रायपुर: शनि देव को कर्मफल दाता माना गया है. यह बात भी सत्य है कि शनि सभी को परेशान नहीं करते हैं. मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा शनि के पास होता है. शनिदेव कई बार बुरे फल प्रदान करने के साथ ही अच्छा फल भी प्रदान करते हैं. शनि देव को दंडाधिकारी या न्यायधीश के रूप में भी जाना जाता है. शनिदेव की इन 3 राशियों में तुला, मकर और कुंभ राशि शामिल है.
पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने दी जानकारी: आखिर शनिदेव को यह 3 राशियां क्यों प्रिय है. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से जानते हैं. ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया "ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव की प्रिय राशियों में से एक राशि तुला राशि भी है. तुला राशि के जातकों पर शनिदेव की हमेशा कृपा दृष्टि बनी रहती है. ज्योतिष शास्त्र में जिन जातकों की राशि तुला होती है, उन्हें शनिदेव हर प्रकार की खुशियां प्रदान करते हैं.तुला राशि के जातक भाग्यशाली होते हैं. बेहद ऊर्जावान होने के साथ ही मेहनती भी होते हैं.
"ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया "शनिदेव की दूसरी प्रिय राशि मकर राशि को मानी जाती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मकर राशि के स्वामी खुद शनि देव माने गए हैं. स्वामी ग्रह होने की वजह से जब शनि मकर राशि के शुभ स्थान पर होते हैं, तो ऐसे जातकों को अपने-अपने क्षेत्र में बुलंदियां प्राप्त होती है. भाग्य का अच्छा साथ मिलने की वजह से इनके हर काम बिना रुकावट या अड़चन के पूरे हो जाते हैं."
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ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण का कहना है कि "शनिदेव की तीसरी प्रिय राशि कुंभ राशि है. कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव माने गए हैं. कुंभ राशि के जातकों पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है. शनिदेव की कृपा हमेशा कुंभ राशि के जातकों के ऊपर बनी रहती है. कुंभ राशि के जातकों पर शनिदेव की कृपा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी भी अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती है. इस राशि के जातकों को शनि देव की कृपा से आकस्मिक धन लाभ भी होता है."