रायपुर : कोरोना महामारी ने लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की परिभाषा सीखा दी है. जिसके बाद एक और खास प्लेटफॉर्म लोगों के करीब आ गया. वो प्लेटफॉर्म था डिजिटल का, जो आज महामारी में वरदान साबित हो रहा है. कोरोना महामारी ने पूरे देश को हर क्षेत्र में पीछे किया लेकिन डिजिटल में और भी बेहतर कर दिया. हम बात कर रहें हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन क्लास की. इससे स्टूडेंट घर बैठे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ETV भारत ने ऑनलाइन क्लास के संबंध में रिपोर्ट तैयार की कि किस तरह प्रोफेसर कॉलेज के स्टूडेंट को पढ़ा रहें हैं और कैसे इस ऑनलाइन क्लास को मैनेज कर रहें हैं.
ETV भारत ने छत्तीसगढ़ कॉलेज प्रिंसिपल अमिताभ बैनर्जी से बातचीत की और क्लास संबंधी जानकारी ली. अमिताभ बैनर्जी ने बताया कि, 'शासन द्वारा यह निर्देश आया कि अब कॉलेजों से भी ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी. हमने सबसे पहले अपनी एक टेक्नोलॉजी टीम तैयार की. इस टीम को पहले जो प्रोफेशनल लोग हैं उनसे ट्रेनिंग दिलाई. अपनी कनेक्टिविटी की 4 लोगों की टीम ने सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी'. ट्रेनिंग में ये बताया गया कि, 'कैसे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना है, किन-किन बातों का ध्यान रखना है और यदि किसी को ऑनलाइन एजुकेशन में कोई दिक्कत आ रही है तो उसे किस तरीके से सॉल्व करना है. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन क्लास शुरू की गई'.
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वाति जैन ने बताया कि, 'हमने एक एप तैयार किया है और एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. एप से पढ़ाने पर ज्यादा नेट पर भी लोड नहीं पड़ता. साथ ही जो बच्चे क्लास अटेंड कर रहे हैं उनकी अटेंडेंस भी लगाई जा रही है. इसके अलावा सभी शिक्षकों को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया जा रहा है. टेक्नोलॉजी से फ्रेंडली होने पर शिक्षकों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. अभी सारी क्लासेस पहले की तरह अच्छे से संचालित हो रही है'.
ऑनलाइन क्लास पर प्रोफेसर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं. कोई ऑनलाइन क्लास को बेहतर बता रहा है तो तो कोई ऑफलाइन क्लास को, लेकिन सभी ये मानते हैं कि कोरोना संकट की इस घड़ी में डिजिटल प्लेटफार्म ने लोगों को जागरूक जरूर बनाया और लोगों की जिंदगी को भी आसान बनाया, साथ ही सुरक्षित भी रखा.