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गणेश उत्सव के लिए जारी गाइडलाइन से मूर्तिकार हताश, इस साल नहीं दिखेंगी कई थीम की मूर्तियां

इस बार 10 सितंबर को गणेश महोत्सव मनाया जाएगा. पिछले साल कोरोना महामारी ने गणेश महोत्सव के दौरान मूर्तिकारों के रोजगार को बुरी तरह प्रभावित किया था और इस बार भी मूर्तिकारों के सामने यही चुनौती खड़ी है. गणेश चतुर्थी के लिए प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है.

idol made for ganesh festival
गणेश उत्सव के लिए बनी मूर्ति
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Published : Aug 1, 2021, 3:09 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच इस बार भी गणेश उत्सव बीते साल जैसा ही होने वाला है. पिछले साल कोरोना महामारी ने गणेश महोत्सव के दौरान भक्तों की आस्था के साथ मूर्तिकारों के रोजगार को भी बुरी तरह प्रभावित किया था. कोरोना के असर के कारण पिछले साल भगवान गणेश की मूर्तियों की बिक्री न के बराबर हुई थी और ऐसा ही हाल इस बार भी होने जा रहा है.

गणेश उत्सव के लिए जारी गाइडलाइन से मूर्तिकार हताश

इस बार 10 सितंबर को गणेश महोत्सव मनाया जाएगा. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रशासन महोत्सव के आयोजन को लेकर सतर्क हो गई है. लिहाजा प्रशासन ने गणेश चतुर्थी को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. जिस वजह से मूर्तिकार काफी परेशान हैं. जो गाइडलाइन जारी की गई है, उससे मूर्तिकारों की आय पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

गणेश चतुर्थी के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन

  • मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4X4 फीट से अधिक न हो.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकर 15X15 फीट से ज्यादा न हो.
  • पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल एवं उसके सामने 5000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल न हो.
  • दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाए.
  • किसी भी एक समय में मंडप के सामने एक साथ 20 से अधिक लोग न जुटे.
  • दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए. जिससे किसी भी कोरोना संक्रमित शख्स को ट्रेस किया जा सके.

मूर्तिकारों का दर्द

सरकार की इन तमाम गाइडलाइनों के बाद इसका मूर्तिकारों पर क्या असर पड़ेगा. इसे लेकर मूर्तिकार मानिक ने बताया कि इस बार स्थिति पिछले साल से और ज्यादा गंभीर लग रही है. यह इसलिए क्योंकि पिछले साल कोरोना काल के बावजूद पूजा हुई. इस बार अब तक ग्राहकों की डिमांड मूर्तिकारों के पास नहीं पहुंची है. गाइडलाइन के नाम से सब परेशान हैं. साथ ही मूर्तिकार काफी परेशान चल रहे हैं. पिछले साल इतना नुकसान हुआ था कि मूर्तिकार इस बार नुकसान झेलने के लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन देने से पहले सरकार को सोचना चाहिए था और उन्हें थोड़ी छूट देनी चाहिए थी.

बिना स्कूली बच्चों के वैक्सीनेशन के स्कूल खोलने की तैयारी, बढ़ सकता है तीसरी लहर का खतरा !

मूर्तिकारों ने आगे कहा कि क्या सरकार को दिखाई नहीं दे रहा कि बाजारों में कितनी भीड़ इकट्ठा हो रही. शराब की दुकानें खुली हैं. सरकार आस्था के विषय में ही इस तरह की गाइडलाइन निकालती है. जिसके कारण उनका नुकसान हो सके. उन्होंने आगे कहा कि मूर्तिकार के साथ-साथ गणेश चतुर्थी में बहुत सारे लोग जुड़े रहते हैं. जिन्हें इसके कारण नुकसान हो रहा है.

मूर्तिकार जो पहले मूर्ति बनाने के लिए दूसरे राज्यों से कलाकारों को बुलाते थे. इस बार वह भी उन्हें नहीं बुला रहे हैं. न ही अलग थीम की मूर्ति बनाई जा रही है क्योंकि लोगों की डिमांड ही नहीं है. लिहाजा इस बार गणेश उत्सव पर कुछ नयापन नहीं देखने को मिलेगा. इस साल मूर्तिकार बहुत कम मूर्ति बना रहे हैं. मूर्तिकार कोशिश कर रहे हैं कि पिछले साल की जो मूर्ति बची हैं, वही पूरी बिक जाए.

रायपुर: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच इस बार भी गणेश उत्सव बीते साल जैसा ही होने वाला है. पिछले साल कोरोना महामारी ने गणेश महोत्सव के दौरान भक्तों की आस्था के साथ मूर्तिकारों के रोजगार को भी बुरी तरह प्रभावित किया था. कोरोना के असर के कारण पिछले साल भगवान गणेश की मूर्तियों की बिक्री न के बराबर हुई थी और ऐसा ही हाल इस बार भी होने जा रहा है.

गणेश उत्सव के लिए जारी गाइडलाइन से मूर्तिकार हताश

इस बार 10 सितंबर को गणेश महोत्सव मनाया जाएगा. कोरोना संक्रमण की वजह से प्रशासन महोत्सव के आयोजन को लेकर सतर्क हो गई है. लिहाजा प्रशासन ने गणेश चतुर्थी को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. जिस वजह से मूर्तिकार काफी परेशान हैं. जो गाइडलाइन जारी की गई है, उससे मूर्तिकारों की आय पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.

गणेश चतुर्थी के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन

  • मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4X4 फीट से अधिक न हो.
  • मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकर 15X15 फीट से ज्यादा न हो.
  • पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फीट की खुली जगह होनी चाहिए.
  • पंडाल एवं उसके सामने 5000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो.
  • पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल न हो.
  • दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाई जाए.
  • किसी भी एक समय में मंडप के सामने एक साथ 20 से अधिक लोग न जुटे.
  • दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए. जिससे किसी भी कोरोना संक्रमित शख्स को ट्रेस किया जा सके.

मूर्तिकारों का दर्द

सरकार की इन तमाम गाइडलाइनों के बाद इसका मूर्तिकारों पर क्या असर पड़ेगा. इसे लेकर मूर्तिकार मानिक ने बताया कि इस बार स्थिति पिछले साल से और ज्यादा गंभीर लग रही है. यह इसलिए क्योंकि पिछले साल कोरोना काल के बावजूद पूजा हुई. इस बार अब तक ग्राहकों की डिमांड मूर्तिकारों के पास नहीं पहुंची है. गाइडलाइन के नाम से सब परेशान हैं. साथ ही मूर्तिकार काफी परेशान चल रहे हैं. पिछले साल इतना नुकसान हुआ था कि मूर्तिकार इस बार नुकसान झेलने के लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन देने से पहले सरकार को सोचना चाहिए था और उन्हें थोड़ी छूट देनी चाहिए थी.

बिना स्कूली बच्चों के वैक्सीनेशन के स्कूल खोलने की तैयारी, बढ़ सकता है तीसरी लहर का खतरा !

मूर्तिकारों ने आगे कहा कि क्या सरकार को दिखाई नहीं दे रहा कि बाजारों में कितनी भीड़ इकट्ठा हो रही. शराब की दुकानें खुली हैं. सरकार आस्था के विषय में ही इस तरह की गाइडलाइन निकालती है. जिसके कारण उनका नुकसान हो सके. उन्होंने आगे कहा कि मूर्तिकार के साथ-साथ गणेश चतुर्थी में बहुत सारे लोग जुड़े रहते हैं. जिन्हें इसके कारण नुकसान हो रहा है.

मूर्तिकार जो पहले मूर्ति बनाने के लिए दूसरे राज्यों से कलाकारों को बुलाते थे. इस बार वह भी उन्हें नहीं बुला रहे हैं. न ही अलग थीम की मूर्ति बनाई जा रही है क्योंकि लोगों की डिमांड ही नहीं है. लिहाजा इस बार गणेश उत्सव पर कुछ नयापन नहीं देखने को मिलेगा. इस साल मूर्तिकार बहुत कम मूर्ति बना रहे हैं. मूर्तिकार कोशिश कर रहे हैं कि पिछले साल की जो मूर्ति बची हैं, वही पूरी बिक जाए.

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