रायपुर: कोरोना वायरस का संक्रमण छत्तीसगढ़ की जेलों में भी पहुंच गया है. बलौदाबाजार की जेल में कैदी के कोरोना संक्रमित होने के बाद हड़कंप मच गया है. प्रशासन ने राज्य की सभी जेलों में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जारी की गई एडवाइजरी का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जेल एडमिनिस्ट्रेशन भी कड़ाई के साथ रूल्स को फॉलो कर रहा है.
कोरोना संक्रमण से बंदियों को बचाने के लिए जेल में किए गए सभी व्यवस्थाओं को लेकर ईटीवी भारत से जेल डीआईजी के के गुप्ता ने खास बातचीत की. इस दौरान गुप्ता ने जेल के सभी व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की सभी बंदियों को मास्क लगाने के लिए दिए गए हैं. जेलों में हाथ धोने की व्यवस्था की गई है. हर एक बैरेक के बाहर पानी की टंकियां और साबुन की व्यवस्था की गई है. बंदियों के लिए हैंड सेनीटाइजर की व्यवस्था भी की गई है.
एक महीने के लिए किया जाता है क्वॉरेंटाइन
केके गुप्ता ने बताया कि जेलो में क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. अगर कोई नया कैदी जेल में आता है तो उसको 14 दिन अलग बैरेक में रखते हैं. 14 दिन पूरे हो जाने के बाद उसे अलग दूसरे बैरेक में रखा जाता है. इस तरीके से लगभग 28 से 30 दिन तक नया बंदी जेल में क्वॉरेंटाइन रहता है. इस बीच में मेडिकल जांच होती है और स्वस्थ पाए जाने पर इनको अन्य बंदियों के साथ बैरेक में रहने के लिए भेजा जाता है.
संदिग्ध पाए जाने पर तत्काल कोरोना टेस्ट के निर्देश
गुप्ता ने कहा कि इस बीच यदि किसी को सर्दी खांसी या अन्य इसी तरह की बीमारी या सांस लेने में तकलीफ होती है और वह संदिग्ध पाए जाते हैं, तो ऐसे लोगों को तत्काल कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश सभी जेलों को दिए गए हैं.
गर्म भोजन की व्यवस्था
इस बातचीत के दौरान केके गुप्ता ने बताया कि जेलों में बंद बंदियों के खानपान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बंदियों के लिए गर्म भोजन, चाय-नाश्ता की व्यवस्था की गई है. जिससे कैदी स्वस्थ रह सके.
कपड़ों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान
केके गुप्ता ने कहा कि जेलो में बंदियों को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने के लिए उनके कपड़ों की साफ-सफाई की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बंदियों को दो पोशाक दी जाती है. एक पहनते हैं तो दूसरी को धोकर रखते हैं. कपड़े धोने के लिए बंदियों को अतिरिक्त साबुन और डिटर्जन पाउडर भी दिया जा रहा है. जिससे वे अपने कपड़ों को साफ रख सके.
बंदियों को दिए गए ग्लव्स और गम बूट
गुप्ता ने कहा कि जेलों में प्रिजन सर्विसेज यानी कि जेल की सेवा करने वाले सभी बंदियों को हैंड ग्लव्स और पैरों में पहनने के लिए गम बूट दिए गए हैं. हैंड ग्लव्स और गम बूट पहन कर ये बंदी जेलों में काम करते हैं.
जेल में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद की गई यह व्यवस्था
डीआईजी के के गुप्ता ने बताया कि बलौदाबाजार जेल में एक बंदी आया था जिसे रात भर अलग बैरक में रखा गया था. कोरोना संक्रमित कैदी के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. गुप्ता ने बताया कि बंदी निवाई थाना से आया था उस थाने के भी अधिकांश स्टाफ को क्वॉरेंटाइन किया गया है. बलौदाबाजार जिला सीएमएचओ और सिविल सर्जन पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. गुप्ता ने कहा कि अभी तक किसी भी जेल स्टाफ के संक्रमित होने की कोई सूचना नहीं है.