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SPECIAL: न फुल शर्ट न ग्लव्स, आखिर कैसे कोविड 19 के कहर से बचेंगे हमारे कोरोना वॉरियर्स

कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के बीच कोरोना वॉरियर्स के संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सबसे ज्यादा खतरा पुलिस विभाग पर मंडरा रहा है, लेकिन वे अब भी बिना सुरक्षा उपायों के ड्यूटी कर रहे हैं. हाफ आस्तीन की शर्ट पहनकर बिना ग्लव्स लगाए वे लोगों के सीधे संपर्क में आ रहे हैं. इस पर देखिए हमारी ये खास रिपोर्ट...

Police is not using corona infection prevention equipment
बिना सुरक्षा उपायों के ड्यूटी
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Published : Jun 11, 2020, 9:26 AM IST

Updated : Jun 11, 2020, 9:39 AM IST

रायपुर: राजधानी में कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है. शहर के किसी ना किसी इलाके से रोज कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना काल में सेवा दे रहे कोरोना वॉरियर्स पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. कुछ मामलों में संक्रमण ने इन्हें अपनी चपेट में भी ले लिया है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के बीच कोरोना वॉरियर्स के संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के बाद सबसे ज्यादा खतरा पुलिस विभाग पर मंडरा रहा है, क्योंकि पुलिस भी सीधे लोगों के संपर्क में है.

ETV भारत राजधानी के विभिन्न इलाकों में सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों के पास पहुंची, तो उन्होंने पाया कि पुलिसकर्मी अब भी कोरोना संक्रमण के खतरों को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. कई इलाकों में बिना सुरक्षा उपायों के वे ड्यूटी कर रहे हैं. हाफ आस्तीन की शर्ट पहनकर बिना ग्लव्स पहने वे लोगों के सीधे संपर्क में आ रहे हैं. राजधानी में फिलहाल करीब 700 पुलिस जवान अलग-अलग इलाकों में सेवा दे रहे हैं.

संवेदनशील इलाकों में बिना ग्लव्स पुलिस जवान कर रहे ड्यूटी

राजधानी से लगातार मामले आ रहे सामने

पुलिस के जवान दिनरात लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. राजधानी के 2 पुलिस थानों के सिपाहियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी हो चुकी है. मंदिर हसौद थाने से तीन पुलिसकर्मियों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है. विभाग की तरफ से पुलिस के जवानों और अधिकारियों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसे अधिकारी और कर्मचारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जबकि कोरोना की इस संकट की घड़ी में पुलिस जवानों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

सीएम भूपेश बघेल ने थपथपाई थी पीठ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की पीठ थपथपाई थी और कोरोना संकट में अच्छा काम करने के लिए शाबासी दी थी. इसके बावजूद हमारे इन कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए माकूल इंतजाम नहीं किए गए, जिससे उनके जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है. बड़े अधिकारियों की तारीफ तो हो गई, लेकिन ग्राउंड पर हमारे पुलिसकर्मी किन मुश्किलों के बीच काम कर रहे हैं, इस पर किसी का ध्यान नहीं है.

पढ़ें: SPECIAL: घर बैठते तो परिवार का पेट कैसे पालते, चर्मकारों की दुर्दशा देखने वाला कौन ?

इन इलाकों में खतरा ज्यादा

कोरोना वायरस का संक्रमण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पुलिस जवान भी मरीज के घर पर पहुंचते हैं. मरीज के घर के आसपास के इलाकों को सील करते हैं. पूछताछ करते हुए कंटेंटमेंट जोन बनाते हैं. इस दौरान अधिकांश पुलिस जवान हाफ आस्तीन वाली शर्ट पहनते हैं और कई जवान ग्लव्स के बिना ही काम करते हैं. इससे पुलिस जवानों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है. इसके अलावा अस्पतालों के बाहर ट्रैफिक सिग्नल के आसपास भी खतरा अधिक होता है. यहां भी सतर्क रहने की जरूरत है.

विभाग ने दिए निर्देश

पुलिस विभाग के नियमों की बात की जाए, तो आरक्षक से लेकर पुलिस अधिकारी तक के लिए ड्रेस कोड बनाए गए हैं. पुलिसकर्मियों को 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक फुल आस्तीन वाला शर्ट पहनना होता है. 15 मार्च के बाद फुल आस्तीन वाले शर्ट को मोड़कर हाफ शर्ट की तरह पहन सकते हैं. विभाग ने सभी को फुल आस्तीन की शर्ट पहनने के निर्देश दिए हैं, ताकि संक्रमण से बचा जा सके. इधर पुलिस अधिकारी का कहना है कि सभी जवानों को जरूरी सामान खुद की सुरक्षा करने के लिए दिए गए हैं.

कंटेंनमेंट जोन से लेकर अस्पतालों तक सेवा दे रहे इन जवानों का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है. कोरोना माहामारी के दौरान पुलिसकर्मियों के ना जाने कितने मानवीय चहरे सामने आए हैं. अपनी परवाह किए बगैर लोगों की सुरक्षा करने वाले इन कोरोना वॉरियर्स को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है.

रायपुर: राजधानी में कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है. शहर के किसी ना किसी इलाके से रोज कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना काल में सेवा दे रहे कोरोना वॉरियर्स पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. कुछ मामलों में संक्रमण ने इन्हें अपनी चपेट में भी ले लिया है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे के बीच कोरोना वॉरियर्स के संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मियों के बाद सबसे ज्यादा खतरा पुलिस विभाग पर मंडरा रहा है, क्योंकि पुलिस भी सीधे लोगों के संपर्क में है.

ETV भारत राजधानी के विभिन्न इलाकों में सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों के पास पहुंची, तो उन्होंने पाया कि पुलिसकर्मी अब भी कोरोना संक्रमण के खतरों को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. कई इलाकों में बिना सुरक्षा उपायों के वे ड्यूटी कर रहे हैं. हाफ आस्तीन की शर्ट पहनकर बिना ग्लव्स पहने वे लोगों के सीधे संपर्क में आ रहे हैं. राजधानी में फिलहाल करीब 700 पुलिस जवान अलग-अलग इलाकों में सेवा दे रहे हैं.

संवेदनशील इलाकों में बिना ग्लव्स पुलिस जवान कर रहे ड्यूटी

राजधानी से लगातार मामले आ रहे सामने

पुलिस के जवान दिनरात लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. राजधानी के 2 पुलिस थानों के सिपाहियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि भी हो चुकी है. मंदिर हसौद थाने से तीन पुलिसकर्मियों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है. विभाग की तरफ से पुलिस के जवानों और अधिकारियों के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसे अधिकारी और कर्मचारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जबकि कोरोना की इस संकट की घड़ी में पुलिस जवानों को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

सीएम भूपेश बघेल ने थपथपाई थी पीठ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की पीठ थपथपाई थी और कोरोना संकट में अच्छा काम करने के लिए शाबासी दी थी. इसके बावजूद हमारे इन कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा के लिए माकूल इंतजाम नहीं किए गए, जिससे उनके जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है. बड़े अधिकारियों की तारीफ तो हो गई, लेकिन ग्राउंड पर हमारे पुलिसकर्मी किन मुश्किलों के बीच काम कर रहे हैं, इस पर किसी का ध्यान नहीं है.

पढ़ें: SPECIAL: घर बैठते तो परिवार का पेट कैसे पालते, चर्मकारों की दुर्दशा देखने वाला कौन ?

इन इलाकों में खतरा ज्यादा

कोरोना वायरस का संक्रमण मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पुलिस जवान भी मरीज के घर पर पहुंचते हैं. मरीज के घर के आसपास के इलाकों को सील करते हैं. पूछताछ करते हुए कंटेंटमेंट जोन बनाते हैं. इस दौरान अधिकांश पुलिस जवान हाफ आस्तीन वाली शर्ट पहनते हैं और कई जवान ग्लव्स के बिना ही काम करते हैं. इससे पुलिस जवानों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है. इसके अलावा अस्पतालों के बाहर ट्रैफिक सिग्नल के आसपास भी खतरा अधिक होता है. यहां भी सतर्क रहने की जरूरत है.

विभाग ने दिए निर्देश

पुलिस विभाग के नियमों की बात की जाए, तो आरक्षक से लेकर पुलिस अधिकारी तक के लिए ड्रेस कोड बनाए गए हैं. पुलिसकर्मियों को 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक फुल आस्तीन वाला शर्ट पहनना होता है. 15 मार्च के बाद फुल आस्तीन वाले शर्ट को मोड़कर हाफ शर्ट की तरह पहन सकते हैं. विभाग ने सभी को फुल आस्तीन की शर्ट पहनने के निर्देश दिए हैं, ताकि संक्रमण से बचा जा सके. इधर पुलिस अधिकारी का कहना है कि सभी जवानों को जरूरी सामान खुद की सुरक्षा करने के लिए दिए गए हैं.

कंटेंनमेंट जोन से लेकर अस्पतालों तक सेवा दे रहे इन जवानों का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है. कोरोना माहामारी के दौरान पुलिसकर्मियों के ना जाने कितने मानवीय चहरे सामने आए हैं. अपनी परवाह किए बगैर लोगों की सुरक्षा करने वाले इन कोरोना वॉरियर्स को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 11, 2020, 9:39 AM IST
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