सुकमा: जिले के मरईगुड़ा थाना क्षेत्र में लिंगलपल्ली CRPF कैंप में एक जवान की फायरिंग (CRPF Soldier Opened Fire) में 50वीं बटालियन के 4 जवानों की मौत हो गई और 3 जवान घायल हो गए. बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि तड़के सुबह 3.15 बजे आरोपी जवान रितेश रंजन ने सोते हुए जवानों पर फायरिंग कर दी थी. आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. सीएम भूपेश बघेल ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा. CRPF ने पूरी घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं.
हिरासत में आरोपी जवान: IG
बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि ' सुकमा जिले के मरईगुड़ा थाना क्षेत्र में लिंगलपल्ली कैंप में दुखद घटना घटी. एक जवान ने अपने दूसरे साथियों पर गोली चला दी. जिसमें 4 जवानों की मौत हो गई. 3 जवान घायल है. घायल जवानों में 2 जवानों को चॉपर से रायपुर रेफर किया गया है. 1 जवान को भद्राचलम रेफर किया गया. घायल जवानों की हालत फिलहाल ठीक है. आरोपी जवान को हिरासत में ले लिया गया है. उससे पूछताछ जारी है. सब जवान बैरक में सो रहे थे. आरोपी जवान ड्यूटी के लिए तैयार हो रहा था. इसी दौरान उसने ड्यूटी पर जाने से पहले जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी'. सुरक्षा बल के सूत्रों के मुताबिक जवान मानसिक रूप से परेशान था. उसका कई दिनों पहले जवानों से विवाद भी हुआ था. उसके बाद सोमवार की सुबह उसने इस तरह का कदम उठाया.
दोबारा ना हो ऐसी घटना: भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है. ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि' सुकमा जिले के मरईगुड़ा लिङ्गलपल्ली CRPF कैम्प में एक जवान द्वारा फायरिंग की घटना में 4 जवानों की मृत्यु की घटना बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यजनक है. पुलिस अधिकारियों से कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं '.
मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि' बेहद दुखद और दुर्भाग्यजनक घटना है. कारणों का पता लगाया जा रहा है. जहां तक मुझे जानकारी मिली है. जवान का ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया था. उसकी छुट्टी भी मंजूर हो गई थी. इसके बाद किन परिस्थितयों में ये हुआ. ये जांच के बाद पता चलेगा.
जिन जवानों की मौत हुई हैं उनके नाम इस प्रकार है.
1- धनजी - आरक्षक
2- राजीव मंडल- आरक्षक
3- राजमणि कुमार यादव
4 - धर्मेन्द्र कुमार
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घायल जवानों के नाम
धनंजय सिंह
धर्मात्मा कुमार
मलैया रंजन महाराणा
लगातार बढ़ रहे हैं जवानों की खुदकुशी और आत्मघाती कदम के मामले
सुरक्षाबलों के सूत्रों की माने तो साल 2020 से लेकर इस वर्ष सितंबर महीने तक सीआरपीएफ में जवानों के अंदर सुसाइड और आत्मघाती कदम के 101 मामले दर्ज किए गए हैं. यह संख्या 2017, 2018, 2019 को मिलाकर 116 मामलों की तुलना में चौंकाने वाली हैं. 2020 में CRPF में आत्महत्या के 60 मामले मिले. जबकि, इस साल 41 ने खुदकुशी की. 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश: 36 और 42 था.
जवानों के बीच बढ़ती फायरिंग की घटनाएं
इसी साल नवंबर से 9 महीने पहले जगदलपुर में CRPF जवान ने साथियों पर फायरिंग की थी. इसमें एक जवान की मौत हुई, जबकि दूसरा घायल हो गया था.
इससे पहले साल 2012 में दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवान ने सोते हुए साथी जवानों पर फायरिंग की थी. जिसमें 4 जवानों की मौत हो गई थी
साल 2017 से 2019 तक का आंकड़ा
साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है. इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. साल 2020 में करीब 7 से ज्यादा जवानों ने खुदकुशी की.
9 दिसंबर 2020 अंतागढ़ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जवान स्वराज पीएल नाम केरल के वायनाड का रहने वाला था.
9 अप्रैल 2020 को कोयलीबेड़ा कैंप में उत्तर प्रदेश का रहने वाला जवान प्रदीप शुक्ला ने सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
30 नवंबर 2020: बीजापुर जिले के कुटरु थाना इलाके में पुलिसकर्मी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.
29 नवंबर 2020 में धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र पामेड़ थाना में पदस्थ एक आरक्षक ने अपनी सर्विस रायफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.
29 नवंबर 2020: कांकेर के पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था.