रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही शिक्षा के नए सत्र की शुरुआत हुई है. आज से पूरे छत्तीसगढ़ में स्कूल खुल गए हैं. सीएम भूपेश बघेल ने नौनिहालों को तिलक लगाकर शाला में प्रवेश करवाया. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के जेएन पाण्डेय स्कूल में आयोजित प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में पहुंचे थे.तिलक लगाने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने बच्चों को माला पहनाई और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया. इसके बाद बच्चों को अपने हाथों स्कूली गणवेश बांटा.
छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेशोत्सव : छत्तीसगढ़ में आज से स्कूल खुल गए हैं. दस दिन तक शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा. सीएम भूपेश बघेल ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी स्कूलों में जाकर शिक्षा का स्तर जांचने पर जोर दिया है.
'' पिछले साल राज्य में 5173 बालवाड़ियां शुरू की गई थी. इस साल 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही हैं. अब इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो जाएगी. इन जगहों पर स्थानीय बोली में बच्चे पढ़ेंगे. भूपेश बघेल ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में लगातार सहयोग भी करें.'' भूपेश बघेल,सीएम, छत्तीसगढ़
आत्मानंद स्कूल योजना प्रदेश में हिट : नयआ शिक्षा सत्र शुरु होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने शिक्षा के गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए संकल्प लिया है. इसके लिए सीएम भूपेश के निर्देश पर सभी जिले में शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर अफसरों को निर्देशित किया गया है.मुख्यमंत्री बघेल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं.इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है. प्रदेश सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने पर विशेष ध्यान दिया है.ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सके. वहीं दूसरी ओर बच्चों की शिक्षा-दीक्षा स्थानीय बोलियों में करने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने की है.
छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था : प्रदेश में 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई हैं. जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरुआत करने का अवसर मिल सकेगा. बीते कई साल से स्कूल, भवनों की मरम्मत और रंग-रोगन के कार्यों में भी काफी देरी हुई थी. इस वजह से स्कूल भवन में बच्चे रहकर पढ़ाई करने में असमर्थ थे. इसके लिए ऐसे भवनों की सूची बनाकर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना चलाई.इस योजना के तहत 29 हजार 284 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है.