रायपुर: राजधानी रायपुर में ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक सिग्नल के साथ रंग बदलने वाली जैकेट लॉन्च की है. जैसे-जैसे ट्रैफिक सिग्नल बदलेगा, ठीक उसी तरह से ट्रैफिक जवान की ओर से पहनी गई जैकेट का रंग भी बदलेगा. फिलहाल इसका प्रयोग सिर्फ राजधानी के एसआरपी चौक में किया जा रहा है और इसका अच्छा रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है.
यह जैकेट LED लाइट से तैयार किया गया हैऔर वाहन चालकों को लगभग 100 मीटर पहले ही सिग्नल का पता चल जाता है. जैसे ही सिग्नल रेड होता है, जैकेट पर लगी रेड LED लाइट जलने लगती है. ग्रीन सिगनल होने पर जैकेट में लगाी ग्रीन LED लाइट जलने लगती है. ट्रायल के तौर पर अभी इसे कुछ चौक-चौराहों पर ही प्रयोग में लाया जा रहा है. अगर इस स्मार्ट जैकेट से ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी, तो आने वाले दिनों में इस तरह के हाईटेक स्मार्ट जैकेट और भी बनाना जाएगा. इस हाईटेक जैकेट को बनाने में ट्रैफिक विभाग को लगभग 12 हजार रुपए खर्च करने पड़े.
ट्रैफिक सिग्नल के मुताबिक करता है काम
इस जैकेट में रिले ट्रांसमीटर, बैटरी, एलईडी और रिसीवर लगाया गया है और चौक चौराहों पर प्रयोग करते समय इसे ट्रैफिक सिग्नल से कनेक्ट कर दिया जाता है. जिसके बाद ट्रैफिक सिग्नल के अनुसार यह हाईटेक जैकेट काम करता है. इस हाईटेक जैकेट का प्रयोग ट्रैफिक जवान मोहसिन खान कर रहे हैं, मोहसिन खान वही जवान है जो अपने निराले और अनोखे अंदाज में ट्रैफिक कंट्रोल करते हुए जाना जाता है. इस जवान को डांसिंग कॉप के नाम से भी पहचाना जाता है.
ETV भारत ने जब जवान से इस हाईटेक जैकेट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 'वाहन चालक दूर से ही सिग्नल देख लेते हैं और ट्रैफिक रूल्स का पालन कर रहे हैं और इसका अच्छा रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है. इस स्मार्ट जैकेट के बारे में ट्रैफिक विभाग के डीएसपी सतीश ठाकुर का कहना है कि 'यह स्मार्ट जैकेट बाजार से नहीं खरीदा गया है बल्कि इसे ट्रैफिक विभाग की ओर से बनवाया गया है'.
धूप, बारिश और कोहरे में भी काम करता है जैकेट
उनहोंने कहा कि 'आने वाले समय में और भी जैकेट ट्रैफिक विभाग की ओर से बनाए जाएंगे. इस स्मार्ट जैकेट की खास बात यह है कि एक बार बैटरी चार्ज होने के बाद यह स्मार्ट जैकेट लगभग 6 घंटे तक काम करती है. इसकी बड़ी खासियत ये है कि धूप और बारिश के अलावा कोहरे में भी इस जैकेट की लाइट दूर से नजर आ जाती है. स्मार्ट जैकेट उन चौक-चौराहों के लिए भी वरदान साबित होगी, जहां पर अभी ट्रैफिक सिग्नल नहीं लग पाए हैं.