रायपुर: सोशल नेटवर्किंग की सबसे बड़ी सोशल साइट वाट्सअप ने खुलासा किया है कि भारत में सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों के फोन टैप कराए जा रहे हैं. ऐसा इजराइली साफ्टवेयर के जरिए वाट्सअप का इस्तेमाल करके किया जा रहा है. इसमें देश-विदेश के साथ ही भारत के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के भी नाम हैं. जिनमें नक्सल प्रभावित बस्तर इलाको में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार भी शामिल हैं.
दरअसल, अब तक जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन टैप होने की जानकारी सामने आई है उनमें से ज्यादातर का लिंक बस्तर से है. सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया, लीगल एंड ग्रुप की शालिनी गेरा और पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी के नाम सामने आया है, जिसके बाद से लोगों में इस बात की दहशत दिख रही है कि न जाने किसका फोन सरकार सुन रही हो.
केंद्र के इशारे पर फोन टैपिंग!
वैसे भी नक्सल प्रभावित बस्तर में सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील पहले से ही राज्य सरकार के निशाने पर रहे हैं. अब केंद्र के इशारे पर फोन टैपिंग की जानकारी सामने आने पर बस्तर से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे गंभीर मसला माना है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताई जानकारी
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि 'यह जांच नहीं है यह एक तरह की फंडामेंटल राइट्स की चोरी है. इसे जासूसी कहा सकता है. उन्होंने कहा कि इजराइल की एक कंपनी है NSO जो इस तरह का जासूसी सॉफ्टवेयर बनाती है, जिसका नाम पैगासाइस है. यह बहुत ही एडवांस सॉफ्टवेयर है, मुझे जानकारी व्हाट्सएप द्वारा मिली कि देश के लगभग 20 लोगों की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, मानव अधिकार वकील, प्रोफेसर शामिल हैं.'
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस तरह की षड्यंत्र रच रही है. उनके फोन में पैगासाइस जैसे सॉफ्टवेयर डालकर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से व्हाट्सएप के सारे मैसेजेस, डिटेल और कालिंग के रिकॉर्ड और मैसेज चैट के स्क्रीनशॉट की जानकारी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि वे इस षड्यंत्र के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेंगी.
माहौल बेहद चिंताजनक
ETV भारत से वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन ने कहा है कि 'पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं, उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. अब इजरायल की कम्पनियों से जासूसी करने का काम काराया जा रहा है. अब अगर ऐसा माहौल रहेगा तो जनतंत्र कैसे कायम रहेगा.' उन्होंने कहा कि बहुत से पत्रकारों के फोन टैप हो रहे हैं. ये माहौल बेहद चिंताजनक है.
सरकार पर रमन ने लगाया आरोप
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने फोन पर जासूसी किए जाने को लेकर कहा है कि जासूसी के मामले में शर्म की बात है. सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वीकार किया है कि जासूसी करा रही है. इससे बड़ा अपराध क्या हो सकता है, सरकार को बिल्कुल फोन टैपिंग बंद कर देना चाहिए.