रायपुर : लोगों के बीच परिवार के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दुनिया भर में हर साल 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है. इसके तहत संयुक्त परिवार के महत्व और जीवन में परिवार की जरुरत के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है. बता दें कि पहली बार अमेरिका ने विश्व परिवार दिवस मनाने की पहल की थी.
इन दिनों लोगों के बीच एकल परिवार का प्रचलन बढ़ रहा है. ऐसे में लोग परिवार के साथ रहने से बच रहे है. इसका प्रभाव बच्चों में भी देखने को मिल रहा है. एकल परिवार होने के कारण बच्चों में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. एकल परिवार का सबसे ज्यादा असर घर में पल रहे बच्चों पर देखने को मिलता है. बच्चे नाना-नानी की कहानियों से ज्यादा मोबाईल और अन्य डिजिटल माध्यमों में उलझे दिखाई देते हैं. दादा-दादी की लोरियों से ज्यादा वीडियो गेम्स फंसते जा रहे हैं. ऐसे वक्त में परिवार दिवस लोगों को परिवार की अहमियत समझाने का एक जरिया है.
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विश्व परिवार दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1993 में संकल्प आरईएस/47/237 के साथ इस दिवस की घोषणा की थी . इसके बाद से ही हर साल 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है. विश्व परिवार दिवस संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने मनाना शुरु किया था. 15 मई 1994 के दिन पहली बार विश्व परिवार दिवस मनाया गया.
ETV भारत ने लोगों से की बात
विश्व परिवार दिवस के अवसर पर ETV भारत ने राजधानी में लोगों से बात की. इस दौरान लोगों ने बताया कि 'परिवारों के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं. बच्चो पर इसके विपरित प्रभाव देखने को मिलते हैं'. इसके साथ ही कई लोगों ने परिवार की अहमियत साझा करते हुए बताया कि 'परिवार के साथ रहने से किस तरह परेशानियों से आसानी से निपटा जा सकता है. साथ ही सम्मान, आदर और संस्कारों का फ्लों बच्चों के बीच बना रहता है'.