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आज के युवा शायरी करने के साथ पढ़ भी रहे हैं: अजहर इकबाल

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Published : Mar 21, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 7:36 PM IST

दरख्तों से था एक रिश्ता हमारा, जमीं उनकी थी और साया हमारा, कोई तो पाओं (पैर) की जंजीर बनता,कोई तो रोकता रस्ता हमारा. ये युवा शायर अजहर इकबाल की पंक्तियां है. अजहर इकबाल ने ETV भारत से बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी के कई अनछुए पल साझा किए हैं.

poet azhar iqbal
मशहूर शायर अजहर इकबाल से खास बातचीत

रायपुर: घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूं उसे मनाते हुए.ETV भारत के खास कार्यक्रम में इन पंक्तियों के रचनाकार मशहूर युवा शायर अजहर इकबाल हमारे मेहमान हैं. इंटरनेट की इस दुनिया में अजहर इकबाल उन शायरों में शुमार हैं, जिन्हें युवा सबसे ज्यादा पसंद करते हैं, उन्हें फॉलो करते हैं. अजहर इकबाल ने ETV भारत से बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी के कई अनछुए पल साझा किए हैं.

मशहूर शायर अजहर इकबाल से खास बातचीत

सवाल: आपका बचपन कहां गुजरा और आपने लिखना कब शुरू किया?

जवाब: मेरा बचपन वेस्ट यूपी के बुढ़ेना नाम के कस्बे में बीता है. ये इलाका साहित्य के लिए उपजाऊ जमीन कह सकते हैं. कई नामचीन शायर और कवि यहां से निकले हैं. इसके साथ घर में ही पढ़ने-लिखने का माहौल रहा. मैं जब पढ़ना भी नहीं जानता था, बड़ी बहन उपन्यास पढ़ती थीं, वो उन्हें सुनाया करती थीं. इस तरह माहौल मिला और मेरा रुझान इस ओर बढ़ता चला गया.

सवाल: आज युवा किताबों के बजाए सोशल मीडिया के माध्यम से साहित्य से जुड़ रहे हैं, इसे आप किस तरह देखते हैं?

जवाब: देखिए, जब कुछ नई चीज इजाद होती है तो उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू सामने आते हैं. जहां सोशल मीडिया के जरिए आप नए लोगों से जुड़ सकते हैं. वहीं कई बार इनके चलते किताब आदि से कटने लगते हैं. इस पर मुझे गुलजार साहब की ये पंक्तियां याद आती हैं.

'किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से

बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती '

डॉ सुरेन्द्र दुबे के चुटिला अंदाज में जानौ का हे छत्तीसगढ़ के माटी के खूबी

सवाल: अक्सर कहा जाता है कि आज की पीढ़ी में साहित्यिक रूचि कम होती जा रही है. अब तक के सफर में आपने क्या ये महसूस किया? क्या आप इस तथ्य को दुरुस्त करना चाहेंगे ?

जवाब: इसे बड़े कैनवाश पर देखने की जरूरत है, कुछ साल पहले ये स्थिति बन रही थी, लेकिन आज युवा भी काफी लिख रहे हैं और पढ़ भी रहे हैं.

सवाल: आपकी शायरी में इश्क की बात तो मौजूद हैं, साथ ही आप देश के हालात और सामाजिक परिस्थियों पर भी लिखते हैं. वो नींद में वाला शेर यदि हो सके तो हमारे दर्शकों के लिए पेश कर दीजिए.

अजहर-

' हो गया आपका आगमन नींद में
छूकर गुजरी जो पवन मुझको नींद में
मुझको फूलों की वर्षा में नहला गया मुस्कुराता हुआ गगन नींद में
कैसे उद्धार होगा मेरे देश का
लोग चिंतन मनन करते हैं नींद में '

रायपुर: घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए, मैं खुद से रूठ गया हूं उसे मनाते हुए.ETV भारत के खास कार्यक्रम में इन पंक्तियों के रचनाकार मशहूर युवा शायर अजहर इकबाल हमारे मेहमान हैं. इंटरनेट की इस दुनिया में अजहर इकबाल उन शायरों में शुमार हैं, जिन्हें युवा सबसे ज्यादा पसंद करते हैं, उन्हें फॉलो करते हैं. अजहर इकबाल ने ETV भारत से बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी के कई अनछुए पल साझा किए हैं.

मशहूर शायर अजहर इकबाल से खास बातचीत

सवाल: आपका बचपन कहां गुजरा और आपने लिखना कब शुरू किया?

जवाब: मेरा बचपन वेस्ट यूपी के बुढ़ेना नाम के कस्बे में बीता है. ये इलाका साहित्य के लिए उपजाऊ जमीन कह सकते हैं. कई नामचीन शायर और कवि यहां से निकले हैं. इसके साथ घर में ही पढ़ने-लिखने का माहौल रहा. मैं जब पढ़ना भी नहीं जानता था, बड़ी बहन उपन्यास पढ़ती थीं, वो उन्हें सुनाया करती थीं. इस तरह माहौल मिला और मेरा रुझान इस ओर बढ़ता चला गया.

सवाल: आज युवा किताबों के बजाए सोशल मीडिया के माध्यम से साहित्य से जुड़ रहे हैं, इसे आप किस तरह देखते हैं?

जवाब: देखिए, जब कुछ नई चीज इजाद होती है तो उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू सामने आते हैं. जहां सोशल मीडिया के जरिए आप नए लोगों से जुड़ सकते हैं. वहीं कई बार इनके चलते किताब आदि से कटने लगते हैं. इस पर मुझे गुलजार साहब की ये पंक्तियां याद आती हैं.

'किताबें झांकती हैं बंद आलमारी के शीशों से

बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती '

डॉ सुरेन्द्र दुबे के चुटिला अंदाज में जानौ का हे छत्तीसगढ़ के माटी के खूबी

सवाल: अक्सर कहा जाता है कि आज की पीढ़ी में साहित्यिक रूचि कम होती जा रही है. अब तक के सफर में आपने क्या ये महसूस किया? क्या आप इस तथ्य को दुरुस्त करना चाहेंगे ?

जवाब: इसे बड़े कैनवाश पर देखने की जरूरत है, कुछ साल पहले ये स्थिति बन रही थी, लेकिन आज युवा भी काफी लिख रहे हैं और पढ़ भी रहे हैं.

सवाल: आपकी शायरी में इश्क की बात तो मौजूद हैं, साथ ही आप देश के हालात और सामाजिक परिस्थियों पर भी लिखते हैं. वो नींद में वाला शेर यदि हो सके तो हमारे दर्शकों के लिए पेश कर दीजिए.

अजहर-

' हो गया आपका आगमन नींद में
छूकर गुजरी जो पवन मुझको नींद में
मुझको फूलों की वर्षा में नहला गया मुस्कुराता हुआ गगन नींद में
कैसे उद्धार होगा मेरे देश का
लोग चिंतन मनन करते हैं नींद में '

Last Updated : Mar 21, 2021, 7:36 PM IST
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