रायपुर: हमारे नाखून और बाल बढ़ते हैं तो उसकी एक सीमा रहती है. जब भी हमारे शरीर में ऐसी ग्रोथ होने लगती है, जिसकी कोई सीमा नहीं रहती है तो वह कैंसर कहलाता है. कैंसर दो प्रकार से होते हैं. एक जो हमारे चमड़े(स्किन) वाली जगह पर होता है. दूसरा हमारी मांसपेशियों या कनेक्टिव टिशू में होते हैं. इन दोनों की गंभीरता अलग-अलग तरीके की रहती है. कब यह गंभीर होता है. इस बारे में अक्सर लोगों को पता नहीं रहता है.
कैंसर के शुरुआती लक्षण
कैंसर एक बहुत ही गंभीर बीमारी है. कैंसर की जागरूकता काफी जरूरी है. लोगों में कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कुछ कैंसर ऐसे हैं जो शुरुआती दिनों में ही पहचाने जा सकते हैं.
• चेहरे पर कहीं मस्सा है जो फैलता जा रहा है या उसमें कालापन नजर आ रहा है तो यह कैंसर हो सकता है.
• 35 साल से ज्यादा एज की स्त्रियों को अपने शरीर का ध्यान और ज्यादा रखने की जरूरत है. अगर उनके शरीर के प्राइवेट पार्ट में कोई गांठ है तो उसकी तुरंत जांच करवानी चाहिए.
• जो तंबाकू का सेवन करते हैं, उनके मुंह में अगर सफेदी नजर आती है तो उनको तुरंत जांच करवाना चाहिए.
• किसी व्यक्ति का मुंह अगर पूरी तरह से नहीं खुल पा रहा हो तो उसको भी कैंसर हो सकता है. इसकी जांच वह खुद कर सकते हैं. अगर चार उंगली एक साथ मुंह के अंदर नहीं जाती है तो उन लोगों को जांच करवाना चाहिए.
अगर हम कैंसर को शुरुआती स्टेज में पकड़ लेते हैं तो इसका इलाज अब संभव है. हमारे यहां पर रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट है. ऐसे कई सारे हॉस्पिटल हैं, जहां शुरुआती दिनों में ही लक्षण पता चल जाने से उसका पूरी तरह इलाज संभव है. लेट होने से मरीज की मदद करनी मुश्किल होती है. जैसे ही शंका हो तो टेस्ट करवाएं. आज के समय में काफी सारे ब्लड टेस्ट अवेलेबल हो गए हैं, जिनसे पता चल जाता है कि आपको कैंसर है या नहीं है.
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ऐसे कौन से कैंसर हैं जो अभी के समय ज्यादातर लोगों में देखने को मिलते हैं
• अभी ज्यादातर मुंह के कैंसर हैं, जो तंबाकू के सेवन के कारण बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं.
• लंग कैंसर और फेफड़ों के कैंसर धूम्रपान के कारण देखने को मिलते हैं.
• पेट के कैंसर आजकल ज्यादा देखने को मिलते हैं. यह उटपटांग खाने की वजह से हो सकता है.
जो तंबाकू सेवन करते हैं वह मुंह में तंबाकू को दबाए रखते हैं. जिस जगह वह तंबाकू दबाए रखते हैं, धीरे-धीरे उस जगह में तकलीफ होने लगती है. यह अपने आप ठीक भी होते रहती है. जब ठीक होने का प्रोसेस एक सीमा से बाहर चल जाता है तो वह कैंसर का रूप ले लेता है.
क्या बिना गलत आदतों के भी कैंसर हो सकता है?
अभी कोविड में लोगों को म्यूटेशंस और वेरिएंट समझ में आ रहे हैं. वैसे ही हमारे शरीर में ऐसे म्यूटेशंस होते रहते हैं. वही म्यूटेशन में जिस दिन स्टॉप हट जाता है, वह कैंसर में बदल जाता है. यह जरूरी नहीं है कि जो लोग किसी प्रकार का नशा का सेवन करते हैं, उनको कैंसर होगा या नहीं होगा. ऐसा नहीं है. लेकिन जो नशा या धूम्रपान करते हैं, उनमें कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
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क्या कैंसर सभी एज ग्रुप के लोगों में या महिला और पुरुष में गंभीर रूप से देखने को मिलता है?
कैंसर को बुजुर्गों की बीमारी कहा जा (Cancer treatment) सकता है. हालांकि बच्चों में भी ब्लड कैंसर या बाकि कैंसर देखने को मिलते हैं, लेकिन अच्छी बात बच्चों में यह रहती है कि बच्चों में जो ब्लड कैंसर रहते हैं, वह पूरी तरह से ठीक होने वाले रहते हैं, अगर उनका समय पर इलाज किया जा सके. बुजुर्गों में थोड़ी सी कठिनाइयां ज्यादा रहती है.
कैंसर के लक्षण को शुरुआती दिनों में ही पहचान कर इलाज से बच सकती है जान
जो बच्चियां अभी युवा एज में हैं, उन बच्चियों को कुछ वैक्सीन लग सकती है. वह वैक्सीन बच्चियों को भविष्य में होने वाले कैंसर से बचा सकती है. कैंसर के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है. इसलिए इस बात पर हर माता-पिता और बच्चियों को ध्यान देना चाहिए कि किस तरह हम अपनी बेटी को सुरक्षित कर सकते हैं. यह बताना कि किस को कैंसर हो रहा है. शुरुआती स्टेज में यह काफी मुश्किल होता है. क्योंकि इसके लक्षण सामान्य की तरह ही रहते हैं. वह ग्रोथ जब किसी बॉडी के अन्य फंक्शन को इफेक्ट करता है, तब पता चलता है कि कैंसर है. तब तक कैंसर काफी फैल चुका रहता है. जब भी किसी भी व्यक्ति को शरीर में कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं, जिसमें लगातार इरिटेशन हो रही हो या दूसरे लक्षण नजर आ रहे हैं तो कैंसर को पहले ही डिटेक्ट किया जा सकता है. जितनी जल्दी इसकी जांच होगी, उतनी जल्दी ही कैंसर ठीक होने का चांस रहता है.