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ऐसे बचे गांव: आप शहरों को समझदार समझते रहे और बाजी ग्रामीणों ने मार ली - special story on chhattisgarh lockdowm

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है.ऐसे में सरकार आम जनता से बार-बार घर में ही रहने की अपील कर रहा है. बावजूद इसके कई लोग इसका पालन करते नजर नहीं आ रहे. शहरी क्षेत्रों में ये हालात ज्यादा हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र का हाल बिल्कुल इससे उल्टा है. ग्रामीणों ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए गांव को लॉकडाउन कर दिया है. प्रदेश के ऐसे कई गांवों से ऐसे तस्वीरें आई जिसे देखने के बाद आप भी यही कहेंगे कि वाकई ग्रामीण शहरी लोगों से ज्यादा समझदार और जागरूक हैं.

aware villagers
जागरूक ग्रामीण
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Published : May 1, 2020, 8:16 PM IST

रायपुर: आप शहरों को समझदार समझते रहे और बाजी गांववालों ने मार ली. जहां शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ रही हैं, वहीं गांव खुद ही होशियार हैं. छत्तीसगढ़ से ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जहां ग्रामीण खुद ही इतने जागरूक हैं कि अपना ख्याल रख रहे हैं. गांव में लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. ग्रामीण अंचलों में एहतियात इतनी कि रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे कोई कोरोना संक्रमित गांव में कदम न रख सके और लोगों को संक्रमित न कर सके.

जागरूक ग्रामीण

सूरजपुर में लगेगा जुर्माना

सूरजपुर के ग्रामीण अनोखे तरीके से लॉकड़ाउन का पालन कर रहे हैं. प्रतापपुर के बैकोना गांव के लोगों ने लॉकडाउन का पालन कराने के लिए गांव के प्रवेश द्वार पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है. गांव से बाहर जाने या आने वालों पर सख्त कार्रवाई करते 501 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. गांव के लोग लगातार सभी से लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही जो लोग बाहर से आए है, उन्हें मेडिकल जांच के लिए कह रहे हैं.

बस्तर में बंद 120 गांवों की सीमाएं

बस्तर के 120 से अधिक गांवों ने अपने आप को सील कर दिया है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इसके लिए बकायदा गांव की सीमा में कहीं पेड़ तो कहीं नाका बनाकर रास्ते को ब्लॉक कर बाहर से आने वालें लोगो का गांव में प्रवेश निषेध कर दिया गया है. इसके आलावा यदि कोई व्यक्ति गांव से बाहर भी जा रहा है तो गांववालों को कारण बताकर ही जाता है.

बालोद में युवा संभाल रहे कमान

बालोद जिले के कई ऐसे गांव हैं जिसकी सीमा ग्रामीणों ने सील कर दी है. गांव के अंदर आने वाले रास्तों को पेड़ आदि से ब्लॉक कर दिया गया है. इसकी कमान युवा संभाल रहे हैं.

गरियाबंद में मेहमानों की भी नो एंट्री

अब बात करते हैं गरियाबंद जिले के गांवों की. ज्यादातर गांव को यहां के ग्रामीणों ने खुद ही लॉकडाउन कर रखा है. खुद ग्रामीणों ने ही गांव के सभी आने जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है यहां तक कि मेहमानों को भी गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है गांव के बाहर से ही उल्टे पांव लौटाया जा रहा है.

राजनांदगांव में ग्रामीण सतर्क

राजनांदगांव के बोरतलाव में भी यही नजारा देखने को मिल रहा है.ग्रामीणों ने गांव में आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है. कुछ ग्रामों में कांटों को डालकर रोड ब्लॉक कर दिया गया है जबकि कुछ ऐसे ग्राम भी हैं जहां बेरियर बनाकर आवाजाही करने वालों पर नजर रखी जा रही है.

पेंड्रा-गौरेला-मरवाही में ग्राम पंचायत ने संभाली कमान

पेंड्रा गौरेला मरवाही के ग्रामीण इलाकों की जनता शहरी इलाकों से एक कदम आगे निकली. कोरोना वायरस से ग्राम पंचायत की जनता और ग्राम को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पंचायतों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है. इसके लिए गांव के मुख्य प्रवेश मार्गों पर नाका लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, इसके बावजूद यदि किसी का गांव से जाना आवश्यक है तो रजिस्टर में उनके आने-जाने का समय ,कारण,आधार नंबर , मोबाइल नंबर और वाहन क्रमांक उनके नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है.

बीजापुर में चोंगा लगाकर ग्रामीण कर रहे जागरूक

नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के ग्रामीण भी पीछे नहीं है. कोरोना वायरस के खिलाफ गंभीरता दिखाते हुए ग्रामीणों ने प्रवेश मार्ग पर बैरियर लगा कर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है.वहीं जिले के धनोरा पंचायत में कोरोना से जुड़ी जानकारी को लेकर गली मोहल्ले में चोंगा लगाया गया है. साथ ही लोकल भाषा के जरिए लोगों को इस महामारी को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

रायगढ़ में हाथ धोने पर ही मिलेगी गांव में एंट्री

रायगढ़ के ग्रामीण अंचल के लोगों ने खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए गांव का रास्ता बंद कर दिया है. ग्रामीण किसी को भी गांव के अंदर नहीं घुसने दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 'अगर गांव के लोग अपने काम के लिए गांव से बाहर जाते हैं, तो उनको गांव में प्रवेश कराने से पहले साबुन और पानी से हाथ धुलाया जाता है. उसके बाद ही गांव के भीतर आने दिया जाता है'.

नारायणपुर में पोस्टर लगाकर कर रहे जागरूक

नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की ओर से की गई अपील का असर दिखने लगा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्रामीण स्वयं जागरूक होकर सोशल डिस्टेंस का महत्व दूसरों को समझा रहे हैं. उन्होंने सार्वजनिक स्थानों, हैंडपंप, किराना दुकान और सड़क पर भी अनावश्यक बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध के बैनर लगा दिए हैं.

बेमेतरा में आवाजाही करने वालों पर कड़ी निगरानी

बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के नवीन पंचायत बुडेरा में कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान और लॉकडाउन की गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों और पंचायत स्तर पर बांस की लकड़ी का बैरिकैड्स तैयार कर रास्ते को पूरी तरह से सील किया गया है, ताकि गांव में किसी प्रकार कि परेशानी न आए और बाहरी व्यक्ति गांव की सीमा में प्रवेश न कर सके.

ग्रामीण भले ही ज्यादा पढ़े लिखे न हो लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं. ये तस्वीरें देखने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र ज्यादा जागरूक हैं.

रायपुर: आप शहरों को समझदार समझते रहे और बाजी गांववालों ने मार ली. जहां शहरों में कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ रही हैं, वहीं गांव खुद ही होशियार हैं. छत्तीसगढ़ से ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जहां ग्रामीण खुद ही इतने जागरूक हैं कि अपना ख्याल रख रहे हैं. गांव में लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. ग्रामीण अंचलों में एहतियात इतनी कि रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे कोई कोरोना संक्रमित गांव में कदम न रख सके और लोगों को संक्रमित न कर सके.

जागरूक ग्रामीण

सूरजपुर में लगेगा जुर्माना

सूरजपुर के ग्रामीण अनोखे तरीके से लॉकड़ाउन का पालन कर रहे हैं. प्रतापपुर के बैकोना गांव के लोगों ने लॉकडाउन का पालन कराने के लिए गांव के प्रवेश द्वार पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है. गांव से बाहर जाने या आने वालों पर सख्त कार्रवाई करते 501 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. गांव के लोग लगातार सभी से लॉकडाउन का पालन करने की अपील कर रहे हैं. इसके साथ ही जो लोग बाहर से आए है, उन्हें मेडिकल जांच के लिए कह रहे हैं.

बस्तर में बंद 120 गांवों की सीमाएं

बस्तर के 120 से अधिक गांवों ने अपने आप को सील कर दिया है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इसके लिए बकायदा गांव की सीमा में कहीं पेड़ तो कहीं नाका बनाकर रास्ते को ब्लॉक कर बाहर से आने वालें लोगो का गांव में प्रवेश निषेध कर दिया गया है. इसके आलावा यदि कोई व्यक्ति गांव से बाहर भी जा रहा है तो गांववालों को कारण बताकर ही जाता है.

बालोद में युवा संभाल रहे कमान

बालोद जिले के कई ऐसे गांव हैं जिसकी सीमा ग्रामीणों ने सील कर दी है. गांव के अंदर आने वाले रास्तों को पेड़ आदि से ब्लॉक कर दिया गया है. इसकी कमान युवा संभाल रहे हैं.

गरियाबंद में मेहमानों की भी नो एंट्री

अब बात करते हैं गरियाबंद जिले के गांवों की. ज्यादातर गांव को यहां के ग्रामीणों ने खुद ही लॉकडाउन कर रखा है. खुद ग्रामीणों ने ही गांव के सभी आने जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं और बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है यहां तक कि मेहमानों को भी गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है गांव के बाहर से ही उल्टे पांव लौटाया जा रहा है.

राजनांदगांव में ग्रामीण सतर्क

राजनांदगांव के बोरतलाव में भी यही नजारा देखने को मिल रहा है.ग्रामीणों ने गांव में आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है. कुछ ग्रामों में कांटों को डालकर रोड ब्लॉक कर दिया गया है जबकि कुछ ऐसे ग्राम भी हैं जहां बेरियर बनाकर आवाजाही करने वालों पर नजर रखी जा रही है.

पेंड्रा-गौरेला-मरवाही में ग्राम पंचायत ने संभाली कमान

पेंड्रा गौरेला मरवाही के ग्रामीण इलाकों की जनता शहरी इलाकों से एक कदम आगे निकली. कोरोना वायरस से ग्राम पंचायत की जनता और ग्राम को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पंचायतों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है. इसके लिए गांव के मुख्य प्रवेश मार्गों पर नाका लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, इसके बावजूद यदि किसी का गांव से जाना आवश्यक है तो रजिस्टर में उनके आने-जाने का समय ,कारण,आधार नंबर , मोबाइल नंबर और वाहन क्रमांक उनके नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है.

बीजापुर में चोंगा लगाकर ग्रामीण कर रहे जागरूक

नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के ग्रामीण भी पीछे नहीं है. कोरोना वायरस के खिलाफ गंभीरता दिखाते हुए ग्रामीणों ने प्रवेश मार्ग पर बैरियर लगा कर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है.वहीं जिले के धनोरा पंचायत में कोरोना से जुड़ी जानकारी को लेकर गली मोहल्ले में चोंगा लगाया गया है. साथ ही लोकल भाषा के जरिए लोगों को इस महामारी को लेकर जागरूक किया जा रहा है.

रायगढ़ में हाथ धोने पर ही मिलेगी गांव में एंट्री

रायगढ़ के ग्रामीण अंचल के लोगों ने खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए गांव का रास्ता बंद कर दिया है. ग्रामीण किसी को भी गांव के अंदर नहीं घुसने दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 'अगर गांव के लोग अपने काम के लिए गांव से बाहर जाते हैं, तो उनको गांव में प्रवेश कराने से पहले साबुन और पानी से हाथ धुलाया जाता है. उसके बाद ही गांव के भीतर आने दिया जाता है'.

नारायणपुर में पोस्टर लगाकर कर रहे जागरूक

नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की ओर से की गई अपील का असर दिखने लगा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्रामीण स्वयं जागरूक होकर सोशल डिस्टेंस का महत्व दूसरों को समझा रहे हैं. उन्होंने सार्वजनिक स्थानों, हैंडपंप, किराना दुकान और सड़क पर भी अनावश्यक बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध के बैनर लगा दिए हैं.

बेमेतरा में आवाजाही करने वालों पर कड़ी निगरानी

बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के नवीन पंचायत बुडेरा में कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान और लॉकडाउन की गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों और पंचायत स्तर पर बांस की लकड़ी का बैरिकैड्स तैयार कर रास्ते को पूरी तरह से सील किया गया है, ताकि गांव में किसी प्रकार कि परेशानी न आए और बाहरी व्यक्ति गांव की सीमा में प्रवेश न कर सके.

ग्रामीण भले ही ज्यादा पढ़े लिखे न हो लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं. ये तस्वीरें देखने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र ज्यादा जागरूक हैं.

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