रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सब जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता की शुरुआत हुई. ये प्रतियोगिता 12 जनवरी तक चलेगी.जिसमें अलग-अलग कैटेगरी में मुकाबले होंगे. छत्तीसगढ़ तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष कैलाश मुरारका ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पूरे देश से 1000 बच्चे आए हैं. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बच्चे भी शामिल हुए हैं.
अलग-अलग कैटेगरी में मुकाबला : अलग-अलग कैटेगरी में तीरंदाजी प्रतियोगिता आयोजित की गई है. जिसमे इंडियन राउंड, रिकर्व और कंपाउंड राउंड इवेंट्स होंगे. जिसमें 16-16 अलग मेडल दिए जाएंगे. कैलाश मुरारका के मुताबिक छत्तीसगढ़ जब बना था तब हमारे पास कुछ नहीं था. ना कोच था मैनेजर, ना ही ग्राउंड था. आज हमारे पास 1000 खिलाड़ी हैं. हम लोग लगभग 100 मेडल इस प्रतियोगिता में ले चुके हैं.
तीरंदाजी है काफी महंगा खेल : कैलाश मुरारका ने बताया कि यह काफी महंगा खेल है. लेकिन दिमाग की कसरत भी ये करता है. खेल के लिए 2 से 3 लाख रुपए की जरुरत होती है. 3 से 4 हजार का एक-एक तीर होता है. लेकिन ये इंडिविजुअल गेम है. जिसका काफी बेनिफिट है. जब से छत्तीसगढ़ बना तब से यहां कोई जानकार व्यक्ति इस विभाग को नहीं मिला. इस कारण से छत्तीसगढ़ तीरंदाजी खेल पिछड़ा हुआ है.
अभ्यास से ही बनते हैं बेहतर खिलाड़ी : वही तीरंदाजी का प्रशिक्षण देने वाले कोच सतीश दुबे का कहना है कि 7 से 8 साल से तीरंदाजी सीखी जा सकती है. यह उपकरण अभ्यास पर डिपेंड करता है. दिन के दो से 6 घंटे तक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. इसके धनुष तीन प्रकार के होते हैं. जिसमें इंडियन राउंड, रिकर्व और कंपाउंड राउंड के धनुष होते हैं. इंडियन राउंड के धनुष लकड़ी के बने होते हैं. जबकि रिकर्व और कंपाउंड राउंड के धनुष कार्बन और एल्युमिनियम मिक्स के बने होते हैं.
''रिकर्व और कंपाउंड राउंड के धनुष तीन साढ़े तीन लाख के आते हैं. जबकि इंडियन राउंड लकड़ी के बने धनुष 8 से 10 हजार के बीच आ जाते हैं. इसके लिए कोई एकेडमी और सरकार भी खिलाड़ियों की मदद करती है.खिलाड़ियों को कम से कम प्रतिदिन 2 घंटे का अभ्यास जरूरी है.'' सतीश दुबे,कोच तीरंदाजी
तीरंदाजी में पारंगत होने के लिए कड़ी मेहनत की जरुरत : प्रतियोगिता में गुजरात से पहुंची खिलाड़ी हेमल ने बताया कि वह कंपाउंड राउंड में इंडिविजुअल भाग ले रही है. यहां पर अच्छा लग रहा है. इसके लिए लगातार प्रैक्टिस की है. वहीं खिलाड़ी नितिन ने बताया कि वह भी लगातार प्रतिदिन 8 से 10 घंटे अभ्यास करता है. नितिन के मुताबिक इस इक्विपमेंट के लिए थोड़ा बहुत गवर्नमेंट का सहयोग होता है. लेकिन ज्यादातर खुद से पैसे लगाने पड़ते हैं.
आपको बता दें कि 8 जनवरी को संपन्न हुए कंपाउंड इवेंट में कई राज्यों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.जिसमे रैंकिंग राउंड (60 मीटर + 60मीटर) में दिल्ली के अभी खत्री ने प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं मानव जाधव द्वितीय और गणेश मनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जो महाराष्ट्र से हैं. इसी प्रकार बालिका वर्ग में प्रथम स्थान पर दिल्ली से ऐश्वर्या शर्मा , द्वितीय स्थान पर दिल्ली से कुमुद सैनी, ओर तृतीय स्थान पर बी नागा साइ आंध्र प्रदेश ने हासिल किया.