ETV Bharat / state

Christmas Day Special : जिंगल बेल के गाने के साथ आप भी कहें MERRY CHRISTMAS - मैरी क्रिसमस

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है. आज के दिन ईसाई समुदाय के लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाते हैं.

MERRY CHRISTMAS
मैरी क्रिसमस
author img

By

Published : Dec 25, 2019, 1:32 PM IST

रायपुर: हर साल की तरह इस बार भी 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार मनाया जा रहा है. बढ़ती ठंड और जिंगल बेल के गाने के साथ पूरी दुनिया क्रिसमस का त्यौहार मना रही है. क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाइयों का त्यौहार माना जाता है, लेकिन पूरा देश इसे धूम-धाम से मनाता है. इस दिन सांता क्लॉज, क्रिसमस ट्री और गिफ्ट का बहुत महत्तव होता है. क्रिसमस के अवसर पर चर्च और क्रिसमस ट्री की सजावट की जाती है साथ ही चर्च में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

क्रिसमस डे स्पेशल

पढ़े:रायपुर: क्रिसमस के लिए मॉल्स में की जा रही आकर्षक डेकोरेशन

बताया जाता है कि इस दिन ईसा मसीह यानि यीशु का जन्म हुआ था. क्रिसमस का जश्न 12 दिनों तक चलता है. इसके पीछे जो वजह बताई जाती है वो यह है कि प्रभु यीशु के जन्म के 12वें दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. इस त्योहार के लिए बड़ों से ज्यादा बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं. वो क्रिसमस की रात अपनी सभी इच्छाओं को एक कागज में लिखकर सोने से पहले घर की खिड़की के पास रख देते हैं. माना जाता है कि रात को ये फरिश्ते नीचे आकर बच्चों की सभी इच्छाओं को प्रभु यीशु तक पहुंचा देते हैं.

क्रिसमस पर इसका खास महत्व

  • क्रिसमस पर पेड़ को सजाया जाता है. इस पर रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं और तोहफे आदि लटकाए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये पड़े घर की नेगेटिविटी को दूर करता है. इस पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते हैं.
  • ऐसा माना जाता है कि यीशु के माता-पिता को शुभकामनाएं देने के लिए देवदूतों ने पेड़ को सितारों से सजाया था. कहा जाता है कि जर्मनी से पेड़ सजाने की परंपरा शुरु हुई थी.
  • क्रिसमस पर प्रभु ईसा मसीह के सामने मोमबत्तियां जलाकर लोग उनसे अपने जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं. अलग-अलग रंगों की मोमबत्तियां खुशियों और सफलता का प्रतीक होती है.
  • प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर घंटियां बजाकर उल्लास मनाने का रिवाज है. क्रिसमस के दिन घर और चर्च को घंटियों से सजाया जाता है. कह जाता है कि घंटियों की आवाज से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
  • क्रिसमस का तैयोहार केक, गिफ्ट के बिना अधूरा है. इस दिन लोग एक दूसरे को केक और गिफ्ट देते हैं.

पढ़े: रायपुर: निजी होटल ने सरकारी स्कूल के बच्चों को दी क्रिसमस पार्टी, बांटी खुशियां

छत्तीसगढ़ में भी क्रिसमस का तैयोहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. क्रिसमस डे के लिए मॉल को सैंटा क्लॉज, क्रिसमस ट्री सजाए गए हैं, जहां लोग इसके साथ सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही स्कूलों में भी इसे लेकर कई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

चर्च में की गई सजावट
रायपुर के मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस डे को लेकर प्री क्रिसमस इवेंट आयोजन किया गया था, जिसमें यीशु के बारे में लोगों को बताया गया. वहीं रायपुर के चर्च को क्रिसमस के मौके पर स्टार और लाइटों से सजाया गया है. साथ ही शाम में कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. बड़ी संख्या में लोग चर्च जाते दिखे.

रायपुर: हर साल की तरह इस बार भी 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार मनाया जा रहा है. बढ़ती ठंड और जिंगल बेल के गाने के साथ पूरी दुनिया क्रिसमस का त्यौहार मना रही है. क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाइयों का त्यौहार माना जाता है, लेकिन पूरा देश इसे धूम-धाम से मनाता है. इस दिन सांता क्लॉज, क्रिसमस ट्री और गिफ्ट का बहुत महत्तव होता है. क्रिसमस के अवसर पर चर्च और क्रिसमस ट्री की सजावट की जाती है साथ ही चर्च में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

क्रिसमस डे स्पेशल

पढ़े:रायपुर: क्रिसमस के लिए मॉल्स में की जा रही आकर्षक डेकोरेशन

बताया जाता है कि इस दिन ईसा मसीह यानि यीशु का जन्म हुआ था. क्रिसमस का जश्न 12 दिनों तक चलता है. इसके पीछे जो वजह बताई जाती है वो यह है कि प्रभु यीशु के जन्म के 12वें दिन तीन आलिम उन्हें तोहफे और दुआएं देने आए थे. इस त्योहार के लिए बड़ों से ज्यादा बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं. वो क्रिसमस की रात अपनी सभी इच्छाओं को एक कागज में लिखकर सोने से पहले घर की खिड़की के पास रख देते हैं. माना जाता है कि रात को ये फरिश्ते नीचे आकर बच्चों की सभी इच्छाओं को प्रभु यीशु तक पहुंचा देते हैं.

क्रिसमस पर इसका खास महत्व

  • क्रिसमस पर पेड़ को सजाया जाता है. इस पर रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई जाती हैं और तोहफे आदि लटकाए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये पड़े घर की नेगेटिविटी को दूर करता है. इस पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते हैं.
  • ऐसा माना जाता है कि यीशु के माता-पिता को शुभकामनाएं देने के लिए देवदूतों ने पेड़ को सितारों से सजाया था. कहा जाता है कि जर्मनी से पेड़ सजाने की परंपरा शुरु हुई थी.
  • क्रिसमस पर प्रभु ईसा मसीह के सामने मोमबत्तियां जलाकर लोग उनसे अपने जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं. अलग-अलग रंगों की मोमबत्तियां खुशियों और सफलता का प्रतीक होती है.
  • प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन पर घंटियां बजाकर उल्लास मनाने का रिवाज है. क्रिसमस के दिन घर और चर्च को घंटियों से सजाया जाता है. कह जाता है कि घंटियों की आवाज से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
  • क्रिसमस का तैयोहार केक, गिफ्ट के बिना अधूरा है. इस दिन लोग एक दूसरे को केक और गिफ्ट देते हैं.

पढ़े: रायपुर: निजी होटल ने सरकारी स्कूल के बच्चों को दी क्रिसमस पार्टी, बांटी खुशियां

छत्तीसगढ़ में भी क्रिसमस का तैयोहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. क्रिसमस डे के लिए मॉल को सैंटा क्लॉज, क्रिसमस ट्री सजाए गए हैं, जहां लोग इसके साथ सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही स्कूलों में भी इसे लेकर कई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

चर्च में की गई सजावट
रायपुर के मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस डे को लेकर प्री क्रिसमस इवेंट आयोजन किया गया था, जिसमें यीशु के बारे में लोगों को बताया गया. वहीं रायपुर के चर्च को क्रिसमस के मौके पर स्टार और लाइटों से सजाया गया है. साथ ही शाम में कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. बड़ी संख्या में लोग चर्च जाते दिखे.

Intro:Body:

Jesus Christ SPL PKG


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.