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बस्तर से रायपुर पहुंची आदिवासी साइकिल यात्रा, सीएम भूपेश से करेंगे मुलाकात - bastar shanti yatra

रायपुर : बस्तर सहित मध्यभारत में चल रही हिंसा और अपने अन्य मांगों को लेकर बस्तर से 300 से ज्यादा युवाओं की टोली साइकिल यात्रा कर रायपुर पहुंची.

शांति यात्रा
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Published : Mar 3, 2019, 3:13 PM IST

बस्तर के युवा पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हुए और साइकिल चलाते हुए राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी मांगों को रखने के लिए पहुंचे.

वीडियो

अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रहने की मांग
यात्रा में शामिल लोगों ने कहा है कि वह शांति चाहते हैं. साथ ही सरकार अपने किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा करे ताकि जंगल में भी आदिवासी अपने अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रह सके.
बस्तर के और आंध्रा के जंगलों में सालों से कई पीढ़ी से रह रहे आदिवासी परिवारों की नई पीढ़ी शांति चाहती है. यात्रा में शामिल प्रतिनिधियों का कहना है कि बस्तर सहित मध्य भारत में चल रही हिंसा में पिछले 20 सालों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 12 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इसमें 27 सुरक्षाकर्मी थे और बाकी आम नागरिक.


सरकार निर्मला बुच कमेटी को तत्काल सक्रिय कर लंबे समय से जिलों में बंद आदिवासियों की जल्द से जल्द रिहा करे. इसके साथ ही यात्रा के माध्यम से इन लोगों ने वन अधिकार, पेसा, पांचवीं अनुसूची सहित समस्त संवैधानिक अधिकारों को पूर्ण रिपोर्ट लागू करने की मांग की है. इसके अलावा प्रदेश में चल रही हिंसा और अन्य प्रदेशों में भागने पर मजबूर हुए छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की वापसी और पुनर्वास को भी सुनिश्चित कर उपयुक्त माहौल दिया जाए. हालांकि इन लोगों को फिलहाल मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिल पाया है, जिस वजह से ही इनके चेहरे पर मायूसी दिखी.

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बस्तर के युवा पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हुए और साइकिल चलाते हुए राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी मांगों को रखने के लिए पहुंचे.

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अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रहने की मांग
यात्रा में शामिल लोगों ने कहा है कि वह शांति चाहते हैं. साथ ही सरकार अपने किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा करे ताकि जंगल में भी आदिवासी अपने अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रह सके.
बस्तर के और आंध्रा के जंगलों में सालों से कई पीढ़ी से रह रहे आदिवासी परिवारों की नई पीढ़ी शांति चाहती है. यात्रा में शामिल प्रतिनिधियों का कहना है कि बस्तर सहित मध्य भारत में चल रही हिंसा में पिछले 20 सालों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 12 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इसमें 27 सुरक्षाकर्मी थे और बाकी आम नागरिक.


सरकार निर्मला बुच कमेटी को तत्काल सक्रिय कर लंबे समय से जिलों में बंद आदिवासियों की जल्द से जल्द रिहा करे. इसके साथ ही यात्रा के माध्यम से इन लोगों ने वन अधिकार, पेसा, पांचवीं अनुसूची सहित समस्त संवैधानिक अधिकारों को पूर्ण रिपोर्ट लागू करने की मांग की है. इसके अलावा प्रदेश में चल रही हिंसा और अन्य प्रदेशों में भागने पर मजबूर हुए छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की वापसी और पुनर्वास को भी सुनिश्चित कर उपयुक्त माहौल दिया जाए. हालांकि इन लोगों को फिलहाल मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिल पाया है, जिस वजह से ही इनके चेहरे पर मायूसी दिखी.

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Intro:बस्तर सहित मध्य भारत में चल रही हिंसा और अपने अन्य मांगों को लेकर बस्तर से 300 से ज्यादा युवाओं की टोली साइकिल यात्रा कर आज रायपुर पहुंचे। बस्तर के युवा पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हुए और साइकिल चलाते हुए राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी मांगों को ले रखने के लिए पहुंचे। इस दौरान यात्रा में शामिल लोगों ने कहा है कि वह शांति प्रक्रिया चाहते हैं साथ ही सरकार की ओर से किए गए वादों को भी जल्द से जल्द पूरा करे ताकि जंगल में भी आदिवासी अपने अधिकारों के साथ शांतिपूर्वक रह सके।


Body:बस्तर और जंगल के अंदर रहने वाली युवा भी अपनी मांगों को लेकर अब एकजुट होने लगे हैं । बस्तर के और आंध्रा के जंगलों में सालों से कई पीढ़ी से रह रहे आदिवासी परिवारों की अब नई पीढ़ी शांति चाहती है, इसी शांति को लेकर साईकल शांति यात्रा करते हुए 22 फरवरी से निकले युवाओं की टीम आज रायपुर पहुंची है । यात्रा में शामिल प्रतिनिधियों का कहना है कि बस्तर सहित मध्य भारत में चल रही हिंसा में पिछले 20 सालों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 12000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं । इसमें 27 सुरक्षाकर्मी थे और बाकी आम नागरिक । अगर रोज ऐसे ही मारे जाएंगे तो फिर आदिवासियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा। यात्रा के बाद प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत सरकार के तमाम अधिकारियों से मिलने के लिए मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने सुकमा में तत्कालीन कलेक्टर अलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के समय जो वादा किया था , उन तमाम वालों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। 30 अप्रैल 2012 को हुए समझौते में सरकार द्वारा वादा किया गया था कि अगर माओवादी अलेक्स पॉल को रिहा कर देते हैं तो सरकार मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की अध्यक्षता में एक हाई पावर स्टैंडिंग कमेटी का गठन करेगी। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस समिति के सदस्य होंगे , यह समिति छत्तीसगढ़ में जेल में बंद आदिवासी और गैर आदिवासियों के मामलों पर प्राथमिकता से पुनर्विचार करेगी। सरकार भी उनके सुझाव पर प्राथमिकता के साथ करेगी और पिछले 6 वर्षों में इस समिति ने कुछ भी काम नहीं किया है।

बाइट - स्थानीय आदिवासी युवा
बाइट - शुभ्रांशु चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट- नम्रता सोनी,सामाजिक कार्यकर्ता


Conclusion:शांति साईकिल यात्रा सरकार से निर्मला बुच कमेटी को तत्काल सक्रिय कर लंबे समय से जिलों में बंद आदिवासियों की जल्द से जल्द रिहाई की मांग कर रही है। इसके साथ ही साईकिल यात्रा के माध्यम से इन लोगों ने वन अधिकार, पेसा,पांचवी अनुसूची सहित समस्त संवैधानिक अधिकारों को पूर्ण रिपोर्ट लागू करने की मांग की है। इसके अलावा सरकार प्रदेश में चल रही हिंसा के कारण व अन्य प्रदेशों में भागने पर मजबूर हुए छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की वापसी और पुनर्वास को भी सुनिश्चित कर माओवादियों से बात करने के लिए उपयुक्त माहौल बनाएं। हालांकि इन लोगों को फिलहाल मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिल पाया है जिस वजह से ही इन लोगों के चेहरे में मायूसी दिखे।

मयंक ठाकुर ईटीवी भारत, रायपुर
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