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SPECIAL: बारिश में बढ़ जाता है डॉग बाइट का खतरा, ऐसे रहें सावधान - डॉग बाइट

छत्तीसगढ़ में कुत्तों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. डॉग बाइट से रेबीज होने की अधिक संभावना होती है. इसलिए कुत्तों से सुरक्षित रहने के लिए तुरंत इलाज कराना सबसे जरूरी है. इस विषय पर ETV भारत ने पशु चिकित्सक डॉ. किरण चौधरी से खास बातचीत की है.

prevention from dog bite
बारिश में डॉग बाइट का खतरा
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Published : Jul 15, 2020, 10:10 PM IST

रायपुर: अमूमन कुत्ते काफी शांत स्वभाव के होते हैं और किसी भी परिवार में आसानी से घुल-मिल जाते हैं. कई लोग उन्हें परिवार के सदस्य की तरह ही मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बारिश के मौसम में अक्सर कुत्ते एग्रेसिव हो जाते हैं.

बारिश में बढ़ जाता है डॉग बाइट का खतरा

डॉ किरण चौधरी बताती हैं, वैसे तो कुत्ते दोस्ती करने में माहिर होते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ये काफी एग्रेसिव हो जाते हैं. वे बताती हैं बारिश का सीजन कुत्तों का ब्रीडिंग सीजन होता है. इस सीजन में कुत्ते ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं और इनकी एग्रेसिवनेस डॉग बाइट के खतरे को बढ़ा देती है.

बच्चों में डॉग बाइट के ज्यादातार केस

डॉ किरण के मुताबिक डॉग बाइट के ज्यादातार मामले छोटे बच्चों में देखे जाते हैं. ज्यादातर बच्चे कुत्तों से बदमाशी करते हैं, जिससे कुत्ते ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं. इस सीजन में 40% केस बच्चों में डॉग बाइट के देखने को मिलते हैं. बच्चे अनजान होते हैं और उन्हें पता नहीं रहता कि कुत्ता कब काट ले, इस वजह से इस सीजन में बच्चों को संभाल कर रखना ज्यादा जरूरी होता है.

कुत्तों के काटने पर क्या करें

अगर आपको या आपके आसपास किसी व्‍यक्‍ति को कुत्ता काट ले, तो आपको निम्‍न तरीके से घाव का प्राथमिक उपचार करना चाहिए.

  • ब्‍लीडिंग रोकने के लिए घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया लगाएं.
  • क्षतिग्रस्‍त हिस्‍से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखने की कोशिश करें.
  • साबुन और पानी से ध्‍यानपूर्वक चोट वाले हिस्‍से को साफ करें.
  • अगर आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे चोट पर लगाएं
  • घाव पर साफ बैंडेज लगाएं.
  • बैंडेज को लगा रहने दें और पीड़ित व्‍यक्‍ति को डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं.
  • दिन में कई बार बैंडेज बदलें.
  • संक्रमण के संकेत जैसे कि लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार आदि को नजर अंदाज न करें.

पशु चिकित्सक ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कुत्तों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. रायपुर में लगभग 40 हजार कुत्ते हैं. पिछले 2 साल में 7 हजार 500 कुत्तों की नसबंदी की गई है. उन्होंने बताया कि बाकि मौसम में कुत्ते इतने आक्रमक नहीं होते हैं पर बारिश के मौसम में लगभग हर महीने 100 के आसपास कुत्तों का इलाज भी किया जाता है.

इंफेक्‍शन से बचने के लिए क्‍या करें

अगर कुत्ते के काटने से आपके शरीर में खतरनाक बैक्‍टीरिया चला गया है तो इसका इलाज करना बहुत जरूरी है वरना जान का खतरा हो सकता है.

  • कुत्ते के काटने के तुरंत बाद घाव को धोना बहुत जरूरी है.
  • चोट पर एंटीबायोटिक लगाएं.
  • घाव को ढंक कर रखें और रोज पट्टी बदलें.
  • इंफेक्‍शन का ध्‍यान रखें.
  • कुत्ते के काटने के 24 घंटे से लेकर 14 दिनों के अंदर संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं
  • संक्रमण दिखने पर तुरंत डॉक्‍टर को दिखाएं.

पढ़ें: आवारा कुत्तों को पकड़ने रायपुर की सड़कों पर उतरे विधायक

एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट आसमा वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में कुत्ते या किसी भी तरह के एनिमल ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं क्योंकि वो डरे हुए होते हैं. इस सीजन में डॉग ब्रीड करते हैं और अपनी टेरिटरी में रहते हैं. अपनी टेरिटरी बचाने के लिए वह इस सीजन में ज्यादा हिंसक हो जाते हैं.

रायपुर: अमूमन कुत्ते काफी शांत स्वभाव के होते हैं और किसी भी परिवार में आसानी से घुल-मिल जाते हैं. कई लोग उन्हें परिवार के सदस्य की तरह ही मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बारिश के मौसम में अक्सर कुत्ते एग्रेसिव हो जाते हैं.

बारिश में बढ़ जाता है डॉग बाइट का खतरा

डॉ किरण चौधरी बताती हैं, वैसे तो कुत्ते दोस्ती करने में माहिर होते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ये काफी एग्रेसिव हो जाते हैं. वे बताती हैं बारिश का सीजन कुत्तों का ब्रीडिंग सीजन होता है. इस सीजन में कुत्ते ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं और इनकी एग्रेसिवनेस डॉग बाइट के खतरे को बढ़ा देती है.

बच्चों में डॉग बाइट के ज्यादातार केस

डॉ किरण के मुताबिक डॉग बाइट के ज्यादातार मामले छोटे बच्चों में देखे जाते हैं. ज्यादातर बच्चे कुत्तों से बदमाशी करते हैं, जिससे कुत्ते ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं. इस सीजन में 40% केस बच्चों में डॉग बाइट के देखने को मिलते हैं. बच्चे अनजान होते हैं और उन्हें पता नहीं रहता कि कुत्ता कब काट ले, इस वजह से इस सीजन में बच्चों को संभाल कर रखना ज्यादा जरूरी होता है.

कुत्तों के काटने पर क्या करें

अगर आपको या आपके आसपास किसी व्‍यक्‍ति को कुत्ता काट ले, तो आपको निम्‍न तरीके से घाव का प्राथमिक उपचार करना चाहिए.

  • ब्‍लीडिंग रोकने के लिए घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया लगाएं.
  • क्षतिग्रस्‍त हिस्‍से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखने की कोशिश करें.
  • साबुन और पानी से ध्‍यानपूर्वक चोट वाले हिस्‍से को साफ करें.
  • अगर आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे चोट पर लगाएं
  • घाव पर साफ बैंडेज लगाएं.
  • बैंडेज को लगा रहने दें और पीड़ित व्‍यक्‍ति को डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं.
  • दिन में कई बार बैंडेज बदलें.
  • संक्रमण के संकेत जैसे कि लालिमा, सूजन, दर्द और बुखार आदि को नजर अंदाज न करें.

पशु चिकित्सक ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कुत्तों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. रायपुर में लगभग 40 हजार कुत्ते हैं. पिछले 2 साल में 7 हजार 500 कुत्तों की नसबंदी की गई है. उन्होंने बताया कि बाकि मौसम में कुत्ते इतने आक्रमक नहीं होते हैं पर बारिश के मौसम में लगभग हर महीने 100 के आसपास कुत्तों का इलाज भी किया जाता है.

इंफेक्‍शन से बचने के लिए क्‍या करें

अगर कुत्ते के काटने से आपके शरीर में खतरनाक बैक्‍टीरिया चला गया है तो इसका इलाज करना बहुत जरूरी है वरना जान का खतरा हो सकता है.

  • कुत्ते के काटने के तुरंत बाद घाव को धोना बहुत जरूरी है.
  • चोट पर एंटीबायोटिक लगाएं.
  • घाव को ढंक कर रखें और रोज पट्टी बदलें.
  • इंफेक्‍शन का ध्‍यान रखें.
  • कुत्ते के काटने के 24 घंटे से लेकर 14 दिनों के अंदर संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं
  • संक्रमण दिखने पर तुरंत डॉक्‍टर को दिखाएं.

पढ़ें: आवारा कुत्तों को पकड़ने रायपुर की सड़कों पर उतरे विधायक

एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट आसमा वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में कुत्ते या किसी भी तरह के एनिमल ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं क्योंकि वो डरे हुए होते हैं. इस सीजन में डॉग ब्रीड करते हैं और अपनी टेरिटरी में रहते हैं. अपनी टेरिटरी बचाने के लिए वह इस सीजन में ज्यादा हिंसक हो जाते हैं.

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