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माशिमं के हेल्पलाइन नंबर से छात्रों को हो रहा फायदा, नतीजों के बाद आए करीब 500 कॉल - etv bharat

माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव विजय गोयल ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि बोर्ड के नतीजे आने के बाद 10वीं और 12वीं के छात्रों ने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर अपने विषयों को लेकर विशेषज्ञों से राय ली.

board of secondary education
माध्यमिक शिक्षा मंडल
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Published : Jul 12, 2020, 8:53 PM IST

Updated : Jul 13, 2020, 2:37 PM IST

रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे जारी कर दिए हैं. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, जिसमें हर रोज करीब 30 से 40 कॉल्स आते थे. इन हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर 10वीं के छात्रों ने अपने आगे की पढ़ाई को लेकर बात की तो वहीं 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स ने अपने करियर को लेकर विशेषज्ञों से सवाल किए.

माशिमं के सचिव से खास बातचीत

'10 दिनों में आए 350 से 400 कॉल'

ETV भारत से बातचीत में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव विजय गोयल ने बताया कि रिजल्ट जारी होने के बाद 10 दिनों तक 350 से 400 कॉल्स आए जिसमें 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स ने कॉल कर अपनी जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर विषय विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक प्राध्यापक आदि मौजूद होते हैं. जो बच्चों की समस्याएं सुनते हैं और यह तय करते हैं कि उन्हें किस से बात करने की जरूरत है. फिर उनकी समस्याओं के अनुरूप उनके सवालों के अनुरूप उन्हें बात करवाई जाती है.

secretary, board of secondary education
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव

10वीं और 12वीं के छात्रों को मिला समस्याओं का समाधान

सचिव विजय गोयल ने बताया कि नतीजे आने के बाद 10वीं के जो बच्चे होते हैं उनका अमूमन सवाल यही होता है कि वे आगे जाकर किस विषय को चुने. इसके लिए उनके विशेषज्ञ बैठे होते हैं, उनसे बात करते हैं उनके बारे में जानकारी लेते हैं, और उनका इंटरेस्ट पूछते हैं. उनके सवालों के आधार पर विशेषज्ञ उन्हें बताते हैं कि वह किस क्षेत्र में आगे जा सकते हैं. वहीं 12वीं के छात्रों के कॉल में अमूमन यह बातें होती हैं कि उनके परसेंट कम आए हैं. इसलिए वह जो बनना चाहते थे, वह नहीं बन सकते या फिर जो सोचकर उन्होंने सब्जेक्ट का चयन किया था, वह नहीं बनना चाहते और कुछ और बनना चाहते हैं. ऐसे में वे क्या कर सकते है. खास बात यह है कि हेल्पलाइन नंबर पर न केवल छात्र बल्कि उनके परिजनों ने भी कॉल कर चर्चा की. और अपने बच्चों के सब्जेक्ट्स से संबंधित सवाल किए. सचिव विजय गोयल ने बताया कि परिजनों के अमूमन बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने को लेकर सवाल किया.

बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा से कुछ दिन पहले ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करता है. यह हेल्पलाइन नंबर नतीजे आने के 10 दिन बाद तक चलते रहते हैं. हर साल की तरह इस बार भी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से बच्चे अपनी सारी समस्याएं एक्सपर्ट्स से पूछ सकते हैं.

रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे जारी कर दिए हैं. परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, जिसमें हर रोज करीब 30 से 40 कॉल्स आते थे. इन हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर 10वीं के छात्रों ने अपने आगे की पढ़ाई को लेकर बात की तो वहीं 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स ने अपने करियर को लेकर विशेषज्ञों से सवाल किए.

माशिमं के सचिव से खास बातचीत

'10 दिनों में आए 350 से 400 कॉल'

ETV भारत से बातचीत में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव विजय गोयल ने बताया कि रिजल्ट जारी होने के बाद 10 दिनों तक 350 से 400 कॉल्स आए जिसमें 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स ने कॉल कर अपनी जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर विषय विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक प्राध्यापक आदि मौजूद होते हैं. जो बच्चों की समस्याएं सुनते हैं और यह तय करते हैं कि उन्हें किस से बात करने की जरूरत है. फिर उनकी समस्याओं के अनुरूप उनके सवालों के अनुरूप उन्हें बात करवाई जाती है.

secretary, board of secondary education
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव

10वीं और 12वीं के छात्रों को मिला समस्याओं का समाधान

सचिव विजय गोयल ने बताया कि नतीजे आने के बाद 10वीं के जो बच्चे होते हैं उनका अमूमन सवाल यही होता है कि वे आगे जाकर किस विषय को चुने. इसके लिए उनके विशेषज्ञ बैठे होते हैं, उनसे बात करते हैं उनके बारे में जानकारी लेते हैं, और उनका इंटरेस्ट पूछते हैं. उनके सवालों के आधार पर विशेषज्ञ उन्हें बताते हैं कि वह किस क्षेत्र में आगे जा सकते हैं. वहीं 12वीं के छात्रों के कॉल में अमूमन यह बातें होती हैं कि उनके परसेंट कम आए हैं. इसलिए वह जो बनना चाहते थे, वह नहीं बन सकते या फिर जो सोचकर उन्होंने सब्जेक्ट का चयन किया था, वह नहीं बनना चाहते और कुछ और बनना चाहते हैं. ऐसे में वे क्या कर सकते है. खास बात यह है कि हेल्पलाइन नंबर पर न केवल छात्र बल्कि उनके परिजनों ने भी कॉल कर चर्चा की. और अपने बच्चों के सब्जेक्ट्स से संबंधित सवाल किए. सचिव विजय गोयल ने बताया कि परिजनों के अमूमन बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने को लेकर सवाल किया.

बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा से कुछ दिन पहले ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करता है. यह हेल्पलाइन नंबर नतीजे आने के 10 दिन बाद तक चलते रहते हैं. हर साल की तरह इस बार भी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से बच्चे अपनी सारी समस्याएं एक्सपर्ट्स से पूछ सकते हैं.

Last Updated : Jul 13, 2020, 2:37 PM IST
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