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SPECIAL: कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास ने स्टडी को बनाया आसान, स्टूडेंट के साथ-साथ प्रोफेसर भी हुए टेक्नो फ्रेंडली

स्कूलों के साथ अब कॉलेजों में भी ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई है. ऑनलाइन क्लासेज में स्टूडेंट को एक समय शेड्यूल तैयार कर पढ़ाया जा रहा है. ऑनलाइन क्लास का टाइम टेबल सेट कर लिया गया है. इस क्लास को लेकर प्रोफेसरों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई. किसी ने ऑनलाइन क्लास को बेहतर बताया तो किसी ने ऑफलाइन क्लास को. एक नजर ETV भारत की रिपोर्ट पर..

स्पेशल
ऑनलाइल क्लास
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Published : Nov 25, 2020, 8:15 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 9:32 PM IST

रायपुर : कोरोना महामारी ने लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की परिभाषा सीखा दी है. जिसके बाद एक और खास प्लेटफॉर्म लोगों के करीब आ गया. वो प्लेटफॉर्म था डिजिटल का, जो आज महामारी में वरदान साबित हो रहा है. कोरोना महामारी ने पूरे देश को हर क्षेत्र में पीछे किया लेकिन डिजिटल में और भी बेहतर कर दिया. हम बात कर रहें हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन क्लास की. इससे स्टूडेंट घर बैठे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ETV भारत ने ऑनलाइन क्लास के संबंध में रिपोर्ट तैयार की कि किस तरह प्रोफेसर कॉलेज के स्टूडेंट को पढ़ा रहें हैं और कैसे इस ऑनलाइन क्लास को मैनेज कर रहें हैं.

ऑनलाइल क्लास पर ETV भारत की रिपोर्ट

ETV भारत ने छत्तीसगढ़ कॉलेज प्रिंसिपल अमिताभ बैनर्जी से बातचीत की और क्लास संबंधी जानकारी ली. अमिताभ बैनर्जी ने बताया कि, 'शासन द्वारा यह निर्देश आया कि अब कॉलेजों से भी ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी. हमने सबसे पहले अपनी एक टेक्नोलॉजी टीम तैयार की. इस टीम को पहले जो प्रोफेशनल लोग हैं उनसे ट्रेनिंग दिलाई. अपनी कनेक्टिविटी की 4 लोगों की टीम ने सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी'. ट्रेनिंग में ये बताया गया कि, 'कैसे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना है, किन-किन बातों का ध्यान रखना है और यदि किसी को ऑनलाइन एजुकेशन में कोई दिक्कत आ रही है तो उसे किस तरीके से सॉल्व करना है. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन क्लास शुरू की गई'.

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डिजिटल क्लास
शिक्षक हो रहे टेक्नो फ्रेंडली

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वाति जैन ने बताया कि, 'हमने एक एप तैयार किया है और एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. एप से पढ़ाने पर ज्यादा नेट पर भी लोड नहीं पड़ता. साथ ही जो बच्चे क्लास अटेंड कर रहे हैं उनकी अटेंडेंस भी लगाई जा रही है. इसके अलावा सभी शिक्षकों को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया जा रहा है. टेक्नोलॉजी से फ्रेंडली होने पर शिक्षकों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. अभी सारी क्लासेस पहले की तरह अच्छे से संचालित हो रही है'.

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ऑनलाइल क्लास ने प्रोफेसरों को बनाया फ्रेंडली
ऑफलाइन-ऑनलाइन क्लास में बेहद अंतर

फिजिक्स डिपार्टमेंट के हेड एमएम तिवारी ने बताया कि, 'हमारा ऑनलाइन क्लास का एक्सपीरियंस उतना शानदार नहीं रहा है, क्योंकि जब हम बच्चों को सामने बैठकर पढ़ाते हैं तो उन्हें समझाने का तरीका अलग होता है. अब जब हम उन्हें ऑनलाइन क्लास में पढ़ा रहे हैं तो उन्हें समझाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ रही है. पीडीएफ के माध्यम से समझाने की कोशिश की जाती है लेकिन सामने पढ़ाना और ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाने में बेहद अंतर है. ऑफलाइन वाली क्लास ऑनलाइन क्लास में बेहद अलग है. कोविड में ऑनलाइन क्लास आसान जरूर है'.
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ऑनलाइल क्लास
दूरस्थ इलाके में नेटवर्क की दिक्कत

असिस्टेंट प्रोफेसर परमिता दुबे ने बताया कि, 'ऑनलाइन क्लास में कनेक्टिविटी की दिक्कतें देखने को मिली, जो बच्चे दूरस्थ इलाके में हैं उनके लिए यह एक बड़ा परेशानी का सबब बन गया है. बच्चे ऐसी जगह पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जहां से नेटवर्क मिल सके. लेकिन कई बार हम बच्चों को क्या बोल रहे हैं, उन्हें सुनाई भी नहीं देता. हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जो बच्चे हैं उन्हें कई बार इस तरीके की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है'.

ऑनलाइन क्लास पर प्रोफेसर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं. कोई ऑनलाइन क्लास को बेहतर बता रहा है तो तो कोई ऑफलाइन क्लास को, लेकिन सभी ये मानते हैं कि कोरोना संकट की इस घड़ी में डिजिटल प्लेटफार्म ने लोगों को जागरूक जरूर बनाया और लोगों की जिंदगी को भी आसान बनाया, साथ ही सुरक्षित भी रखा.

रायपुर : कोरोना महामारी ने लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की परिभाषा सीखा दी है. जिसके बाद एक और खास प्लेटफॉर्म लोगों के करीब आ गया. वो प्लेटफॉर्म था डिजिटल का, जो आज महामारी में वरदान साबित हो रहा है. कोरोना महामारी ने पूरे देश को हर क्षेत्र में पीछे किया लेकिन डिजिटल में और भी बेहतर कर दिया. हम बात कर रहें हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन क्लास की. इससे स्टूडेंट घर बैठे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ETV भारत ने ऑनलाइन क्लास के संबंध में रिपोर्ट तैयार की कि किस तरह प्रोफेसर कॉलेज के स्टूडेंट को पढ़ा रहें हैं और कैसे इस ऑनलाइन क्लास को मैनेज कर रहें हैं.

ऑनलाइल क्लास पर ETV भारत की रिपोर्ट

ETV भारत ने छत्तीसगढ़ कॉलेज प्रिंसिपल अमिताभ बैनर्जी से बातचीत की और क्लास संबंधी जानकारी ली. अमिताभ बैनर्जी ने बताया कि, 'शासन द्वारा यह निर्देश आया कि अब कॉलेजों से भी ऑनलाइन क्लास संचालित की जाएगी. हमने सबसे पहले अपनी एक टेक्नोलॉजी टीम तैयार की. इस टीम को पहले जो प्रोफेशनल लोग हैं उनसे ट्रेनिंग दिलाई. अपनी कनेक्टिविटी की 4 लोगों की टीम ने सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी'. ट्रेनिंग में ये बताया गया कि, 'कैसे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना है, किन-किन बातों का ध्यान रखना है और यदि किसी को ऑनलाइन एजुकेशन में कोई दिक्कत आ रही है तो उसे किस तरीके से सॉल्व करना है. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन क्लास शुरू की गई'.

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डिजिटल क्लास
शिक्षक हो रहे टेक्नो फ्रेंडली

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वाति जैन ने बताया कि, 'हमने एक एप तैयार किया है और एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. एप से पढ़ाने पर ज्यादा नेट पर भी लोड नहीं पड़ता. साथ ही जो बच्चे क्लास अटेंड कर रहे हैं उनकी अटेंडेंस भी लगाई जा रही है. इसके अलावा सभी शिक्षकों को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया जा रहा है. टेक्नोलॉजी से फ्रेंडली होने पर शिक्षकों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. अभी सारी क्लासेस पहले की तरह अच्छे से संचालित हो रही है'.

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ऑनलाइल क्लास ने प्रोफेसरों को बनाया फ्रेंडली
ऑफलाइन-ऑनलाइन क्लास में बेहद अंतर

फिजिक्स डिपार्टमेंट के हेड एमएम तिवारी ने बताया कि, 'हमारा ऑनलाइन क्लास का एक्सपीरियंस उतना शानदार नहीं रहा है, क्योंकि जब हम बच्चों को सामने बैठकर पढ़ाते हैं तो उन्हें समझाने का तरीका अलग होता है. अब जब हम उन्हें ऑनलाइन क्लास में पढ़ा रहे हैं तो उन्हें समझाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ रही है. पीडीएफ के माध्यम से समझाने की कोशिश की जाती है लेकिन सामने पढ़ाना और ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाने में बेहद अंतर है. ऑफलाइन वाली क्लास ऑनलाइन क्लास में बेहद अलग है. कोविड में ऑनलाइन क्लास आसान जरूर है'.
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ऑनलाइल क्लास
दूरस्थ इलाके में नेटवर्क की दिक्कत

असिस्टेंट प्रोफेसर परमिता दुबे ने बताया कि, 'ऑनलाइन क्लास में कनेक्टिविटी की दिक्कतें देखने को मिली, जो बच्चे दूरस्थ इलाके में हैं उनके लिए यह एक बड़ा परेशानी का सबब बन गया है. बच्चे ऐसी जगह पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, जहां से नेटवर्क मिल सके. लेकिन कई बार हम बच्चों को क्या बोल रहे हैं, उन्हें सुनाई भी नहीं देता. हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जो बच्चे हैं उन्हें कई बार इस तरीके की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है'.

ऑनलाइन क्लास पर प्रोफेसर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं. कोई ऑनलाइन क्लास को बेहतर बता रहा है तो तो कोई ऑफलाइन क्लास को, लेकिन सभी ये मानते हैं कि कोरोना संकट की इस घड़ी में डिजिटल प्लेटफार्म ने लोगों को जागरूक जरूर बनाया और लोगों की जिंदगी को भी आसान बनाया, साथ ही सुरक्षित भी रखा.

Last Updated : Nov 25, 2020, 9:32 PM IST
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