रायपुर: नोवल कोरोना वायरस की मार से इस वक्त पूरी दुनिया सकते में है, खासकर यूरोपीय देश इसके ज्यादा चपेट में हैं. इन्हीं देशों में से एक है क्रोएशिया, जहां बड़ी संख्या में भारतीय निवास करते हैं.
यूरोप के कई बड़े और शक्तिशाली देशों के मुकाबले कोरोना वायरस से निपटने में क्रोएशिया का रिकॉर्ड बेहतर नजर आ रहा है. ऐसे में आखिर क्रोएशिया सरकार किस तरह की व्यवस्था कर रही है, वहां क्या मेडिकल फैसेलिटीज हैं, हम ये जानेंगे क्रोएशिया में ही रह हरे आंनदमार्ग संस्था के पूर्णकालिक कार्यकर्ता आचार्य विश्वोतगतानंद अवधूत से. आचार्य ने बताया कि यहां कई भारतीय हैं जो बिजनेस करते हैं, कई सॉफ्टवेयर इंजिनीयर हैं, स्टूडेंट्स भी हैं. सभी ठीक हैं. अब तक किसी में भी ये संक्रमण नहीं पाया गया है.
कोरोना को लेकर पूरी तैयारी
कोरोना से बचाव के बारे में क्रोएशिया की तैयारियों पर आचार्य ने बताया कि दूसरे देशों के मुकाबले यहां पर कोरोना का प्रभाव कम है. यहां प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी. 19 मार्च को यहां पर लॉकडाउन भी कर दिया गया था. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से समय-समय पर जरुरी दिशा निर्देश भी दिए जा रहे थे.
क्रोएशिया में भूकंप के झटके
आचार्य ने बताया कि कोरोना के संक्रमण के बीच 22 मार्च को क्रोएशिया में 5.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. इस पर यहां के लोगों को कोरोना वायरस और भूकंप की दोहरी मार झेलनी पड़ी. कुछ पुराने घर इस भूकंप से ढह गए और कुछ समय के लिए अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया.
जनसहयोग जरुरी: आचार्य विश्वोतगतानंद
क्रोएशिया में किसी संदिग्ध व्यक्ति के मिलने पर उसे तत्काल क्वारेंटाइन कर दिया जाता है. आचार्य ने वहां के माहौल को देखते हुए भारतीयों को सलाह दी. उन्होंने कहा कि किसी भी नियम या कानून को अमल में लाने के लिए जनसहयोग बहुत जरुरी होता है. सरकार कितने ही नियम बना ले, लेकिन जब तक जनसहयोग नहीं है, जनजागरुकता नहीं है, तब तक उन कानूनों को अमल में लाना मुश्किल है. इसलिए शासन-प्रशासन का सहयोग करें, जिससे इस महामारी से निपटा जा सके.