रायपुर : प्रदेश में स्टांप वेंडरों की संख्या लगभग 4500 है. अपनी 10 सूत्रीय मांग को लेकर पंजीयक महानिरीक्षक एवं मुद्रांक छत्तीसगढ़ रायपुर को अपनी मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था. जिसको लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. जिसके कारण मजबूरन स्टांप वेंडरों को 15 जून से 21 जून तक काली पट्टी लगाकर काम करने के लिए मजबूर होंगे. इस प्रदर्शन के बाद सरकार मांग पूरी नहीं करती है, तो रणनीति बनाकर प्रदेश स्तर पर हड़ताल की जाएगी.
स्टांप वेंडर्स के सामने समस्या : प्रदेश सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओ से लेकर कृषक लघुवेतन कर्मचारी जैसे संगठनों की मांग पर सरकार ने विचार करते हुए उनकी मांगों को पूरा किया है. लेकिन छत्तीसगढ़ दस्तावेज एवं स्टांप वेंडर जन कल्याण संघ की मांग पर सरकार कोई ठोस पहल नहीं की है. स्टांप वेंडर संघ का कहना है कि वर्षों पूर्व निर्धारित लिखाई दर जिसमें अधिकतम आय 75 रुपये है, जो बहुत ही कम है. ट्रेजरी स्टांप में 2 रुपए स्टांप वेंडरों को मिलने वाला कमीशन भी ई स्टांप के आने के बाद बंद कर दी गई है. स्टांप बिक्री पंजीयन आय के स्रोत राज्य सरकार को मिलने वाली राजस्व प्राप्ति में स्टांप वेंडरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है.
क्या है स्टांप वेंडर्स की मांग: स्टांप वेंडरों ने सरकार के सामने अपनी दस सूत्रीय मांग रखी है.
01. वर्षों पुरानी दस्तावेज लेखन के लिए फीस में बढ़ोतरी की जाए.
02. पूरे प्रदेश के समस्त रजिस्ट्री ऑफिस में दस्तावेज लेखन के नियम में एकरूपता लाई जानी चाहिए.
03. प्रदेश पंजीयन कार्यालय में कार्यरत लेखक एवं स्टांप वेंडरों के लिए बैठक की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.
04. रजिस्ट्री कार्य हेतु दस्तावेज लेखन का कार्य केवल लाइसेंस धारी दस्तावेज लेखकों को प्रदान किया जाना चाहिए.
05. ई स्टांप के कार्य का एकाधिकार लाइसेंस धारी स्टांप विक्रेता को ही प्रदान किया जाना चाहिए.
06. ई स्टांप पर कमीशन मैनुअल स्टांप की तरह 2% दिया जाना चाहिए.
07. ई स्टांप फंड की राशि के नियम को सरल किया जाना चाहिए.
08. दस्तावेज लेखक एवं स्टांप वेंडरों का लाइसेंस का नवीनीकरण दस्तावेज लेखक जन कल्याण संघ की अनुशंसा पर किया जाए.
09. लाइसेंसी दस्तावेज लेखकों एवं स्टांप वेंडरों को पेंशन और बीमा योजना का लाभ दिया जाना चाहिए.
10. लेखन कार्य डिजिटल होने के कारण दस्तावेज लेखकों को एक सहायक नियुक्त करने का अधिकार दिया जाना चाहिए.