रायपुर: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत निजी स्कूलों में BPL परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए आज पहली लॉटरी निकाली गई. इस लॉटरी के जरिए 18 हजार 488 बच्चे स्कूलों में दाखिले के लिए चयनित हुए हैं. दाखिले के लिए पहली लॉटरी राज्य के 14 जिलों के 2 हजार 190 स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश देने के लिए सभी विकल्पों के आधार पर निकाली गई. संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने चयनित बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए उनके पालकों को SMS से सूचना भेज दी है.
27 हजार 894 आवेदन मिले
लोक शिक्षण संचालनालय के मुताबिक, पहली लॉटरी के लिए 14 जिलों के 2 हजार 190 स्कूलों के लिए RTE के तहत प्रवेश के लिए 26 हजार 468 सीटें थीं. इन सीटों के लिए कुल 27 हजार 894 आवेदन मिले थे. आवेदनों में से 704 रद्द हुए और 7 हजार 115 का आवंटन नहीं हुआ. अपूर्ण स्थिति की 25 और 1562 मिलती-जुलती स्थिति के आवेदन थे.
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पहली लॉटरी में जिलेवार स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की स्थिति इस तरह है. प्रदेश के जिला दुर्ग में 552 स्कूलों के लिए 4 हजार 350 बच्चों का चयन प्रवेश के लिए किया गया है.
- कोरबा जिले के 288 स्कूलों के लिए 3 हजार 911 बच्चे
- बस्तर जिले के 121 स्कूलों के लिए एक हजार 566 बच्चे
- कोरिया जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 461 बच्चे
- धमतरी जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 384 बच्चे
- कवर्धा जिले के 177 स्कूलों के लिए एक हजार 305 बच्चे
- बलरामपुर जिले के 150 स्कूलों के लिए एक हजार 247 बच्चे
- बेमेतरा जिले के 161 स्कूलों के लिए एक हजार 99 बच्चे
- बालोद जिले के 164 स्कूलों के लिए 994 बच्चे
- कोंडागांव जिले के 84 स्कूलों के लिए 647 बच्चे
- बीजापुर जिले के 33 स्कूलों के लिए 192 बच्चे
- दंतेवाड़ा जिले के 21 स्कूलों के लिए 129 बच्चे
- सुकमा जिले के 15 स्कूलों के लिए 120 बच्चे
- नारायणपुर जिले के 14 स्कूलों के लिए 83 बच्चे प्रवेश के लिए चयनित हुए हैं.