रायपुर : छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता कनक तिवारी के इस्तीफे को लेकर खलबली मची हुई है. सीएम का कहना है कि तिवारी ने इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने वो मंजूर भी कर लिया है, वहीं कनक तिवारी ने फेसबुक पोस्ट पर इस्तीफा दिए जाने से साफ इंकार कर दिया है. हालांकि इस उलझे हुए मामले ने सरकार और महाधिवक्ता के बीच बढ़ती दूरियों की ओर जरूर संकेत दिया है.
बस्तर से लौटते ही महाधिवक्ता कनक तिवारी के इस्तीफे की खबर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुहर लगा दी. साथ ही उनकी जगह पर नई नियुक्ति की बात भी कह दी. इसके बाद प्रदेश में हलचल बढ़ गई. मीडिया में खबर आग की तरह फैली और सभी जगह कनक तिवारी के इस्तीफे की खबर चलाई जाने लगी.
कुछ ही देर बाद कनक तिवारी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस्तीफा नहीं दिए जाने की जानकारी दी. कनक तिवारी की पत्नी ने भी उनके द्वारा इस्तीफा नहीं दिए जाने की बात कही. सीएम का इस्तीफा मंजूर करना और तिवारी का इस्तीफा देने की बात का खंडन इन दोनों बयानों से सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कनक तिवारी ने इस्तीफा दिया है या अफवाह के आधार पर मुख्यमंत्री ने बयान दे दिया.
क्या सरकार और महाधिवक्ता के बीच बढ़ गई हैं दूरी ?
कनक तिवारी को सही माने तो उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात करें तो बस्तर दौरे से लौटते ही उन्होंने मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर इतनी दृढ़ता से इस्तीफा मंजूर किए जाने का जवाब दिया. इस मामले में सवाल ये उठता है कि क्या भूपेश बघेल और कनक तिवारी के बीच संवाद की कमी रही.
हालांकि अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है कि महाधिवक्ता कनक तिवारी ने इस्तीफा दिया है या नहीं, लेकिन इस उथल-पुथल ने साफ कर दिया है कि सरकार और महाधिवक्ता में दूरियां बढ़ रही हैं.
कौन हैं कनक तिवारी ?
कनक तिवारी वर्तमान में छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता हैं इसके अलावा वे गांधीवादी विचारक के रूप में पहचान रखते हैं. वे कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं. उन्हें राष्ट्र और समाज के चिंतक के तौर पर पहचाना जाता है. वे बेहद कुशल वक्ता और लेखक भी हैं.
NOTE - कनक तिवारी के इस्तीफे के खंडन को लेकर सामने आए ऑडियो की ETV भारत पुष्टि नहीं करता.