिक्षा का क्षेत्र बहुत प्रभावित रहा आने वाले दिनों में किस तरह की शिक्षा का पैटर्न होना चाहिए?

जवाब- शिक्षक सुचिता ने बताया कि उनके हिसाब से माताओं को शिक्षित करना यह बहुत ही महत्वपूर्ण काम है. आने वाले दिनों में तीसरी लहर की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा ना हो कि तीसरी लहरा जाए. अगर ऐसी स्थिति आ जाती है तो उस दौरान माताओं को पलकों लोगों को शिक्षित करें. ताकि उनके पालक उन्हें पढ़ा सकें और उनकी पढ़ाई वंचित ना. बाकी हम शिक्षक तो बच्चों को पढ़ाने के लिए मौजूद हैं.

सवाल- आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में आप किस तरह से और कार्य करेंगे?

जवाब- सुचिता साहू ने सूर्य का प्रकाश सभी को मिलता है. उसी तरह हम शिक्षकों का यही मानना है कि हम सभी बच्चों को बराबर रूप से पढ़ाए कराए. किसी प्रकार का भेदभाव ना हो और बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करें. उन्होंने ने कहा कि कोई भी बच्चा अगर बड़ा आदमी बनता है अपने जीवन में सफल होता तो हम शिक्षकों को बहुत गर्व महसूस होता है. जिस तरह से उन्हें सम्मान मिला है, ऐसे में अब उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है और वे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए और बेहतर कार्य करेंगी.

रायपुर: शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान टीचर्स को एजुकेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर दिया जाता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य शिक्षक प्रदेश के 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया. राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुचिता साहू ने ईटीवी भारत में बातचीत कर अपने अनुभव शेयर किए.

राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित सुचिता साहू

सवाल- आपको राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, आप कैसा महसूस कर रही है?

जवाब- शिक्षक सुचिता साहू ने कहा बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं. यह उनके लिए अविस्मरणीय पल है. मुझे बहुत खुशी मिल रही है कि आज मेरे जीवन में सबसे बड़ा मुझे सम्मान मिला है. इसके बारे में मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. ये मेरी मेहनत का परिणाम है जो आज उन्हें सम्मान मिला है.

सवाल- किस तरह से आप बच्चो को पढ़ाती है?

जवाब- शिक्षिका ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए वह सारे प्रयास करती है. जिससे बच्चे विषयों को आसानी से समझ सके. कबाड़ से जुगाड़ बनाकर नवाचार के माध्यम से बहुत सारे सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण किया और बच्चों को उनके माध्यम से पढ़ाया. ऐसी पढ़ाई कराने से बच्चे आसानी से चीजों को समझ पाते हैं और जल्दी उनकी पकड़ बनती है.

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सवाल- शिक्षक का प्रोफेशन आपने कैसे चुना
जवाब- शिक्षक सूचित साहू ने बताया कि उनके दादा और उनके पिता शिक्षक थे. बाद में उनके पिता प्रिंसिपल बने. बचपन से ही उन्हें देखकर मुझे भी प्रेरणा मिलती थी. जिस तरह वे बच्चों के विकास के लिए और उनके व्यक्तित्व विकास को लेकर काम करते थे, तो मुझे भी उससे प्रेरणा मिली और मैंने भी शिक्षक बनने की ठानी.

सवाल- कोरोना संक्रमण काल में एजुकेशन सेक्टर काफी प्रभावित रहा उस दौरान बच्चों को किस तरह पढ़ाया

जवाब- कोरोना संक्रमण काल में बच्चे शिक्षा से जुड़े रहे, उसके लिए बहुत प्रयास किए गए. इस दौरान बहुत मेहनत की. बच्चों को ऑनलाइन ऑफलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया और मोहल्ला क्लास लगाकर भी उनकी पढ़ाई करवाई गई. इस दौरान घर-घर जाकर पालक को से संपर्क करके शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया.

शिक्षक ने बताया कि शिक्षा के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ, पालकों को और उनके परिजनों को भी स्कूल में बुलाकर और उनके घर में जाकर, अंगना में शिक्षा की सारी गतिविधियां बतलाई गई. इस दौरान बच्चे को घर में माता भी पढ़ाई करवा सके. शिक्षित कर सके इसके तहत कार्य किया गया और इसमें बहुत सफलता मिली.

सवाल- महामारी के दौरान शिक्षा का क्षेत्र बहुत प्रभावित रहा आने वाले दिनों में किस तरह की शिक्षा का पैटर्न होना चाहिए?

जवाब- शिक्षक सुचिता ने बताया कि उनके हिसाब से माताओं को शिक्षित करना यह बहुत ही महत्वपूर्ण काम है. आने वाले दिनों में तीसरी लहर की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा ना हो कि तीसरी लहरा जाए. अगर ऐसी स्थिति आ जाती है तो उस दौरान माताओं को पलकों लोगों को शिक्षित करें. ताकि उनके पालक उन्हें पढ़ा सकें और उनकी पढ़ाई वंचित ना. बाकी हम शिक्षक तो बच्चों को पढ़ाने के लिए मौजूद हैं.

सवाल- आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में आप किस तरह से और कार्य करेंगे?

जवाब- सुचिता साहू ने सूर्य का प्रकाश सभी को मिलता है. उसी तरह हम शिक्षकों का यही मानना है कि हम सभी बच्चों को बराबर रूप से पढ़ाए कराए. किसी प्रकार का भेदभाव ना हो और बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करें. उन्होंने ने कहा कि कोई भी बच्चा अगर बड़ा आदमी बनता है अपने जीवन में सफल होता तो हम शिक्षकों को बहुत गर्व महसूस होता है. जिस तरह से उन्हें सम्मान मिला है, ऐसे में अब उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है और वे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए और बेहतर कार्य करेंगी.

Last Updated : Sep 6, 2021, 4:58 PM IST
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