रायपुर: कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना महामारी के बीच कई डॉक्टर्स ऐसे भी हैं, जो मरीजों का इलाज करते हुए खुद भी संक्रमित हो गए, लेकिन कोरोना के खिलाफ उन्होंने अपनी लड़ाई नहीं छोड़ी, बल्कि स्वस्थ होने के बाद और मजबूती से कोरोना को खत्म करने में जुट गए हैं. आज हम आपको एक ऐसे की डॉक्टर अतुल जिंदल से मिलवा रहे हैं.
डॉक्टर अतुल जिंदल बताते हैं कि वे 22 मार्च से लेकर 6 जून तक अपने घर नहीं जा पाए थे. डॉ जिंदल उन डॉक्टर्स में शामिल हैं जो पहले दिन से कोविड-19 वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ जिंदल ने बताया कि लगातार मरीजों की जांच और खुद के संक्रमित हो जाने के कारण वे लगभग ढाई महीने तक अपने परिवार से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जुड़े रहे हैं. डॉक्टर जिंदल की पत्नी और दो बच्चियां हैं. जिंदल बताते हैं कि वे इस ढाई महीने के दौरान अगर घर भी गए तो बच्चों से गेट के बाहर से ही मिलकर आ गए.
चिढ़ाते थे बच्चे
डॉ. अतुल बताते हैं कि उनके बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे कि वे लोगों का इलाज करते-करते खुद संक्रमित न हो जाएं और हुआ भी यहीं. वे बताते हैं, जब वे संक्रमित हो गए और संक्रमित होने के बाद उपचार के बाद अपने घर गए और अपने बच्चों से मुलाकात की तो सभी ने रहत महसूस की, इसके पहले परिवार में एक अनिश्चितता का भाव बना था.
अचानक कराया था टेस्ट
डॉक्टर जिंदल बताते हैं, उनमें कोरोना के कोई सिम्टम्स नहीं थे. वे लगातार मरीजों के इतने टच में थे तो इसलिए उन्होंने अपना टेस्ट कराया. जिसमें वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. डॉ. अतुल बताते हैं कि जब उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो पत्नी थोड़ी पैनिक जरूर हो गई थी, लेकिन वह भी डॉक्टर हैं. उन्होंने भी इस बात को समझा और बाद में उन्हें मानसिक रूप से काफी हेल्प मदद की.