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SP Sangeeta Peters got command of dial 112: पहली बार महिला अफसर के कंधों पर होगी डायल 112 की जिम्मेदारी

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Published : Dec 29, 2021, 8:04 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 10:33 PM IST

SP Sangeeta Peters got command of dial 112 : रायपुर में पहली बार महिला अफसर के कंधों पर डायल 112 की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. 2007 बैच की राज्य पुलिस सेवा की महिला अफसर डॉ संगीता पीटर्स पदभार ग्रहण कर चुकी हैं. आइए जानते हैं इस जिम्मेदारी के बारे में डॉ. संगीता पीटर्स क्या कहती हैं?

SP Sangeeta Peters got command of dial 112
एसपी संगीता पीटर्स को कमांड

रायपुर: पहली बार महिला अफसर के कंधों पर डायल 112 की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. साल 2007 बैच की महिला पुलिस अफसर डॉ संगीता पीटर्स पदभार ग्रहण कर चुकी हैं. डॉ. संगीता पीटर्स मूलरूप से भिलाई की रहने वाली हैं. उन्होंने जेएनयू से एमए, एमफिल, पीएचडी, और सोशल मेडिसिन एंड कम्युनिटी हेल्थ में डिग्री हासिल की हैं. उसके बाद वो हिदायतुल्लाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रही हैं. स्टेट पुलिस सेवा में चयन होने के बाद वो 10 साल तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में कार्यरत थीं. उसके बाद चंदखुरी पुलिस अकादमी की भी कमान संभाल चुकी हैं.

पहली बार महिला अफसर के कंधों पर होगी डायल 112 की जिम्मेदारी

इस विषय में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान एसपी डॉ संगीता पीटर्स ने क्या कहा आईए जानते हैं...

सवाल: आप कैसे पुलिस सेवा से जुड़ीं? आपने इस फील्ड को ही क्यों चुना?

जवाब: पब्लिक सेवा में जाना मेरा लक्ष्य था. मैंने एकेडेमिक्स में भी अपना अल्टरनेटिव प्लान कर रखा था. चूंकि जेएनयू से मैंने एमए, एमफिल, पीएचडी, सोशल मेडिशिन एंड कम्युनिटी हेल्थ में किया है. उसके बाद मैं हिदायतुल्लाह लॉ विश्वविद्यालय में फेकल्टी के रूप में काम कर रही थी. उसी दौरान राज्य लोक सेवा आयोग का मैंने इन्टरव्यू दिया था, वह क्लियर हुआ. फिर मुझे लगा कि पब्लिक सर्विस में आना है. उसके बाद मैं इस फील्ड में आई.

सवाल: आपने पहले सोचा था कि आप पुलिस सेवा में आना चाहेंगी?

जवाब: मैं पुलिस सर्विस में ही आना चाहती थी. क्योंकि यहां का डिसिप्लिन्ट सर्विस मुझे शुरू से ही पसंद है. इसकी चुनैतियों से लगता था कि मैं बखूबी निभा सकती हूं और पूरी क्षमता के साथ मैं अपनी सेवा दे सकती हूं.

यह भी पढ़ेंः बचपन का प्यार फेम सहदेव दिरदो के स्वास्थ्य में सुधार, रायपुर भेजने की तैयारी

सवाल: आप प्रोफेशर रहीं, उसके बाद पुलिस सेवा में आना. किस तरह की चुनैतियों का आपको सामना करना पड़ा?

जवाब: एक्चुअली चुनौतियां तो पुलिसिंग की सबके लिए समान है और महिला होने के नाते इस डिपार्टमेंट में आना मेरे लिए एक बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है. उस पर से जो मैंने अपनाया बस्तर में अपनी सेवा देने का, अगर पुलिसिंग को छोड़ दिया जाए... तो बस्तर एक बहुत ही सुंदर जगह है और मैंने बहुत ही एंजॉय किया है. जो चुनैतियां थीं बस्तर में, वो वाकई काफी टफ थीं. सरकार की जितनी भी योजनाएं थीं और पुलिसिंग की सेवाओं का जो विस्तार हुआ है, वह मेरे सामने ही हुआ है, जो काबिले तारीफ है.

सवाल: पीएसपी की तैयारी के दौरान आपकी स्ट्रैटजी क्या रही?

जवाब: एचडी पढ़ाई में पूरा फोकस और डेडीकेशन ही आपके काम आता है और यदि आप पढ़ाई के साथ-साथ अपने बाकी मेंटल फैकल्टीज को यूज करते हैं तो आपका कॉमन सेंस, आपका आई क्यू लेवल, यह सारी चीजें बहुत अच्छी तरीके से डेवलप होती हैं. इसके साथ ही मेरा मानना है कि आपके संस्कार, घर-परिवार और स्कूल से जो मिलते हैं, वह भी काफी काम आते हैं.

सवाल: आप पुलिस एकेडमी की कमान संभाल चुकी हैं. अब आपको डायल 112 की जिम्मेदारी मिली है, इसमें आप किस तरह का नवाचार लाना चाहेंगी?

जवाब: एचडी जैसे मैंने बताया कि डायल 112 इमरजेंसी रिस्पांस एंड सपोर्ट सिस्टम है और एक महिला होने के नाते, जिनका नेचर ही होता है. सेंसिटिव होना, इमोशनल होना, एम्प्थाइस करना, सिम्प्थाइस कर पाना, तो जितने भी लोग डिस्ट्रेस में होते हैं. चूकिं हमारे पास डिस्ट्रेस कॉल ही आते हैं, तो उनके लिए हम खुद से एक एनालाइस कर सकते हैं कि किनको किस लेवल पर सहायता की जरूरत है और उसके लिए अगर हम सेंसिटिव होकर काम करना चाहें तो ये सर्विस जो शुरू की गई है. इस पर मैं अपनी क्षमताओं का पूरा बेहतर उपयोग कर सकूं.

सवाल: वर्तमान में प्रदेश में 11 जिलों पर 112 की सेवा उपलब्ध है, आगे किस तरह इसे बढ़ाने की तैयारी है?

जवाब: सरकार की योजना है और विभाग की भी पहल है कि इसे बाकी जिलों में भी कवर किया जाए. चूंकि, बाकी 17 जिले छूट गए हैं. ऐसे में 17 जिलों में भी इसे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. वर्तमान में जिन 11 जिलों में ये सेवा काम कर रही हैं, उसमें बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिला है. लोगों को भी ऐसी कई सेवा पहली बार मिली है जो कि उनको डिस्ट्रेस के समय में तुरन्त और पूरी तरह से उनको मदद करते हैं.

सवाल: आप खुद महिला हैं और वर्तमान में फील्ड पर पुरुष पुलिस कर्मी डायल 112 के माध्यम से ग्राउंड लेवल पर है. ऐसे में आगे क्या महिला पुलिस कर्मी भी नजर आएंगी?

जवाब: अभी भी फ्लोर लेवल पर हमारे पास महिला पुलिस कर्मी हैं, लेकिन महिला पुलिस कर्मियों की कमी होने की वजह से फील्ड पर महिला पुलिस कर्मी नहीं ले पाए हैं, लेकिन हमारी योजना है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है कि वो डायल 112 में भी अच्छी सर्विस दे सकें. जहां पर भी जरूरत है, अभी भी वहां उन्हें डिप्लॉय किया जा रहा है.

रायपुर: पहली बार महिला अफसर के कंधों पर डायल 112 की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. साल 2007 बैच की महिला पुलिस अफसर डॉ संगीता पीटर्स पदभार ग्रहण कर चुकी हैं. डॉ. संगीता पीटर्स मूलरूप से भिलाई की रहने वाली हैं. उन्होंने जेएनयू से एमए, एमफिल, पीएचडी, और सोशल मेडिसिन एंड कम्युनिटी हेल्थ में डिग्री हासिल की हैं. उसके बाद वो हिदायतुल्लाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रही हैं. स्टेट पुलिस सेवा में चयन होने के बाद वो 10 साल तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में कार्यरत थीं. उसके बाद चंदखुरी पुलिस अकादमी की भी कमान संभाल चुकी हैं.

पहली बार महिला अफसर के कंधों पर होगी डायल 112 की जिम्मेदारी

इस विषय में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान एसपी डॉ संगीता पीटर्स ने क्या कहा आईए जानते हैं...

सवाल: आप कैसे पुलिस सेवा से जुड़ीं? आपने इस फील्ड को ही क्यों चुना?

जवाब: पब्लिक सेवा में जाना मेरा लक्ष्य था. मैंने एकेडेमिक्स में भी अपना अल्टरनेटिव प्लान कर रखा था. चूंकि जेएनयू से मैंने एमए, एमफिल, पीएचडी, सोशल मेडिशिन एंड कम्युनिटी हेल्थ में किया है. उसके बाद मैं हिदायतुल्लाह लॉ विश्वविद्यालय में फेकल्टी के रूप में काम कर रही थी. उसी दौरान राज्य लोक सेवा आयोग का मैंने इन्टरव्यू दिया था, वह क्लियर हुआ. फिर मुझे लगा कि पब्लिक सर्विस में आना है. उसके बाद मैं इस फील्ड में आई.

सवाल: आपने पहले सोचा था कि आप पुलिस सेवा में आना चाहेंगी?

जवाब: मैं पुलिस सर्विस में ही आना चाहती थी. क्योंकि यहां का डिसिप्लिन्ट सर्विस मुझे शुरू से ही पसंद है. इसकी चुनैतियों से लगता था कि मैं बखूबी निभा सकती हूं और पूरी क्षमता के साथ मैं अपनी सेवा दे सकती हूं.

यह भी पढ़ेंः बचपन का प्यार फेम सहदेव दिरदो के स्वास्थ्य में सुधार, रायपुर भेजने की तैयारी

सवाल: आप प्रोफेशर रहीं, उसके बाद पुलिस सेवा में आना. किस तरह की चुनैतियों का आपको सामना करना पड़ा?

जवाब: एक्चुअली चुनौतियां तो पुलिसिंग की सबके लिए समान है और महिला होने के नाते इस डिपार्टमेंट में आना मेरे लिए एक बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है. उस पर से जो मैंने अपनाया बस्तर में अपनी सेवा देने का, अगर पुलिसिंग को छोड़ दिया जाए... तो बस्तर एक बहुत ही सुंदर जगह है और मैंने बहुत ही एंजॉय किया है. जो चुनैतियां थीं बस्तर में, वो वाकई काफी टफ थीं. सरकार की जितनी भी योजनाएं थीं और पुलिसिंग की सेवाओं का जो विस्तार हुआ है, वह मेरे सामने ही हुआ है, जो काबिले तारीफ है.

सवाल: पीएसपी की तैयारी के दौरान आपकी स्ट्रैटजी क्या रही?

जवाब: एचडी पढ़ाई में पूरा फोकस और डेडीकेशन ही आपके काम आता है और यदि आप पढ़ाई के साथ-साथ अपने बाकी मेंटल फैकल्टीज को यूज करते हैं तो आपका कॉमन सेंस, आपका आई क्यू लेवल, यह सारी चीजें बहुत अच्छी तरीके से डेवलप होती हैं. इसके साथ ही मेरा मानना है कि आपके संस्कार, घर-परिवार और स्कूल से जो मिलते हैं, वह भी काफी काम आते हैं.

सवाल: आप पुलिस एकेडमी की कमान संभाल चुकी हैं. अब आपको डायल 112 की जिम्मेदारी मिली है, इसमें आप किस तरह का नवाचार लाना चाहेंगी?

जवाब: एचडी जैसे मैंने बताया कि डायल 112 इमरजेंसी रिस्पांस एंड सपोर्ट सिस्टम है और एक महिला होने के नाते, जिनका नेचर ही होता है. सेंसिटिव होना, इमोशनल होना, एम्प्थाइस करना, सिम्प्थाइस कर पाना, तो जितने भी लोग डिस्ट्रेस में होते हैं. चूकिं हमारे पास डिस्ट्रेस कॉल ही आते हैं, तो उनके लिए हम खुद से एक एनालाइस कर सकते हैं कि किनको किस लेवल पर सहायता की जरूरत है और उसके लिए अगर हम सेंसिटिव होकर काम करना चाहें तो ये सर्विस जो शुरू की गई है. इस पर मैं अपनी क्षमताओं का पूरा बेहतर उपयोग कर सकूं.

सवाल: वर्तमान में प्रदेश में 11 जिलों पर 112 की सेवा उपलब्ध है, आगे किस तरह इसे बढ़ाने की तैयारी है?

जवाब: सरकार की योजना है और विभाग की भी पहल है कि इसे बाकी जिलों में भी कवर किया जाए. चूंकि, बाकी 17 जिले छूट गए हैं. ऐसे में 17 जिलों में भी इसे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. वर्तमान में जिन 11 जिलों में ये सेवा काम कर रही हैं, उसमें बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिला है. लोगों को भी ऐसी कई सेवा पहली बार मिली है जो कि उनको डिस्ट्रेस के समय में तुरन्त और पूरी तरह से उनको मदद करते हैं.

सवाल: आप खुद महिला हैं और वर्तमान में फील्ड पर पुरुष पुलिस कर्मी डायल 112 के माध्यम से ग्राउंड लेवल पर है. ऐसे में आगे क्या महिला पुलिस कर्मी भी नजर आएंगी?

जवाब: अभी भी फ्लोर लेवल पर हमारे पास महिला पुलिस कर्मी हैं, लेकिन महिला पुलिस कर्मियों की कमी होने की वजह से फील्ड पर महिला पुलिस कर्मी नहीं ले पाए हैं, लेकिन हमारी योजना है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है कि वो डायल 112 में भी अच्छी सर्विस दे सकें. जहां पर भी जरूरत है, अभी भी वहां उन्हें डिप्लॉय किया जा रहा है.

Last Updated : Dec 29, 2021, 10:33 PM IST
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