जगदलपुर : बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर ये वो इलाके हैं, जहां के लोग सबसे ज्यादा ये नासूर झेल रहे हैं. लेकिन वक्त धीरे-धीरे मरहम लगा रहा है. इन इलाकों में उम्मीद की लौ जगी है, यहां की तस्वीर और यहां रहने वालों की तकदीर बदलेगी ये आशा है. ये बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कर रहे हैं.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा है कि, 'बस्तर से नक्सलियों का सफाया हो रहा है, अब वो दिन दूर नहीं जब बस्तर नक्सल मुक्त होगा'. सुंदरराज पी ने 2019 की नक्सल घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, 'पुलिस कुल 844 नक्सलियों पर नकेल कसने में कामयाब रही. साल 2019 बस्तर पुलिस के लिए उपलब्धियों से भरा रहा. जिसमें इनामी नक्सली रमन्ना की मौत नक्सलियों को कमजोर करने के लिए काफी रहा'. बस्तर पुलिस ने इस साल मारे गये नक्सलियों का आंकड़ा भी जारी किया है.
'2020 में ऑपरेशन तेज'
इसके अलावा प्रभारी आईजी ने बताया कि, 'आने वाले साल 2020 में ऑपरेशन और तेज किए जाएंगे और पुलिस रणनीति बनाकर नक्सलियों से निपटेगी'. उनका कहना है कि, 'हालांकि कुछ सालों में बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ा है, लेकिन नए साल में इनकी नई तरह की रणनीति और गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस वजह से पुलिस पूरी तरह से चौकन्ना होकर आने वाले साल 2020 में काम करेगी और ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में विकास कार्य हो सके इसके प्रयास के साथ नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का काम भी करेगी'.
'7 जिलों में अभियान चलाया'
प्रभारी बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी 7 जिलों में अलग-अलग नाम से पुलिस ने अभियान चलाया गया है. इसका असर यह हुआ कि कई नक्सली संगठन अपराध की राह छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं. इसके अलावा पिछले साल के मुकाबले इस साल बस्तर में घटनाओं में कमी आई है. 1 जनवरी से 30 दिसंबर तक के बीच बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर. बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में 150 से अधिक नक्सली अपराध दर्ज किये गए हैं.
'सभी चुनाव शांति पूर्ण रहे'
बस्तर पुलिस का कहना है कि, 'देश में सबसे अधिक नक्सल हिंसाग्रस्त छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में पिछले सालों के मुकाबले इस साल घटनाओं में काफी कमी आई है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों में बेहतर कम्यूनीटी और सुरक्षा से लोकसभा, दो उपचुनाव और नगरीय चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ'.
नक्सलियों पर हुआ चौतरफा प्रहार ये हैं आकड़े
- 101 मुठभेड़ में कुल 65 नक्सली हुए ढेर
- एनकाउंटर में 128 हथियार किए गए जब्त
- 172 IED किए गए बरामद
- 304 नक्सलियों ने डाले हथियार
- नक्सली हमले में 18 जवान हुए शहीद
- 31 जवान हुए घायल
- लाल आतंक ने 46 नागरिकों की ली जान
- खूंखार नक्सली रमन्ना की हुई मौत
- रमन्ना पर 1 करोड़ 40 लाख का था इनाम