रायपुर: मेडिकल कॉलेज रायपुर में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही. पार्किंग एरिया में धरने पर बैठे रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया है. वहीं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने पीपीई किट, मास्क और सर्जिकल ग्लव्स की खराब गुणवत्ता के आरोपों को खारिज कर दिया है.
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि गुणवत्ता खराब होने जैसी कोई बात ही नहीं है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल में उनकी परीक्षा ही मुख्य मुद्दा है. हम परीक्षा कराने की तैयारी में हैं. उन्होंने चिकित्सा शिक्षा संचालक से बात की है. जल्दी ही परीक्षा की तिथियां घोषित कर दी जाएगी.
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जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि उनकी सभी मांगें पूरी होने तक वे हड़ताल जारी रखेंगे. एसोसिएशन ने 15 अप्रैल से आपातकालीन सेवाओं और 18 अप्रैल से कोविड ड्यूटी का भी बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. जूनियर डॉक्टरों ने ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का अनुबंध दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष करने की शर्त रखी है.
ये है प्रमुख मांगें-
ग्रामीण क्षेत्र में सेवा के लिए प्रदेश भर में एक समान 95 हजार रुपये का स्टाइफंड प्रदान करने, छात्रवृत्ति बढ़ाकर इंटर्न डॉक्टर को 20 हजार, पीजी डॉक्टर प्रथम वर्ष को 80 हजार और पीजी डॉक्टर द्वितीय और तृतीय वर्ष को 85 हजार रुपये दिये जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही कोरोना ड्यूटी वालों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने, रेजिडेंट डॉक्टर को 10 हजार, पैरामेडिकल स्टाफ को 500, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 200 सौ रुपये देने सहित मेडिकल काउंसिल के मापदंडों के मुताबिक एमडी, एमएस और मेडिकल डिप्लोमा की परीक्षाएं आयोजित करने की मांग की गई है.
शहीद का दर्जा देने की मांग
गवर्नर अनुसुइया उइके को पत्र लिख कर कोरोना काल में रेजिडेंट डाक्टरों की मृत्यु पर शहीद का दर्जा देने की भी मांग की गई है.