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अजीत जोगी के निधन पर सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर व्यक्त की संवेदनाएं, अमित जोगी ने किया ट्वीट - अमित जोगी का फेसबूक पोस्ट

अजीत जोगी के निधन पर सोनिया गांधी ने भी पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है. इस पत्र को अमित जोगी ने हिंदी में अनुवाद कर सोशल मीडिया में पोस्ट किया है. इसके साथ ही अमित जोगी ने ट्वीट कर सोनिया गांधी का शुक्रिया अदा किया है.

sonia gandhi condolence to ajit jogi
सोनिया गांधी फाइल फोटो
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Published : Jun 22, 2020, 1:59 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद लगातार उनके चाहने वाले पत्र लिखकर उनके परिवार जनों तक अपनी संवेदनाएं व्यक्त रहे हैं. वहीं अजीत जोगी के निधन पर सोनिया गांधी ने भी पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है.

sonia gandhi condolence to ajit jogi
सोनिया गांधी का पत्र

अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने संवेदना पत्र को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है. अमित ने लिखा है, 'अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी त्रासदी के दौरान मैंने अपनी मां डॉक्टर रेनु जोगी को केवल एक बार रोते हुए देखा है, जब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से वो फोन पर पापा के जाने के बाद बात कर रही थीं. संकट के क्षणों में सोनिया जी ने हमें कभी भी यह एहसास नहीं होने दिया कि जोगी परिवार उनसे अलग है. उनके इस स्नेह के लिए मेरा परिवार हमेशा उनका व्यक्तिगत रूप से ऋणी रहेगा.'

  • अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी त्रासदी के दौरान मैंने अपनी माँ डॉक्टर #रेनु_जोगी को केवल एक बार रोते हुए देखा है,जब @INCIndia अध्यक्षा श्रीमती #सोनिया_गांधी से वो फ़ोन पर पापा के जाने के बाद बात कर रही थीं। संकट के क्षणों में उन्होंने हमें कभी भी यह एहसास नहीं होने दिया कि जोगी परिवार pic.twitter.com/ZN0DqyOS7x

    — Amit Jogi (@amitjogi) June 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सोनिया गांधी के भेजे हुए पत्र का हिंदी अनुवाद कर अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर साझा की है.

पत्र में सोनिया ने लिखा है-

'अजीत जोगी के पास अलग-अलग समय में शिक्षा, नौकरशाही और राजनीति के क्षेत्रों में रहने की दुर्लभ विशिष्टता थी. जब वे कांग्रेस पार्टी में थे तब उनके साथ कई वर्षों तक मुझे निकट रूप से साथ काम करने का मौका मिला. उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमिटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी में विभिन्न पदों पर काम किया और वे पार्टी के जिन भी पदों पर रहे उन सब में एक अविस्मरणीय विरासत छोड़ कर गए हैं.

एक मामूली पृष्ठभूमि से आते हुए भी उनका राजनीति में ऊँचाइयों को छूना छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए हमेशा एक प्रेरणास्त्रोत रहेगा. जनसेवा के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वे कमजोर वर्ग की सेवा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. एक सांसद के रूप में उन्होंने हमेशा गरीबों की आवाज उठाई.

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के रूप में अपने लम्बे प्रशासनिक अनुभव से बहुत मदद मिली. उनके संक्षिप्त लेकिन विख्यात कार्यकाल ने छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर अग्रसर किया.

अजीत जोगी में किसी भी विपरीत परिस्थिति से सबसे सकारात्मक रूप से निपटने का अदम्य साहस था. 2004 में हुए उनके भीषण कार एक्सीडेंट के बाद से उनकी यह मनोदृष्टि और भी स्पष्ट होती है. उनके निधन से देश ने एक अनुभवी जनसेवक और छत्तीसगढ़ ने अपना संस्थापक नेता खो दिया है. मैं उनके परिवार और शुभचिंतकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं.

सोनिया गांधी
नयी दिल्ली
जून 20, 2020'

पढ़ें- खुलेंगे अजीत जोगी की जिंदगी से जुड़े कई राज, जल्द प्रकाशित होगी आत्मकथा

9 मई को अस्पताल में भर्ती थे अजीत जोगी

गंगा इमली का बीज अजीत जोगी की सांस नली में फंस गया था. इस वजह से उनकी हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद अजीत जोगी को 9 मई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, वह कोमा में थे. हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शुक्रवार 29 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन के बाद लगातार उनके चाहने वाले पत्र लिखकर उनके परिवार जनों तक अपनी संवेदनाएं व्यक्त रहे हैं. वहीं अजीत जोगी के निधन पर सोनिया गांधी ने भी पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है.

sonia gandhi condolence to ajit jogi
सोनिया गांधी का पत्र

अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने संवेदना पत्र को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है. अमित ने लिखा है, 'अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी त्रासदी के दौरान मैंने अपनी मां डॉक्टर रेनु जोगी को केवल एक बार रोते हुए देखा है, जब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से वो फोन पर पापा के जाने के बाद बात कर रही थीं. संकट के क्षणों में सोनिया जी ने हमें कभी भी यह एहसास नहीं होने दिया कि जोगी परिवार उनसे अलग है. उनके इस स्नेह के लिए मेरा परिवार हमेशा उनका व्यक्तिगत रूप से ऋणी रहेगा.'

  • अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी त्रासदी के दौरान मैंने अपनी माँ डॉक्टर #रेनु_जोगी को केवल एक बार रोते हुए देखा है,जब @INCIndia अध्यक्षा श्रीमती #सोनिया_गांधी से वो फ़ोन पर पापा के जाने के बाद बात कर रही थीं। संकट के क्षणों में उन्होंने हमें कभी भी यह एहसास नहीं होने दिया कि जोगी परिवार pic.twitter.com/ZN0DqyOS7x

    — Amit Jogi (@amitjogi) June 22, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सोनिया गांधी के भेजे हुए पत्र का हिंदी अनुवाद कर अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर साझा की है.

पत्र में सोनिया ने लिखा है-

'अजीत जोगी के पास अलग-अलग समय में शिक्षा, नौकरशाही और राजनीति के क्षेत्रों में रहने की दुर्लभ विशिष्टता थी. जब वे कांग्रेस पार्टी में थे तब उनके साथ कई वर्षों तक मुझे निकट रूप से साथ काम करने का मौका मिला. उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमिटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी में विभिन्न पदों पर काम किया और वे पार्टी के जिन भी पदों पर रहे उन सब में एक अविस्मरणीय विरासत छोड़ कर गए हैं.

एक मामूली पृष्ठभूमि से आते हुए भी उनका राजनीति में ऊँचाइयों को छूना छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए हमेशा एक प्रेरणास्त्रोत रहेगा. जनसेवा के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वे कमजोर वर्ग की सेवा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. एक सांसद के रूप में उन्होंने हमेशा गरीबों की आवाज उठाई.

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के रूप में अपने लम्बे प्रशासनिक अनुभव से बहुत मदद मिली. उनके संक्षिप्त लेकिन विख्यात कार्यकाल ने छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर अग्रसर किया.

अजीत जोगी में किसी भी विपरीत परिस्थिति से सबसे सकारात्मक रूप से निपटने का अदम्य साहस था. 2004 में हुए उनके भीषण कार एक्सीडेंट के बाद से उनकी यह मनोदृष्टि और भी स्पष्ट होती है. उनके निधन से देश ने एक अनुभवी जनसेवक और छत्तीसगढ़ ने अपना संस्थापक नेता खो दिया है. मैं उनके परिवार और शुभचिंतकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं.

सोनिया गांधी
नयी दिल्ली
जून 20, 2020'

पढ़ें- खुलेंगे अजीत जोगी की जिंदगी से जुड़े कई राज, जल्द प्रकाशित होगी आत्मकथा

9 मई को अस्पताल में भर्ती थे अजीत जोगी

गंगा इमली का बीज अजीत जोगी की सांस नली में फंस गया था. इस वजह से उनकी हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद अजीत जोगी को 9 मई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, वह कोमा में थे. हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शुक्रवार 29 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

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