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रायपुर: ड्रग्स केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन

रायुपर पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. ड्रग्स के कारोबार में लिप्त 10 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब रायपुर एसएसपी ने अजय यादव ने ड्रग्स के केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया है.

Special team formed for action in drugs case
आईपीएस अंकिता शर्मा
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Published : Oct 15, 2020, 6:15 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 9:03 PM IST

रायपुर: पुलिस उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजय यादव ने ड्रग्स के केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन किया है. जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर लखन पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक महेश्वरी समेत साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू शामिल है. रायपुर एसएसपी अजय यादव ने सभी थाने सीएसपी और टीआई को भी ड्रग्स के सौदागरों के खिलाफ विशेष कार्रवाई करने के दिशा निर्देश दिए हैं.

ड्रग्स केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन

राजधानी पुलिस ड्रग्स के मामले में कार्रवाई कर रही है. कई अपराधियों को पकड़ा जा चुका है. पकड़े गए अपराधियों के मोबाइल से डाटा भी निकाला जा रहा है. जिसमें चार्ट रिकॉर्ड, फोटो, वीडियो सभी शामिल है. दरअसल, ड्रग्स का कारोबार करने वाले ज्यादातर लोग इंटरनेट और डार्क वेब के माध्यम से ड्रग्स खरीदने और बेचने का काम करते हैं. हालांकि रायपुर पुलिस के अनुसार अभी तक पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने डार्क वेब के इस्तेमाल से इनकार किया है. लेकिन अभी भी ऐसे कई बड़े और रसूखदार लोग हैं जो कई सालों से ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं और पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

पढ़ें-रायपुर: नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी, 2 और आरोपी गिरफ्तार

आईपीएस अंकिता शर्मा ने बताया कि हाल ही में ड्रग्स के मामले में जितने भी लोग पकड़ाए हैं. सब से पूछताछ की जा रही है और उनके बैकग्राउंड के बारे में पता लगाया जा रहा है. इसके साथ ही आरोपियों के मोबाइल फोन से सोशल मीडिया चैट और डाटा को भी रिकवर किया जा रहा है. लोगों को पार्टियों में आकर्षित करने के लिए फोटो और वीडियो का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर किया गया है. लेकिन ड्रग्स को लेकर पब्लिकली पोस्ट सोशल मीडिया में नहीं है. फिलहाल इन आरोपियों द्वारा डार्क वेब का इस्तेमाल सामने नहीं आया है. पुलिस इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.

क्या है डार्क वेब ?

वहीं साइबर क्राइम एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि दुनिया में ज्यादातर साइबर अपराधी डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं. ज्यादा होने वाले अपराधों में ड्रग्स डीलिंग, ऑर्गन डीलिंग, आर्म्स डीलिंग, इनफॉरमेशन गैदरिंग और हैकिंग की एक्टिविटीज होती है. जितने भी तरह के लिए अवैध काम होते हैं, ज्यादातर डार्क वेब से किए जाते हैं. इसको इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग ब्राउजर्स भी उपलब्ध होते हैं. साइबर अपराधियों के साथ-साथ देश की इंटेलिजेंस एजेंसी और इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जी इसका इस्तेमाल करती है.

रायपुर: पुलिस उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजय यादव ने ड्रग्स के केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन किया है. जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर लखन पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक महेश्वरी समेत साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू शामिल है. रायपुर एसएसपी अजय यादव ने सभी थाने सीएसपी और टीआई को भी ड्रग्स के सौदागरों के खिलाफ विशेष कार्रवाई करने के दिशा निर्देश दिए हैं.

ड्रग्स केस में कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन

राजधानी पुलिस ड्रग्स के मामले में कार्रवाई कर रही है. कई अपराधियों को पकड़ा जा चुका है. पकड़े गए अपराधियों के मोबाइल से डाटा भी निकाला जा रहा है. जिसमें चार्ट रिकॉर्ड, फोटो, वीडियो सभी शामिल है. दरअसल, ड्रग्स का कारोबार करने वाले ज्यादातर लोग इंटरनेट और डार्क वेब के माध्यम से ड्रग्स खरीदने और बेचने का काम करते हैं. हालांकि रायपुर पुलिस के अनुसार अभी तक पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने पर उन्होंने डार्क वेब के इस्तेमाल से इनकार किया है. लेकिन अभी भी ऐसे कई बड़े और रसूखदार लोग हैं जो कई सालों से ड्रग्स का कारोबार कर रहे हैं और पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

पढ़ें-रायपुर: नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी, 2 और आरोपी गिरफ्तार

आईपीएस अंकिता शर्मा ने बताया कि हाल ही में ड्रग्स के मामले में जितने भी लोग पकड़ाए हैं. सब से पूछताछ की जा रही है और उनके बैकग्राउंड के बारे में पता लगाया जा रहा है. इसके साथ ही आरोपियों के मोबाइल फोन से सोशल मीडिया चैट और डाटा को भी रिकवर किया जा रहा है. लोगों को पार्टियों में आकर्षित करने के लिए फोटो और वीडियो का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर किया गया है. लेकिन ड्रग्स को लेकर पब्लिकली पोस्ट सोशल मीडिया में नहीं है. फिलहाल इन आरोपियों द्वारा डार्क वेब का इस्तेमाल सामने नहीं आया है. पुलिस इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.

क्या है डार्क वेब ?

वहीं साइबर क्राइम एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि दुनिया में ज्यादातर साइबर अपराधी डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं. ज्यादा होने वाले अपराधों में ड्रग्स डीलिंग, ऑर्गन डीलिंग, आर्म्स डीलिंग, इनफॉरमेशन गैदरिंग और हैकिंग की एक्टिविटीज होती है. जितने भी तरह के लिए अवैध काम होते हैं, ज्यादातर डार्क वेब से किए जाते हैं. इसको इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग ब्राउजर्स भी उपलब्ध होते हैं. साइबर अपराधियों के साथ-साथ देश की इंटेलिजेंस एजेंसी और इन्वेस्टिगेशन एजेंसी जी इसका इस्तेमाल करती है.

Last Updated : Oct 15, 2020, 9:03 PM IST
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