बस्तर के युवा पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हुए और साइकिल चलाते हुए राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी मांगों को रखने के लिए पहुंचे.
अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रहने की मांग
यात्रा में शामिल लोगों ने कहा है कि वह शांति चाहते हैं. साथ ही सरकार अपने किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा करे ताकि जंगल में भी आदिवासी अपने अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रह सके.
बस्तर के और आंध्रा के जंगलों में सालों से कई पीढ़ी से रह रहे आदिवासी परिवारों की नई पीढ़ी शांति चाहती है. यात्रा में शामिल प्रतिनिधियों का कहना है कि बस्तर सहित मध्य भारत में चल रही हिंसा में पिछले 20 सालों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 12 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इसमें 27 सुरक्षाकर्मी थे और बाकी आम नागरिक.
सरकार निर्मला बुच कमेटी को तत्काल सक्रिय कर लंबे समय से जिलों में बंद आदिवासियों की जल्द से जल्द रिहा करे. इसके साथ ही यात्रा के माध्यम से इन लोगों ने वन अधिकार, पेसा, पांचवीं अनुसूची सहित समस्त संवैधानिक अधिकारों को पूर्ण रिपोर्ट लागू करने की मांग की है. इसके अलावा प्रदेश में चल रही हिंसा और अन्य प्रदेशों में भागने पर मजबूर हुए छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की वापसी और पुनर्वास को भी सुनिश्चित कर उपयुक्त माहौल दिया जाए. हालांकि इन लोगों को फिलहाल मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिल पाया है, जिस वजह से ही इनके चेहरे पर मायूसी दिखी.