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रायपुर में मां महामाया का किया गया शस्त्र श्रृंगार

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Published : Apr 22, 2021, 5:09 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 6:58 PM IST

बुधवार को रायपुर के मां महामाया मंदिर में ज्योति कलश का विसर्जन किया गया. ज्योति कलश विसर्जन के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हो गया. मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए विधि-विधान से सारे अनुष्ठान पूरे कराए गए. इस मौके पर मां महामाया का शस्त्र श्रृंगार भी किया गया.

shastra shringar of maa mahamaya
मां महामाया का शस्त्र श्रृंगार

रायपुर: मां महामाया देवी मंदिर में बुधवार नवमी की रात प्राचीन परंपरा से ज्योति कलश विसर्जन किया गया. कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर ज्योति कलश विसर्जन मंदिर परिसर स्थित प्राचीन बावली (कुंड) में किया गया. इसके बाद गुरुवार को माता का शस्त्र श्रृंगार किया गया.

मां महामाया का शस्त्र श्रृंगार

महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योति कलश विसर्जन से पहले गर्भगृह में मां महामाया के सामने शस्त्र पूजा की गई. इसमें माता के आठों हाथों में धारण किए जाने वाले सभी शस्त्रों (धनुष, बाण, तलवार, चक्र, गदा, परशु, शूल, भूसुंडी) की विधिपूर्वक पूजा की गई. इसके बाद कुष्मांड बलि दी गई. शस्त्र पूजा और बलि पूजा के बाद प्रधान राज ज्योति सहित सभी ज्योति कलश का विसर्जन मंदिर परिसर में किया गया.

Jyoti Kalash immersion performed at Mahamaya Temple Raipur
माता का शस्त्र श्रृंगार

रामनवमी के दिन मां महामाया का किया गया राजसी श्रृंगार

कन्याओं को कराया गया भोज

प्राचीन परंपरा के मुताबिक ज्योति कलश विसर्जन के बाद गुरुवार सुबह कन्या पूजन करने के बाद कन्याओं को भोजन कराया गया. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए वर्तमान में वैश्विक महामारी के कारण गुरुवार को केवल मंदिर परिसर में रहने वाले पुजारी परिवार की कन्याओं को ही भोजन कराया गया. इसके बाद भगवती महामाया को राज भोग लगाया गया.

Jyoti Kalash immersion performed at Mahamaya Temple Raipur
मंदिर में किया गया गौ पूजन

माता का किया गया शस्त्र श्रृंगार

पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योति विसर्जन के बाद मातेश्वरी (मां महामाया) का वीर मुद्रा में भव्य श्रृंगार किया गया. मां के आठों हाथों में शस्त्र धारण के साथ आकर्षक श्रृंगार किया गया. शस्त्र श्रृंगार साल में दो बार नवरात्र में ज्योति विसर्जन के दूसरे दिन किया जाता है. ये देवी मां का दुर्लभ दर्शन है. बुधवार को महानवमी के साथ चेत्र नवरात्र का समापन हो गया. साथ ही सभी मंदिरों में जवांरा का विसर्जन किया गया.

रायपुर: मां महामाया देवी मंदिर में बुधवार नवमी की रात प्राचीन परंपरा से ज्योति कलश विसर्जन किया गया. कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर ज्योति कलश विसर्जन मंदिर परिसर स्थित प्राचीन बावली (कुंड) में किया गया. इसके बाद गुरुवार को माता का शस्त्र श्रृंगार किया गया.

मां महामाया का शस्त्र श्रृंगार

महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योति कलश विसर्जन से पहले गर्भगृह में मां महामाया के सामने शस्त्र पूजा की गई. इसमें माता के आठों हाथों में धारण किए जाने वाले सभी शस्त्रों (धनुष, बाण, तलवार, चक्र, गदा, परशु, शूल, भूसुंडी) की विधिपूर्वक पूजा की गई. इसके बाद कुष्मांड बलि दी गई. शस्त्र पूजा और बलि पूजा के बाद प्रधान राज ज्योति सहित सभी ज्योति कलश का विसर्जन मंदिर परिसर में किया गया.

Jyoti Kalash immersion performed at Mahamaya Temple Raipur
माता का शस्त्र श्रृंगार

रामनवमी के दिन मां महामाया का किया गया राजसी श्रृंगार

कन्याओं को कराया गया भोज

प्राचीन परंपरा के मुताबिक ज्योति कलश विसर्जन के बाद गुरुवार सुबह कन्या पूजन करने के बाद कन्याओं को भोजन कराया गया. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए वर्तमान में वैश्विक महामारी के कारण गुरुवार को केवल मंदिर परिसर में रहने वाले पुजारी परिवार की कन्याओं को ही भोजन कराया गया. इसके बाद भगवती महामाया को राज भोग लगाया गया.

Jyoti Kalash immersion performed at Mahamaya Temple Raipur
मंदिर में किया गया गौ पूजन

माता का किया गया शस्त्र श्रृंगार

पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योति विसर्जन के बाद मातेश्वरी (मां महामाया) का वीर मुद्रा में भव्य श्रृंगार किया गया. मां के आठों हाथों में शस्त्र धारण के साथ आकर्षक श्रृंगार किया गया. शस्त्र श्रृंगार साल में दो बार नवरात्र में ज्योति विसर्जन के दूसरे दिन किया जाता है. ये देवी मां का दुर्लभ दर्शन है. बुधवार को महानवमी के साथ चेत्र नवरात्र का समापन हो गया. साथ ही सभी मंदिरों में जवांरा का विसर्जन किया गया.

Last Updated : Apr 22, 2021, 6:58 PM IST
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