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साल 2019 नक्सलियों का बना काल, चौतरफा प्रहार से पस्त हुआ लाल आतंक - नक्सलवाद

नक्सलवाद का दंश झेल रही छत्तीसगढ़ की माटी हर साल खून से लाल होती है. बस्तर संभाग का नाम लेते ही उस क्षेत्र की खूबसूरती और आदिवासियों की मासूमियत नक्सलवाद की वजह से धुंधली हो जाती है.

नक्सल पर नकेल
नक्सल पर नकेल
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Published : Dec 30, 2019, 11:58 PM IST

Updated : Dec 31, 2019, 11:10 PM IST

जगदलपुर : बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर ये वो इलाके हैं, जहां के लोग सबसे ज्यादा ये नासूर झेल रहे हैं. लेकिन वक्त धीरे-धीरे मरहम लगा रहा है. इन इलाकों में उम्मीद की लौ जगी है, यहां की तस्वीर और यहां रहने वालों की तकदीर बदलेगी ये आशा है. ये बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कर रहे हैं.

अलविदा 2019

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा है कि, 'बस्तर से नक्सलियों का सफाया हो रहा है, अब वो दिन दूर नहीं जब बस्तर नक्सल मुक्त होगा'. सुंदरराज पी ने 2019 की नक्सल घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, 'पुलिस कुल 844 नक्सलियों पर नकेल कसने में कामयाब रही. साल 2019 बस्तर पुलिस के लिए उपलब्धियों से भरा रहा. जिसमें इनामी नक्सली रमन्ना की मौत नक्सलियों को कमजोर करने के लिए काफी रहा'. बस्तर पुलिस ने इस साल मारे गये नक्सलियों का आंकड़ा भी जारी किया है.

'2020 में ऑपरेशन तेज'
इसके अलावा प्रभारी आईजी ने बताया कि, 'आने वाले साल 2020 में ऑपरेशन और तेज किए जाएंगे और पुलिस रणनीति बनाकर नक्सलियों से निपटेगी'. उनका कहना है कि, 'हालांकि कुछ सालों में बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है, लेकिन नए साल में इनकी नई तरह की रणनीति और गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस वजह से पुलिस पूरी तरह से चौकन्ना होकर आने वाले साल 2020 में काम करेगी और ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में विकास कार्य हो सके इसके प्रयास के साथ नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का काम भी करेगी'.

'7 जिलों में अभियान चलाया'
प्रभारी बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी 7 जिलों में अलग-अलग नाम से पुलिस ने अभियान चलाया गया है. इसका असर यह हुआ कि कई नक्सली संगठन अपराध की राह छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं. इसके अलावा पिछले साल के मुकाबले इस साल बस्तर में घटनाओं में कमी आई है. 1 जनवरी से 30 दिसंबर तक के बीच बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर. बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में 150 से अधिक नक्सली अपराध दर्ज किये गए हैं.

'सभी चुनाव शांति पूर्ण रहे'
बस्तर पुलिस का कहना है कि, 'देश में सबसे अधिक नक्सल हिंसाग्रस्त छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में पिछले सालों के मुकाबले इस साल घटनाओं में काफी कमी आई है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों में बेहतर कम्यूनीटी और सुरक्षा से लोकसभा, दो उपचुनाव और नगरीय चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ'.

नक्सलियों पर हुआ चौतरफा प्रहार ये हैं आकड़े

  • 101 मुठभेड़ में कुल 65 नक्सली हुए ढेर
  • एनकाउंटर में 128 हथियार किए गए जब्त
  • 172 IED किए गए बरामद
  • 304 नक्सलियों ने डाले हथियार
  • नक्सली हमले में 18 जवान हुए शहीद
  • 31 जवान हुए घायल
  • लाल आतंक ने 46 नागरिकों की ली जान
  • खूंखार नक्सली रमन्ना की हुई मौत
  • रमन्ना पर 1 करोड़ 40 लाख का था इनाम

जगदलपुर : बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर ये वो इलाके हैं, जहां के लोग सबसे ज्यादा ये नासूर झेल रहे हैं. लेकिन वक्त धीरे-धीरे मरहम लगा रहा है. इन इलाकों में उम्मीद की लौ जगी है, यहां की तस्वीर और यहां रहने वालों की तकदीर बदलेगी ये आशा है. ये बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कर रहे हैं.

अलविदा 2019

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा है कि, 'बस्तर से नक्सलियों का सफाया हो रहा है, अब वो दिन दूर नहीं जब बस्तर नक्सल मुक्त होगा'. सुंदरराज पी ने 2019 की नक्सल घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, 'पुलिस कुल 844 नक्सलियों पर नकेल कसने में कामयाब रही. साल 2019 बस्तर पुलिस के लिए उपलब्धियों से भरा रहा. जिसमें इनामी नक्सली रमन्ना की मौत नक्सलियों को कमजोर करने के लिए काफी रहा'. बस्तर पुलिस ने इस साल मारे गये नक्सलियों का आंकड़ा भी जारी किया है.

'2020 में ऑपरेशन तेज'
इसके अलावा प्रभारी आईजी ने बताया कि, 'आने वाले साल 2020 में ऑपरेशन और तेज किए जाएंगे और पुलिस रणनीति बनाकर नक्सलियों से निपटेगी'. उनका कहना है कि, 'हालांकि कुछ सालों में बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है, लेकिन नए साल में इनकी नई तरह की रणनीति और गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस वजह से पुलिस पूरी तरह से चौकन्ना होकर आने वाले साल 2020 में काम करेगी और ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में विकास कार्य हो सके इसके प्रयास के साथ नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का काम भी करेगी'.

'7 जिलों में अभियान चलाया'
प्रभारी बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी 7 जिलों में अलग-अलग नाम से पुलिस ने अभियान चलाया गया है. इसका असर यह हुआ कि कई नक्सली संगठन अपराध की राह छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं. इसके अलावा पिछले साल के मुकाबले इस साल बस्तर में घटनाओं में कमी आई है. 1 जनवरी से 30 दिसंबर तक के बीच बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर. बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में 150 से अधिक नक्सली अपराध दर्ज किये गए हैं.

'सभी चुनाव शांति पूर्ण रहे'
बस्तर पुलिस का कहना है कि, 'देश में सबसे अधिक नक्सल हिंसाग्रस्त छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में पिछले सालों के मुकाबले इस साल घटनाओं में काफी कमी आई है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों में बेहतर कम्यूनीटी और सुरक्षा से लोकसभा, दो उपचुनाव और नगरीय चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ'.

नक्सलियों पर हुआ चौतरफा प्रहार ये हैं आकड़े

  • 101 मुठभेड़ में कुल 65 नक्सली हुए ढेर
  • एनकाउंटर में 128 हथियार किए गए जब्त
  • 172 IED किए गए बरामद
  • 304 नक्सलियों ने डाले हथियार
  • नक्सली हमले में 18 जवान हुए शहीद
  • 31 जवान हुए घायल
  • लाल आतंक ने 46 नागरिकों की ली जान
  • खूंखार नक्सली रमन्ना की हुई मौत
  • रमन्ना पर 1 करोड़ 40 लाख का था इनाम
Intro:जगदलपुर। बस्तर मे नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान मे पुलिस को इस वर्ष बडी सफलता मिली है। साल 2019 बस्तर पुलिस के लिए उपलब्धियों से भरा साबित हुआ है। बस्तर संभाग के प्रभारी आईजी सुंदरराज पी ने इस साल मारे गये नक्सलियो का आंकडा जारी किया है। उन्होनें बताया कि इस वर्ष पुलिस-नक्सलियों के बीच हुई 101 मुठभेड़ में 65  नक्सली मारे गये है। इनके पास से 128 हथियार बरामद हुए वही 172 आईईडी बरामद की गई हैं। साथ ही इस वर्ष 475 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। जबकि 304 नक्सलियो ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं 69बारूदी विस्फोटों एवं नक्सली हमलों में18 जवान अब तक शहीद हो चुके हैं। इसके अलावा नक्सलियों ने इस दौरान 46 आम नागरिकों की हत्या की है। साथ ही 31  जवान विभीन्न नक्सली वारदातों मे घायल हुए है। इसके अलावा जवानों से नक्सलियो ने 7 हथियार लूटे है।
बस्तर पुलिस का कहना है कि देश में सबसे अधिक नक्सल हिंसाग्रस्त छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में पिछले सालो के मुकाबले इस वर्ष घटनाओं में काफी कमी आई है। वही बस्तर के ग्रामीण अंचलो मे बेहतर कम्यूनीटी पुलिंसिगं से लोकसभा, दो उपचुनाव और नगरीय चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ है।
 



 




Body:प्रभारी बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक  नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी 7 जिलों में अलग-अलग नाम से पुलिस ने अभियान चलाया है इसका असर यह हुआ कि कई नक्सली संगठन अपराध की राह छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं। इसके अलावा पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बस्तर जोन में घटनाओं में भी कमी आई है। 1 जनवरी से 30 दिसंबर तक के बीच बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में 150 से अधिक नक्सली अपराध दर्ज किये गये हैं।इनमें 101मुठभेड़, मारे गये नक्सलियों की संख्या 65, गिरफ्तार नक्सलियों की संख्या 475, समर्पित नक्सली 304, नक्सली कैम्प पर रेड 5, नक्सलियों से विभिन्न प्रकार के 128  हथियार बरामद किये गये हैं। वही  नक्सलियों ने वर्ष 2019 में कुल 39  विस्फोट किये। सुरक्षा बलों के जवानों ने172  आईईडी बरामद कर नष्ट किया है,विभीन्न जिलों में मुठभेड़ और विस्फोट से पैरामिलिट्री फोर्सेस, जिला पुलिस बल, डीआरजी सहित बस्तर में तैनात अन्य सुरक्षा बलों के 18जवान शहीद हुए हैं। जबकि मुखबिरी व अन्य कारणों से46 आम नागरिकों को जान गवानी पड़ी है। सुरक्षा बलों के 31जवान घायल हुये है। जबकि 28 आम नागरिकों को नक्सलवाद का दर्द सहना पड़ा है "घायल हुए है"। वही इस साल एक बडे नक्सली नेता 1 करोड 40 लाख रू. ईनामी रमन्ना की मौत हार्ट अटैक सेहुई है जिससे निश्चित तौर पर बस्तर मे नक्सली संगठन मे काफी कमजोर पड़ेगा।



Conclusion:इसके अलावा प्रभारी आईजी ने बताया कि आने वाले साल 2020 में ऑपरेशन और तेज किए जाएंगे और पुलिस रणनीति बनाकर नक्सलियों से निपटेगी। आईजी का कहना है कि हालांकि कुछ सालों में बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा हैं। लेकिन नये साल में इनके नये तरह की रणनीति और गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता इस वजह से पुलिस पूरी तरह से चौकन्ना होकर आने वाले साल 2020 में काम करेगी और ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में विकास कार्य हो सके इसके प्रयास के साथ नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का काम करेगी।

बाइट1 - सुंदरराज पी, प्रभारी बस्तर आईजी 
Last Updated : Dec 31, 2019, 11:10 PM IST
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