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LOKSABHA ELECTION 2019 : जानिए, छत्तीसगढ़ में 2009 और 2014 में हुए चुनावों के आंकड़े - चुनाव तारीखों का एलान

लोकसभा चुनाव की तारीखों का बिगुल बज चुका है. आईए जानते है पिछले चुनावों से जुड़े तमाम आंकड़े.

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Published : Mar 10, 2019, 10:06 PM IST

रायपुर : लोकसभा चुनाव की तारीखों का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 11 सीटों में से 10 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं, दोनों चुनाव में कांग्रेस को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा. आपको बताते हैं पिछले चुनावों से जुड़े तमाम आंकड़े.

11 लोकसभा सीट
छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं जिनमें रायपुर, लोकसभा, दुर्ग, बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा और महासमुंद सीट शामिल हैं.

4 ST और 1SC आरक्षित
11 लोकसभा सीटों में से 4 सीटें सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कांकेर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, वहीं 1 सीट जांजगीर-चांपा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, बाकी 6 सीटें सामान्य हैं.

भाजपा 10, कांग्रेस 1
साल 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 11 में 10 सीटें गई और कांग्रेस को महज 1 सीट से ही संतोष करना पड़ा. साल 2009 में कोरबा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ही जीत दर्ज कर पाए. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने जीत दर्ज की थी.

2014 में तीन चरणों में हुई थी वोटिंग
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले गए थे. पहले चरण के लिए 10 अप्रैल 2014 को बस्तर लोकसभा सीट के लिए वोट डाले गए, इस चरण में 47 फीसदी वोटिंग हुई. करीब 80 फीसदी पोलिंग बूथ अतिसंवेदनशील थे, जिसमें से करीब 10 पोलिंग बूथ पर नक्सल हिंसा की भी खबरें आईं.

17 अप्रैल 2014 को दूसरे चरण के लिए तीन सीटों राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर के लिए मतदान हुआ. इस चरण में तीनों सीटों पर औसत 64 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. वहीं 24 अप्रैल 2014 को बाकी बची 7 सीटों पर मतदान हुआ जहां मतदान हुआ, जिसमें 66 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया.

रायपुर लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को 1 लाख 71 हजार वोटों से पराजित किया. रमेश बैस ने इस सीट से लगातार छठवां और कुल सातवां लोकसभा चुनाव जीता. 2009 में रमेश बैस ने कांग्रेस उम्मीदवार और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हराया था.

सरगुजा लोकसभा सीट
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमलभान सिंह मरावी ने कांग्रेस के राम देव राम को 1 लाख 47 हजार वोटों से हराया. वहीं 2009 में भी ये सीट भाजपा के ही पास थी, भाजपा के मुरारी लाल सिंह ने कांग्रेस के भानुप्रताप सिंह को हराया था.

रायगढ़ लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के विष्णुदेव साय ने कांग्रेस की आरती सिंह को 2 लाख 16 हजार वोटों से हराया था. विष्णुदेव साय प्रदेश के एकमात्र सांसद हैं जिन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली और उन्हें इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया. 2009 में भी विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के हृदयराम राठिया को पराजित किया था.

बिलासपुर लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के लखनलाल साहू ने कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 1 लाख 76 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. करुणा शुक्ला पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी हैं और 2014 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई थीं. वहीं 2009 में भाजपा के कद्दावर नेता स्व. दिलीप सिंह जुदेव ने कांग्रेस की डॉ. रेणु जोगी को पराजित किया था.

जांजगीर लोकसभा सीट
2014 और 2009 दोनों ही लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की कमला देवी पाटले ने जीत दर्ज की. पाटले ने 2009 में कांग्रेस के शिव डहरिया और 2014 में प्रेमचंद जायसी को पटखनी दी.

कोरबा लोकसभा सीट
कोरबा से साल 2009 में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भाजपा की तत्कालीन सांसद करुणा शुक्ला को पराजित किया था, तब ये ही एक मात्र सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस इस सीट को बरकरार नहीं रख सकी और भाजपा के बंशीलाल महतो से चरणदास महंत कड़े मुकाबले में महज 4 हजार 6सौ वोटों से हार गए.

राजनांदगांव लोकसभा सीट
2014 में इस सीट से भाजपा ने पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को मैदान में उतारा, अभिषेक ने कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 2 लाख 36 हजार वोटों से पराजित किया. 2009 में इस सीट से भाजपा के मधुसूदन यादव ने कांग्रेस के देवव्रत सिंह को पराजित किया था.

दुर्ग लोकसभा सीट
2014 के लोकसभा चुनाव में ये एकमात्र सीट ही कांग्रेस के खाते में गई, जहां से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने भाजपा की तत्कालीन सांसद और कद्दावर नेता सरोज पांडे को करीब 17 हजार वोट से हराकर बड़ा उलटफेर किया. 2009 में सरोज पांडे ने इस सीट से कांग्रेस के प्रदीप चौबे को पराजित किया था.

महासमुंद लोकसभा सीट
2014 में इस सीट पर सबसे रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जहां पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के चंदुलाल साहू से महज 12सौ वोटों से हार गए. रोचक था कि इस सीट से 12 चंदूलाल साहू नाम के उम्मीदवार मैदान में थे। 2009 में भी चंदूलाल साहू ने ही ये सीट जीती थी.

कांकेर लोकसभा सीट
2014 में इस सीट से भाजपा के विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को करीब 35 हजार वोटों से पराजित किया. हाल ही में विक्रम उसेंडी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. 2009 में भाजपा के सोहन पोटाई चुनाव जीते थे, जो 2014 में टिकट काटे जाने से नाराज होकर पार्टी को अलविदा कह गए.

बस्तर लोकसभा सीट
इस सीट से 2009 और 2014 दोनों ही लोकसभा सीट पर भाजपा के दिनेश कश्यप ने जीत दर्ज की. ये सीट भाजपा के दिग्गज नेता स्व. बलिराम कश्यप की परंपरागत सीट रही है.

रायपुर : लोकसभा चुनाव की तारीखों का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 11 सीटों में से 10 सीटें भाजपा के खाते में गई हैं, दोनों चुनाव में कांग्रेस को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा. आपको बताते हैं पिछले चुनावों से जुड़े तमाम आंकड़े.

11 लोकसभा सीट
छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं जिनमें रायपुर, लोकसभा, दुर्ग, बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा और महासमुंद सीट शामिल हैं.

4 ST और 1SC आरक्षित
11 लोकसभा सीटों में से 4 सीटें सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कांकेर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, वहीं 1 सीट जांजगीर-चांपा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, बाकी 6 सीटें सामान्य हैं.

भाजपा 10, कांग्रेस 1
साल 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 11 में 10 सीटें गई और कांग्रेस को महज 1 सीट से ही संतोष करना पड़ा. साल 2009 में कोरबा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ही जीत दर्ज कर पाए. वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने जीत दर्ज की थी.

2014 में तीन चरणों में हुई थी वोटिंग
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले गए थे. पहले चरण के लिए 10 अप्रैल 2014 को बस्तर लोकसभा सीट के लिए वोट डाले गए, इस चरण में 47 फीसदी वोटिंग हुई. करीब 80 फीसदी पोलिंग बूथ अतिसंवेदनशील थे, जिसमें से करीब 10 पोलिंग बूथ पर नक्सल हिंसा की भी खबरें आईं.

17 अप्रैल 2014 को दूसरे चरण के लिए तीन सीटों राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर के लिए मतदान हुआ. इस चरण में तीनों सीटों पर औसत 64 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. वहीं 24 अप्रैल 2014 को बाकी बची 7 सीटों पर मतदान हुआ जहां मतदान हुआ, जिसमें 66 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया.

रायपुर लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को 1 लाख 71 हजार वोटों से पराजित किया. रमेश बैस ने इस सीट से लगातार छठवां और कुल सातवां लोकसभा चुनाव जीता. 2009 में रमेश बैस ने कांग्रेस उम्मीदवार और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हराया था.

सरगुजा लोकसभा सीट
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमलभान सिंह मरावी ने कांग्रेस के राम देव राम को 1 लाख 47 हजार वोटों से हराया. वहीं 2009 में भी ये सीट भाजपा के ही पास थी, भाजपा के मुरारी लाल सिंह ने कांग्रेस के भानुप्रताप सिंह को हराया था.

रायगढ़ लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के विष्णुदेव साय ने कांग्रेस की आरती सिंह को 2 लाख 16 हजार वोटों से हराया था. विष्णुदेव साय प्रदेश के एकमात्र सांसद हैं जिन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली और उन्हें इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया. 2009 में भी विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के हृदयराम राठिया को पराजित किया था.

बिलासपुर लोकसभा सीट
2014 में भाजपा के लखनलाल साहू ने कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 1 लाख 76 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. करुणा शुक्ला पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी हैं और 2014 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई थीं. वहीं 2009 में भाजपा के कद्दावर नेता स्व. दिलीप सिंह जुदेव ने कांग्रेस की डॉ. रेणु जोगी को पराजित किया था.

जांजगीर लोकसभा सीट
2014 और 2009 दोनों ही लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा की कमला देवी पाटले ने जीत दर्ज की. पाटले ने 2009 में कांग्रेस के शिव डहरिया और 2014 में प्रेमचंद जायसी को पटखनी दी.

कोरबा लोकसभा सीट
कोरबा से साल 2009 में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भाजपा की तत्कालीन सांसद करुणा शुक्ला को पराजित किया था, तब ये ही एक मात्र सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस इस सीट को बरकरार नहीं रख सकी और भाजपा के बंशीलाल महतो से चरणदास महंत कड़े मुकाबले में महज 4 हजार 6सौ वोटों से हार गए.

राजनांदगांव लोकसभा सीट
2014 में इस सीट से भाजपा ने पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को मैदान में उतारा, अभिषेक ने कांग्रेस के कमलेश्वर वर्मा को 2 लाख 36 हजार वोटों से पराजित किया. 2009 में इस सीट से भाजपा के मधुसूदन यादव ने कांग्रेस के देवव्रत सिंह को पराजित किया था.

दुर्ग लोकसभा सीट
2014 के लोकसभा चुनाव में ये एकमात्र सीट ही कांग्रेस के खाते में गई, जहां से कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने भाजपा की तत्कालीन सांसद और कद्दावर नेता सरोज पांडे को करीब 17 हजार वोट से हराकर बड़ा उलटफेर किया. 2009 में सरोज पांडे ने इस सीट से कांग्रेस के प्रदीप चौबे को पराजित किया था.

महासमुंद लोकसभा सीट
2014 में इस सीट पर सबसे रोमांचक मुकाबला देखने को मिला, जहां पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के चंदुलाल साहू से महज 12सौ वोटों से हार गए. रोचक था कि इस सीट से 12 चंदूलाल साहू नाम के उम्मीदवार मैदान में थे। 2009 में भी चंदूलाल साहू ने ही ये सीट जीती थी.

कांकेर लोकसभा सीट
2014 में इस सीट से भाजपा के विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को करीब 35 हजार वोटों से पराजित किया. हाल ही में विक्रम उसेंडी को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. 2009 में भाजपा के सोहन पोटाई चुनाव जीते थे, जो 2014 में टिकट काटे जाने से नाराज होकर पार्टी को अलविदा कह गए.

बस्तर लोकसभा सीट
इस सीट से 2009 और 2014 दोनों ही लोकसभा सीट पर भाजपा के दिनेश कश्यप ने जीत दर्ज की. ये सीट भाजपा के दिग्गज नेता स्व. बलिराम कश्यप की परंपरागत सीट रही है.

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