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सांकरा की बेशकीमती जमीन पर उद्योगों की नजर, शिवसेना ने सौंपा ज्ञापन

सांकरा की बेशकीमती जमीन को उद्योगपतियों की नजर लग गई है. इस जमीन पर व्यापारी उद्योग लगाने के सपने देखने लगे हैं. जिसकी शिकायत शिवसेना के स्थानीय नेता परमानंद वर्मा ने अतिरिक्त तहसीलदार से की है.

sankara land-matter at raipur
सांकरा जमीन विवाद
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Published : Jul 4, 2020, 4:32 PM IST

रायपुर : लंबे समय से सांकरा की शासकीय जमीन पर कुछ उद्योगों की नजर है. अब इन उद्योगों से सांकरा श्मशान घाट की जमीन भी खतरे में नजर आ रही है. इसे लेकर शिवसेना के स्थानीय नेता परमानंद वर्मा ने शुक्रवार को अतिरिक्त तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की, जिसपर अतिरिक्त तहसीलदार ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

शिवसेना ने सौंपा ज्ञापन


जानकारी के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिकीकरण के बाद सांकरा से पठारी मार्ग के उत्तर दिशा में सेंडरा, सांकरा एकेवीएन की जमीन पर कुछ उद्योग स्थापित हुए. लेकिन बाद कुछ उद्योगपतियों ने धीरे-धीरे सांकरा की निस्तारित जमीन को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया. वृक्षारोपण के नाम पर तो कहीं किसी दूसरी तरह से सांकरा की सरकारी जमीन को अवैध तरीके दबाया जाने लगा. जिस कारण जिस जगह पशु चारागाह था, वहां भी तार से फेंसिंग कर दी गई. अटल चौक से उद्योगों की तरफ जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया और अब श्मशान घाट की जमीन पर भी एक उद्योगपति की नजर टिक गई है.

पूर्व सरपंच ने संरक्षित की थी जमीन
पूर्व सरपंच टहल साहू ने अपने कार्यकाल में श्मशान घाट की जमीन को संरक्षित किया था, उन्होंने जायसवाल निको स्टील प्लांट के सहयोग से सांकरा की श्मशान घाट की जमीन पर चारों ओर बाउंड्री का निर्माण कराया. पूर्व सरपंच टहल साहू का कहना है कि एकेवीएन ने जो जमीन गांव को दी थी उसे संरक्षित करना जरूरी था. इसलिए उक्त जमीन पर बाउंड्री का निर्माण करा दिया गय, जो अब गांव की निस्तारित जमीन है.

sankara land-matter at raipur
जमीन पर उद्योगपतियों की नजर
अतिरिक्त तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
सांकरा के उद्योगपतियों की ओर से जमीन दबाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को शिवसेना के स्थानीय नेता परमानंद वर्मा ने अतिरिक्त तहसीलदार धरसीवा रवि विश्वकर्मा को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने सांकरा से सेंडरा मार्ग के उत्तर में स्थित सभी उद्योगों की सीमांकन की मांग की है और सांकरा की जमीन को मुक्त कराने की भी मांग की है. उनका कहना है कि गांव की निस्तारित जमीन चारागाह, खेल मैदान, श्मशान घाट और तालाब गांव की धरोहर के रूप में हमेशा रहना चाहिए जिसका ग्रामीण उपयोग करते हैं.
जांच कार्य कर करेंगे कार्रवाई

इस मामले में अतिरिक्त तहसीलदार रवि विश्वकर्मा का कहना है कि वह इस मामले में मौके पर जांच कर कार्रवाई करेंगे. पटवारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट भी ली जाएगी.

रायपुर : लंबे समय से सांकरा की शासकीय जमीन पर कुछ उद्योगों की नजर है. अब इन उद्योगों से सांकरा श्मशान घाट की जमीन भी खतरे में नजर आ रही है. इसे लेकर शिवसेना के स्थानीय नेता परमानंद वर्मा ने शुक्रवार को अतिरिक्त तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की, जिसपर अतिरिक्त तहसीलदार ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

शिवसेना ने सौंपा ज्ञापन


जानकारी के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिकीकरण के बाद सांकरा से पठारी मार्ग के उत्तर दिशा में सेंडरा, सांकरा एकेवीएन की जमीन पर कुछ उद्योग स्थापित हुए. लेकिन बाद कुछ उद्योगपतियों ने धीरे-धीरे सांकरा की निस्तारित जमीन को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया. वृक्षारोपण के नाम पर तो कहीं किसी दूसरी तरह से सांकरा की सरकारी जमीन को अवैध तरीके दबाया जाने लगा. जिस कारण जिस जगह पशु चारागाह था, वहां भी तार से फेंसिंग कर दी गई. अटल चौक से उद्योगों की तरफ जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया और अब श्मशान घाट की जमीन पर भी एक उद्योगपति की नजर टिक गई है.

पूर्व सरपंच ने संरक्षित की थी जमीन
पूर्व सरपंच टहल साहू ने अपने कार्यकाल में श्मशान घाट की जमीन को संरक्षित किया था, उन्होंने जायसवाल निको स्टील प्लांट के सहयोग से सांकरा की श्मशान घाट की जमीन पर चारों ओर बाउंड्री का निर्माण कराया. पूर्व सरपंच टहल साहू का कहना है कि एकेवीएन ने जो जमीन गांव को दी थी उसे संरक्षित करना जरूरी था. इसलिए उक्त जमीन पर बाउंड्री का निर्माण करा दिया गय, जो अब गांव की निस्तारित जमीन है.

sankara land-matter at raipur
जमीन पर उद्योगपतियों की नजर
अतिरिक्त तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
सांकरा के उद्योगपतियों की ओर से जमीन दबाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को शिवसेना के स्थानीय नेता परमानंद वर्मा ने अतिरिक्त तहसीलदार धरसीवा रवि विश्वकर्मा को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने सांकरा से सेंडरा मार्ग के उत्तर में स्थित सभी उद्योगों की सीमांकन की मांग की है और सांकरा की जमीन को मुक्त कराने की भी मांग की है. उनका कहना है कि गांव की निस्तारित जमीन चारागाह, खेल मैदान, श्मशान घाट और तालाब गांव की धरोहर के रूप में हमेशा रहना चाहिए जिसका ग्रामीण उपयोग करते हैं.
जांच कार्य कर करेंगे कार्रवाई

इस मामले में अतिरिक्त तहसीलदार रवि विश्वकर्मा का कहना है कि वह इस मामले में मौके पर जांच कर कार्रवाई करेंगे. पटवारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट भी ली जाएगी.

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