रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की गठित एसआईटी की टीम ने मंगलवार को दौलत रोहड़ा को राजधानी के सिविल लाइन थाने में तलब किया गया था, लेकिन SIT की टीम ने यहां उनका बयान नहीं दर्ज किया है. अब दौलत रोहड़ा का बयान SIT की टीम भिलाई में दर्ज करेगी.
इधर, रायपुर में मीडिया से बात करते हुए दौलत रोहड़ा ने बताया कि एसआईटी के अधिकारी यहां पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि अब उनका बयान भिलाई में लिया जाएगा. जिसके बाद दौलत रोहड़ा सिविल लाइन थाने से निकलकर भिलाई के लिए रवाना हो गए.
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम नक्सली हमले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है. कांग्रेस की ओर से लगातार आरोपों की झड़ी के बाद NIA ने बयान के लिए झीरम हमले के प्रत्यक्षदर्शी और विद्याचरण शुक्ल के करीबी माने जाने वाले दौलत रोहड़ा को 27 जून को राजधानी के मौलश्री विहार स्थित NIA के ऑफिस बयान के लिए बुलाया गया था, लेकिन उस समय दौलत रोहड़ा ने बयान देने में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद बयान नहीं हो पाया था.
दौलत रोहड़ा झीरम नक्सली मामले के प्रत्यक्षदर्शी हैं. 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सली हमला हुआ था, जिसकी जांच NIA कर रही थी. इस घटना के 2 महीने के बाद बयान के लिए NIA ने उन्हें बुलाया गया था, लेकिन अधिकारियों के नहीं होने के कारण बयान नहीं हो सका था. साल 2014-15 में चार्ज शीट बनाकर अदालत में पेश किया था और रोहड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर बयान देने में असमर्थता जताई थी. दौलत अरोड़ा झीरम नक्सली हमले के समय विद्या चरण शुक्ला के साथ मौजूद थे.
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27 जून को NIA ने नोटिस जारी किया था और बयान के लिए रोहड़ा को बुलाया था, लेकिन दौलत रोहड़ा ने कहा था कि इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस वजह से उन्होंने बयान देने से इंकार कर दिया था, लेकिन एनआईए ने नोटिस जारी किया था इस वजह से वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने एनआईए के ऑफिस पहुंचे थे.
कांग्रेस सरकार ने लगाए NIA पर गंभीर आरोप
बता दें, झीरम नक्सली हमले की जांच के लिए राज्य सरकार के द्वारा एसआईटी टीम गठित की गई है. कांग्रेस का मानना है कि एनआईए के द्वारा इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है. इसके बाद राज्य सरकार सहित कांग्रेस ने NIA से जांच रिपोर्ट एसआईटी को सौंपी जाने की मांग की थी. जिसके बाद अब इसकी जांच एनआईए के बजाय SIT टीम के द्वारा की जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि झीरम नक्सली हमले की जांच अब आगे बढ़ पाएगी.