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SPECIAL: छात्रों को प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

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Published : Jan 2, 2021, 1:14 PM IST

छत्तीसगढ़ में प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन के दौरान बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन एडमिशन में बच्चों की परेशानी बढ़ गई है. कई प्रोफेशनल कोर्सेज में सीट अब तक खाली हैं. विश्वविद्यालय की साइट क्रैश हो जाती है. इस वजह से ऑनलाइन फॉर्म भरने में देर होती है. पढ़िए पूरी खबर...

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एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

रायपुर: कोरोना वायरस ने हर क्षेत्र में तबाही मचाई है. कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ताले जड़े हुए हैं. छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन माध्यम अपनाया गया है. शुरुआती समय में परेशानी जरूर आई, लेकिन अब ये शिक्षा पाने का नया जरिया बन गया है. नए वर्ष के साथ ही एडमिशन का दौर भी शुरू हो चुका है. ऑनलाइन एडमिशन को लेकर छात्रों की परेशानी बढ़ गई है. इधर कई प्रोफेशनल कोर्सेज में सीट अब तक खाली हैं.

एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

पढ़ें: SPECIAL: शिक्षाविदों ने कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा को बताया बेहतर विकल्प, हायर सेकेंडरी की कक्षाएं खोलने की मांग

फार्मेसी में दो कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है. बी फार्मा और एम फार्मा इसमें मौजूद है. बी फार्मा में कुल 60 सीटें हैं. एम फार्मा में कुल 12 सीटें हैं. इस कोर्स के लिए व्यापम के माध्यम से एग्जाम कराया जाता है. उसके बाद काउंसलिंग की जाती है. B और M फार्मा में सारी सीटें फुल हो चुकी हैं.

पढ़ें: SPECIAL: मन की आंखों से भविष्य तराश रहे इस स्कूल के नेत्रहीन छात्र, ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग बना पढ़ाई का माध्यम

B.ed और M.ed में 50-50 सीटें

एजुकेशन कोर्स में भी दो कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है. इसमें B.ed और M.ed शामिल हैं. दोनों कोर्स में 50-50 सीटें हैं. इनमें एडमिशन की प्रक्रिया अभी चल रही है. SCERT से बच्चों का एडमिशन किया जाता है. SCERT विश्वविद्यालय को एक सूची भेजती है, जिसके आधार पर विश्वविद्यालय में बच्चों का चयन होता है.

Students are facing problems during admission in professional courses in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में छात्रों को हो रही परेशानी

फिजिकल एजुकेशन में 30 सीट

फिजिकल एजुकेशन कोर्स में भी दो कोर्स हैं. प्रोफेशनल नेशनल एजुकेशन ऑफ टीचर्स काउंसिल द्वारा संचालित है. बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन और मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन है. यह दो प्रोफेशनल कोर्सेज फिजिकल एजुकेशन में संचालित किए जाते हैं. दोनों कोर्स के लिए 30-30 सीटें हैं. यह सारी सीटें अभी भरी जा चुकी हैं. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर इन सीटों में छात्रों का एडमिशन करता है.

BA.llb में कुल 80 सीटें

लॉ कोर्स में भी दो प्रोफेशनल कोर्स चलाए जा रहे हैं. BA.llb और llM कोर्स मौजूद है. BA.llb में कुल 80 सीटें हैं. llM में 30 सीटें हैं. इन कोर्सेज में विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. दोनों कोर्स में सीटें भरी जा चुकी हैं. एमबीए में कुल 60 सीटें हैं. इस कोर्स में पूरी 60 सीटें भरी जा चुकी हैं. इस कोर्स में भी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर परीक्षा आयोजित करता है और छात्रों का एडमिशन करता है.

Students are facing problems during admission in professional courses in chhattisgarh
छात्रों को एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

कुछ प्रोफेशनल कोर्सेस में कम हुई है छात्रों की संख्या

कोरोना वायरस का असर एडमिशन पर देखने को नहीं मिल रहा है. कुछ कोर्सेस में विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है. यह कहना मुश्किल है कि यह महामारी के वजह से है या इसका कोई और कारण है. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ऑनलाइन क्लासेस ले रहा है. लगभग सभी छात्र ऑनलाइन क्लासेस में जुड़े रहे हैं.

प्रवेश परीक्षा नहीं होने की वजह से मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों का किया गया एडमिशन

हर साल प्रवेश पत्र परीक्षा के द्वारा इन कोर्सेस में एडमिशन दिए जाते हैं. इस साल कोविड-19 की वजह से प्रवेश परीक्षा नहीं हो पाई. मेरिट लिस्ट को ध्यान में रखते हुए छात्रों का एडमिशन किया गया है.

विद्यार्थियों ने एडमिशन के दौरान होने वाली परेशानियां बताईं


छात्रों को एडमिशन और एग्जाम के समय काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. अभी पीटीआरएसयू में एग्जाम हुआ है. उसमें बहुत सारे छात्रों को अबसेंट शो किया गया है. कई बार ऐसा होता है कि एग्जाम के बाद शीट सबमिट करते समय थोड़ी देर हो जाती है. शीट सबमिट तो हो जाता है, लेकिन बाद में रिजल्ट के समय छात्रों को विश्वविद्यालय अनुपस्थित दिखा देता है.

ऑनलाइन फॉर्म भरते समय छात्रों को आ रही परेशानी

एडमिशन के दौरान विद्यार्थियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा है. छात्रों ने बताया कि जब हम ऑनलाइन फॉर्म भरते हैं, तब कई बार विश्वविद्यालय की साइट क्रैश हो जाती है. ऑनलाइन फॉर्म भरने में देरी होती है. इसके साथ ही फॉर्म को ऑफलाइन सबमिट करने जाना पड़ता है. फॉर्म जमा करते वक्त लाइन में लगना पड़ता है.

सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता. फॉर्म जमा करते समय काफी लंबी लाइनें होती हैं. व्यवस्था ठीक से नहीं हो पाती. जब हम काउंसलिंग में जाते हैं, तो डेट निर्धारित कर दी जाती है, लेकिन शिक्षक की कमी होने पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. काउंसलिंग में अपने नंबर के आने तक लोग परेशान हो जाते हैं.

रायपुर: कोरोना वायरस ने हर क्षेत्र में तबाही मचाई है. कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ताले जड़े हुए हैं. छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन माध्यम अपनाया गया है. शुरुआती समय में परेशानी जरूर आई, लेकिन अब ये शिक्षा पाने का नया जरिया बन गया है. नए वर्ष के साथ ही एडमिशन का दौर भी शुरू हो चुका है. ऑनलाइन एडमिशन को लेकर छात्रों की परेशानी बढ़ गई है. इधर कई प्रोफेशनल कोर्सेज में सीट अब तक खाली हैं.

एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

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फार्मेसी में दो कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है. बी फार्मा और एम फार्मा इसमें मौजूद है. बी फार्मा में कुल 60 सीटें हैं. एम फार्मा में कुल 12 सीटें हैं. इस कोर्स के लिए व्यापम के माध्यम से एग्जाम कराया जाता है. उसके बाद काउंसलिंग की जाती है. B और M फार्मा में सारी सीटें फुल हो चुकी हैं.

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B.ed और M.ed में 50-50 सीटें

एजुकेशन कोर्स में भी दो कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है. इसमें B.ed और M.ed शामिल हैं. दोनों कोर्स में 50-50 सीटें हैं. इनमें एडमिशन की प्रक्रिया अभी चल रही है. SCERT से बच्चों का एडमिशन किया जाता है. SCERT विश्वविद्यालय को एक सूची भेजती है, जिसके आधार पर विश्वविद्यालय में बच्चों का चयन होता है.

Students are facing problems during admission in professional courses in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में छात्रों को हो रही परेशानी

फिजिकल एजुकेशन में 30 सीट

फिजिकल एजुकेशन कोर्स में भी दो कोर्स हैं. प्रोफेशनल नेशनल एजुकेशन ऑफ टीचर्स काउंसिल द्वारा संचालित है. बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन और मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन है. यह दो प्रोफेशनल कोर्सेज फिजिकल एजुकेशन में संचालित किए जाते हैं. दोनों कोर्स के लिए 30-30 सीटें हैं. यह सारी सीटें अभी भरी जा चुकी हैं. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर इन सीटों में छात्रों का एडमिशन करता है.

BA.llb में कुल 80 सीटें

लॉ कोर्स में भी दो प्रोफेशनल कोर्स चलाए जा रहे हैं. BA.llb और llM कोर्स मौजूद है. BA.llb में कुल 80 सीटें हैं. llM में 30 सीटें हैं. इन कोर्सेज में विश्वविद्यालय अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है. दोनों कोर्स में सीटें भरी जा चुकी हैं. एमबीए में कुल 60 सीटें हैं. इस कोर्स में पूरी 60 सीटें भरी जा चुकी हैं. इस कोर्स में भी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर परीक्षा आयोजित करता है और छात्रों का एडमिशन करता है.

Students are facing problems during admission in professional courses in chhattisgarh
छात्रों को एडमिशन और काउंसलिंग में हो रही परेशानी

कुछ प्रोफेशनल कोर्सेस में कम हुई है छात्रों की संख्या

कोरोना वायरस का असर एडमिशन पर देखने को नहीं मिल रहा है. कुछ कोर्सेस में विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है. यह कहना मुश्किल है कि यह महामारी के वजह से है या इसका कोई और कारण है. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ऑनलाइन क्लासेस ले रहा है. लगभग सभी छात्र ऑनलाइन क्लासेस में जुड़े रहे हैं.

प्रवेश परीक्षा नहीं होने की वजह से मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों का किया गया एडमिशन

हर साल प्रवेश पत्र परीक्षा के द्वारा इन कोर्सेस में एडमिशन दिए जाते हैं. इस साल कोविड-19 की वजह से प्रवेश परीक्षा नहीं हो पाई. मेरिट लिस्ट को ध्यान में रखते हुए छात्रों का एडमिशन किया गया है.

विद्यार्थियों ने एडमिशन के दौरान होने वाली परेशानियां बताईं


छात्रों को एडमिशन और एग्जाम के समय काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. अभी पीटीआरएसयू में एग्जाम हुआ है. उसमें बहुत सारे छात्रों को अबसेंट शो किया गया है. कई बार ऐसा होता है कि एग्जाम के बाद शीट सबमिट करते समय थोड़ी देर हो जाती है. शीट सबमिट तो हो जाता है, लेकिन बाद में रिजल्ट के समय छात्रों को विश्वविद्यालय अनुपस्थित दिखा देता है.

ऑनलाइन फॉर्म भरते समय छात्रों को आ रही परेशानी

एडमिशन के दौरान विद्यार्थियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा है. छात्रों ने बताया कि जब हम ऑनलाइन फॉर्म भरते हैं, तब कई बार विश्वविद्यालय की साइट क्रैश हो जाती है. ऑनलाइन फॉर्म भरने में देरी होती है. इसके साथ ही फॉर्म को ऑफलाइन सबमिट करने जाना पड़ता है. फॉर्म जमा करते वक्त लाइन में लगना पड़ता है.

सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता. फॉर्म जमा करते समय काफी लंबी लाइनें होती हैं. व्यवस्था ठीक से नहीं हो पाती. जब हम काउंसलिंग में जाते हैं, तो डेट निर्धारित कर दी जाती है, लेकिन शिक्षक की कमी होने पर लंबा इंतजार करना पड़ता है. काउंसलिंग में अपने नंबर के आने तक लोग परेशान हो जाते हैं.

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