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प्यार के झूठे जाल में फंसकर आर्थिक स्वतंत्रता न खोये-किरणमयी नायक

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Published : Jan 8, 2021, 12:49 AM IST

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक ने रायपुर में जन सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने कई प्रकरणों में अहम फैसले सुनाये.

chhattisgarh Women Commission chairperson
रायपुर में जन सुनवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने रायपुर में कई प्रकरण में सुनवाई की. गुरुवार को प्रस्तुत एक प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष किरणमई नायक ने नाराजगी जाहिर की और संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को उसे आयोग के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश दिए हैं.

एक आवेदक महिला ने आरोप लगाया कि उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करके पूरी संपत्ति संबंधित ने हड़प ली हैं. इसके चलते महिला के ऊपर लगभग एक करोड़ का कर्ज हो चुका हैं.आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं को इस बात के लिए सतर्क किया है कि प्यार के झूठे जाल में फंसकर अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को न खोये. टीनएजर अपना संयम बनाये रखे. समय की नजाकत को ध्यान में रखते हुए सावधानी से कार्य करें.

'पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने से होती है सुविधा'

एक अन्य प्रकरण में भरण-पोषण के लिए पति, पत्नि को प्रतिमाह पचास हजार रुपये देने पर सहमत हुआ. आयोग ने दम्पति को आगामी मई में सुनवाई के लिए समय दिया है.गुरुवार के एक अन्य प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्याय करने में सुविधा होती है. प्रार्थी और अनावेदक प्रकरण के संदर्भ में पूरी जानकारी प्रस्तुत करें. ताकि न्याय में अनावश्यक देरी न हो.

पढ़ें-'महिलाओं को न्याय देने का मतलब ये नहीं कि पुरुषों के साथ जानबूझकर अन्याय हो'

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में उन्होंने कहा कि पारिवारिक जीवन के सफल निर्वहन के लिए पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता हो. किसी प्रकार की अनबन होने पर पति का नैतिक दायित्व है कि पत्नि और बच्चों के सम्पूर्ण भरण पोषण पर ध्यान दें. इसी तरह वैधानिक तलाक के बिना दूसरी शादी करना अपराध है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने रायपुर में कई प्रकरण में सुनवाई की. गुरुवार को प्रस्तुत एक प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष किरणमई नायक ने नाराजगी जाहिर की और संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को उसे आयोग के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश दिए हैं.

एक आवेदक महिला ने आरोप लगाया कि उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करके पूरी संपत्ति संबंधित ने हड़प ली हैं. इसके चलते महिला के ऊपर लगभग एक करोड़ का कर्ज हो चुका हैं.आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं को इस बात के लिए सतर्क किया है कि प्यार के झूठे जाल में फंसकर अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को न खोये. टीनएजर अपना संयम बनाये रखे. समय की नजाकत को ध्यान में रखते हुए सावधानी से कार्य करें.

'पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने से होती है सुविधा'

एक अन्य प्रकरण में भरण-पोषण के लिए पति, पत्नि को प्रतिमाह पचास हजार रुपये देने पर सहमत हुआ. आयोग ने दम्पति को आगामी मई में सुनवाई के लिए समय दिया है.गुरुवार के एक अन्य प्रकरण में आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्याय करने में सुविधा होती है. प्रार्थी और अनावेदक प्रकरण के संदर्भ में पूरी जानकारी प्रस्तुत करें. ताकि न्याय में अनावश्यक देरी न हो.

पढ़ें-'महिलाओं को न्याय देने का मतलब ये नहीं कि पुरुषों के साथ जानबूझकर अन्याय हो'

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में उन्होंने कहा कि पारिवारिक जीवन के सफल निर्वहन के लिए पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता हो. किसी प्रकार की अनबन होने पर पति का नैतिक दायित्व है कि पत्नि और बच्चों के सम्पूर्ण भरण पोषण पर ध्यान दें. इसी तरह वैधानिक तलाक के बिना दूसरी शादी करना अपराध है.

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