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ऐसे रखी गई प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय हॉस्पिटल भीमराव अंबेडकर की नींव

देश आज संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मना रहा है. अंबेडकर को गरीबों के मसीहा के रूप में जाना जाता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल का नाम डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल पड़ा.

Bhimrao Ambedkar Hospital
भीमराव अंबेडकर अस्पताल
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Published : Apr 14, 2021, 12:30 PM IST

रायपुर: भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. देश की आजादी के बाद वह पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने थे. 1 नवम्बर 1995 को तत्कालीन मध्यप्रदेश के रायपुर में (अब छत्तीसगढ़) डॉ भीमराव अम्बेडकर अस्पताल अस्तित्व में आया था. यह अस्पताल पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबंधित है. इसकी शुरुआत साल 1995 में 700 बेड से की गई थी.

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प्रदेश में सिर्फ यहीं होता है तृतीयक स्तर इलाज

बीआर अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल पंडित जेएनएम मेडिकल कॉलेज से संबंधित है. यह प्रदेश का एकमात्र अस्पताल है, जहां तृतीयक स्तर के इलाज की व्यवस्था है. यह राज्य की अनुमानित 2.5 करोड़ आबादी को विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है. यहां प्रदेश के सभी जिलों से लोग इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में ओपीडी सेवा के साथ 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं भी हैं. ओपीडी रविवार को छोड़कर रोज सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलती है.

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हर दिन 2 हजार मरीजों का होता है इलाज

वर्तमान में प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में 22 विभाग संचालित हैं. यहां के बाह्य रोगी विभाग में हर दिन लगभग 2000 से भी अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं. वर्तमान में यहां 1,240 बेड हैं. इसमें से 500 बिस्तरों को विशेषीकृत कोविड वार्ड बनाया गया है.

रायपुर: भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. देश की आजादी के बाद वह पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने थे. 1 नवम्बर 1995 को तत्कालीन मध्यप्रदेश के रायपुर में (अब छत्तीसगढ़) डॉ भीमराव अम्बेडकर अस्पताल अस्तित्व में आया था. यह अस्पताल पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबंधित है. इसकी शुरुआत साल 1995 में 700 बेड से की गई थी.

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