रायपुर: आज से सावन शुरू हो रहा है. कुल 58 दिनों तक शिव भक्त इस बार भगवान भोले की पूजा अर्चना करेंगे. इस बार सावन 2 माह तक है. पुरुषोत्तम मास पड़ने के कारण इस बार शिवभक्तों को शिवजी की पूजा के लिए अधिक समय मिल रहा है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह है. पूरे सावन माह भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ रुद्राभिषेक किया जाता है.
पहला सावन सोमवार कब: इस बार सावन में 8 सोमवार पड़ रहे हैं. पहला सावन सोमवार 10 जुलाई को है. दूसरा सोमवार 17 जुलाई को. जबकि तीसरा 24 जुलाई को पड़ रहा है. वहीं चौथा सोमवार 31 जुलाई को होगा. इसी तरह से 7 अगस्त को पांचवां सोमवार पड़ रहा है. 14 अगस्त को को छठा सोमवार है. 21 अगस्त को सातवां सोमवार है. 28 अगस्त को आठवां सोमवार पड़ रहा है. कई लोग जो सोलह सोमवार व्रत करते हैं. वो सावन से ही सोमवारी व्रत शुरू करते हैं.
सावन माह में पड़ने वाला त्यौहार: सावन माह में कई त्योहार मनाए जाएंगे. 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी है. 13 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी. 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि है, इस दिन शिवजी की विशेष पूजा की जाती है. कई लोग इस दिन भी रुद्राभिषेक करते हैं. 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या है. 19 अगस्त को हरियाली तीज मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है. 21 अगस्त नाग पंचमी है. 30 अगस्त को रक्षा बंधन के त्यौहार के साथ सावन माह का समापन होगा.
जानिए शिवजी के अभिषेक का महत्व: सावन में पंचामृत से भगवान शिव की पूजा की जाती है. रूद्राभिषेक का इस माह में अलग ही महत्व है. गाय के दूध से शिवजी का अभिषेक करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है. जिसका चंद्रमा डाउन होता है, उसका चंद्र प्रबल हो जाता है. गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है. सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है. शहद से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने से व्यक्ति के अंदर मिठास की तरह उसके कर्म और विचारों में शुद्धता आती है. रोगों से मुक्ति मिलती है. शरीर एकदम स्वस्थ रहता है. बेलपत्र से भगवान शिव की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है. महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है. कई लोग बारिश के जल से भी शिवजी का अभिषेक करते हैं. बारिश के जल से शिवजी प्रसन्न होते हैं.
ऐसे करें शिवजी की पूजा: सावन के महीने में भोले की पूजा खास विधि से करनी चाहिए. सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. इसके बाद अपने घर के पास के शिवालय जाकर भगवान भोलेनाथ को गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें. भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें. फिर इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमी का पत्ता चढ़ाएं. इसके बाद शिवचालिसा का पाठ करें.
इसलिए खास है सावन माह: सावन का महीना भगवान शिव को काफी प्रिय है. सावन के महीने ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. पार्वती के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी रुप में स्वीकार किया था. कहते हैं सावन माह में शिवजी की पूजा से हर एक मनोकामना पूर्ण होती है.