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'PUBG' खेलने से घरवालों ने किया मना, तो नाबालिग ने कर ली खुदकुशी

इन दिनों ट्रेंड में चल रही गेम 'PUBG' के कारण सूरजपुर के विश्वा में एक नाबालिग ने आत्महत्या कर ली है.

PUBG craze
PUBG का दुष्प्रभाव
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Published : Jul 18, 2020, 4:09 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 8:12 PM IST

सूरजपुर: समय के साथ छात्रों और कम उम्र के बच्चों में मोबाइल गेम का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है. विश्वा में एक 17 वर्षीय छात्र ने 'PUBG' खेलने से मना करने पर खुदकुशी कर ली है.

'PUBG' खेलने से मना करने पर नाबालिग ने कर ली खुदकुशी

मृतक रितेश के पिता प्रेम सिंह बताते हैं कि उनका बेटा पिछले 1 साल से पब्जी गेम खेल रहा था. धीरे-धीरे उसके व्यवहार में परिवर्तन आने लगा. रितेश ने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की थी. गुरुवार को प्रेम सिंह ने उसे खेत में काम पर चलने के लिए कहा और गेम खेलने को मना किया जिससे रितेश नाराज हो गया और अपने पिता के कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया. सुबह जब प्रेम सिंह ने दरवाजा खोला तो उन्होंने रितेश को फांसी से लटका हुआ पाया. परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस पूरी घटना की जांच कर रही है.

पढ़ें: राजनांदगांव: पब्जी खेलने पर घरवालों ने लगाई डांट, तो बच्चे ने छोड़ दिया घर

बच्चों पर ध्यान देने की जरुरत

सोशल मीडिया के दौर में कम उम्र के बच्चों में बढ़ते मोबाइल गेम की लत के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए खुद परिवार और समाज को नए स्तर पर जागरूक होने की जरूरत है. डॉक्टर का कहना है कि माता- पिता को अपने बच्चों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है. बच्चों के परिजन जबतक मोबाइल गेम के दुष्प्रभाव को नहीं समझेंगे तब तक बच्चों में ऐसा मानसिक बीमारी बढ़ेगी जिसके भयंकर दुष्परिणाम हो सकते हैं.

मोबाइल गेम ने छीन ली जान

बदलते समय में मोबाइल की अहमियत जितनी बड़ी है, उतना ही इसका दुष्प्रभाव भी बढ़ रहा है. आज कम उम्र के बच्चों के साथ-साथ युवाओं में भी मोबाइल गेम का क्रेज बढ़ा है. मोबाइल गेम पबजी के जुनून ने एक छात्र की जिंदगी छीन ली और पूरे परिवार को जिंदगी भर का दर्द दे गया.

सूरजपुर: समय के साथ छात्रों और कम उम्र के बच्चों में मोबाइल गेम का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है. विश्वा में एक 17 वर्षीय छात्र ने 'PUBG' खेलने से मना करने पर खुदकुशी कर ली है.

'PUBG' खेलने से मना करने पर नाबालिग ने कर ली खुदकुशी

मृतक रितेश के पिता प्रेम सिंह बताते हैं कि उनका बेटा पिछले 1 साल से पब्जी गेम खेल रहा था. धीरे-धीरे उसके व्यवहार में परिवर्तन आने लगा. रितेश ने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की थी. गुरुवार को प्रेम सिंह ने उसे खेत में काम पर चलने के लिए कहा और गेम खेलने को मना किया जिससे रितेश नाराज हो गया और अपने पिता के कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया. सुबह जब प्रेम सिंह ने दरवाजा खोला तो उन्होंने रितेश को फांसी से लटका हुआ पाया. परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस पूरी घटना की जांच कर रही है.

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बच्चों पर ध्यान देने की जरुरत

सोशल मीडिया के दौर में कम उम्र के बच्चों में बढ़ते मोबाइल गेम की लत के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए खुद परिवार और समाज को नए स्तर पर जागरूक होने की जरूरत है. डॉक्टर का कहना है कि माता- पिता को अपने बच्चों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है. बच्चों के परिजन जबतक मोबाइल गेम के दुष्प्रभाव को नहीं समझेंगे तब तक बच्चों में ऐसा मानसिक बीमारी बढ़ेगी जिसके भयंकर दुष्परिणाम हो सकते हैं.

मोबाइल गेम ने छीन ली जान

बदलते समय में मोबाइल की अहमियत जितनी बड़ी है, उतना ही इसका दुष्प्रभाव भी बढ़ रहा है. आज कम उम्र के बच्चों के साथ-साथ युवाओं में भी मोबाइल गेम का क्रेज बढ़ा है. मोबाइल गेम पबजी के जुनून ने एक छात्र की जिंदगी छीन ली और पूरे परिवार को जिंदगी भर का दर्द दे गया.

Last Updated : Jul 18, 2020, 8:12 PM IST
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