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पंचायत प्रतिनिधियों पर मुरुम उत्खनन का आरोप, अभनपुर थाना में केस दर्ज

रायपुर के अभनपुर में इन दिनों मुरुम का अवैध खनन जारी है. ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बिना किसी अनुमति के मुरुम का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है.

Sarpanch accused of illegal murum mining in abhanpur of raipur
पंचायत प्रतिनिधियों पर मुरुम उत्खनन करने का आरोप
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Published : Aug 2, 2020, 6:52 AM IST

रायपुर: अभनपुर क्षेत्र में अवैध मुरुम खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. मुरुम माफिया बेफिक्र होकर बिना किसी डर के मुरुम का उत्खनन कर रहे हैं. इसके बावजूद इन माफिया को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. खनिज विभाग के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इस वजह से आए दिन मारपीट की घटनाएं भी हो रही है. ऐसा ही एक मामला अभनपुर के पास स्थित चंडी ग्राम पंचायत से सामने आया है. जहां चंडी गांव के ग्रामीणों ने सरपंच और उपसरपंच पर आरोप लगया है कि दोनों मिलकर गांव के आस-पास के जगहों से अवैध रूप से मुरुम का उत्खनन करवा रहे हैं.

Sarpanch accused of illegal murum mining in abhanpur of raipur
पंचायत प्रतिनिधियों पर मुरुम उत्खनन करने का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और उपसरपंच ने गांव के गौठान के पीछे, राजीव गांधी मिशन के तहत बनने वाले तालाब के पार को और कृष्णा स्कूल के पीछे स्थित 2-3 एकड़ शासकीय जमीन के मुरुम को अवैध रूप से उत्खनन करवाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और उपसरपंच ने शासकीय जमीन पर निर्मित जोगी डबरी से भी मुरुम की खुदाई की है.

इन जगहों से किया गया मुरुम का उत्खनन

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और उपसरपंच ने गांव के शमशान घाट के पास स्थित शासकीय जमीन से भी मुरुम का उत्खनन करवाया है. इसी तरह गांव के खेल मैदान के पास स्थित जमीन में भी अवैध उत्खनन कर मुरुम का बिक्री किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि मुरुम का उत्खनन करने के लिए इन जनप्रतिनिधियों के पास हाइवा, जेसीबी, चैन माउन्टेन मशीन और ट्रेक्टर भी है, जिससे वे खनन करते हैं.

पंचायत प्रतिनिधियों पर मारपीट करने का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि खनन कर रहे लोगों को पास में रहने वाले सोनवानी परिवार ने जब खनन बंद करने को कहा तो वे उनसे विवाद करने लगे. इसके बाद मुरुम माफिया के लोगों ने अभनपुर के पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला सोनवानी सहित उनके पति, बेटे और पड़ोसियों के साथ मारपीट की, जिसकी शिकायत अभनपुर थाने में की गई है.

पढ़ें: प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से हो रहा मुरुम खनन, जिम्मेदार मौन

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा कई सालों से क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है, लेकिन इस पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जिसके कारण मुरुम खनन करने वालों का हौसले बुलंद हैं. यहीं कारण है कि वे क्षेत्र में बेधड़क मुरम की खुदाई कर शासन को रायल्टी के रूप मिलने वाली राशि पर चुना लगाने का काम कर रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग और राजस्व विभाग के संरक्षण में क्षेत्र में अवैध मुरुम खनन का कार्य जारी है. क्षेत्र में मुरम माफिया का खेल चल रहा है. ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग पीड़ित पक्ष ने की है.

हादसे की आशंका

बता दें, छत्तीसगढ़ में अवैध उत्खनन के मामले सामने आते रहते हैं. इससे पहले अभनपुर के केंद्री गांव में अवैध रूप से मुरुम की खुदाई की गई है. केंद्री में कुछ महीने पहले मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख रुपये की लागत से तालाब में खुदाई का काम कराया गया था. मुरुम माफिया तालाब खुदाई के दौरान निकले मुरुम का परिवहन करने में लगे थे. 13 हाइवा से मुरुम का परिवहन किया जा रहा था. दरअसल, मुरुम माफिया पैसों की लालच में तय गाइडलाइन से ज्यादा खुदाई भी कर देते हैं, या जहां-तहां खुदाई कर देते हैं. जिससे बरसात में गड्ढे में पानी भर जाने से हादसे की आशंका बनी रहती है. वहीं तालाब गहरा होने से पर्यावरण को भी नुकसान होनी की आशंका रहती है.

रायपुर: अभनपुर क्षेत्र में अवैध मुरुम खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. मुरुम माफिया बेफिक्र होकर बिना किसी डर के मुरुम का उत्खनन कर रहे हैं. इसके बावजूद इन माफिया को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. खनिज विभाग के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इस वजह से आए दिन मारपीट की घटनाएं भी हो रही है. ऐसा ही एक मामला अभनपुर के पास स्थित चंडी ग्राम पंचायत से सामने आया है. जहां चंडी गांव के ग्रामीणों ने सरपंच और उपसरपंच पर आरोप लगया है कि दोनों मिलकर गांव के आस-पास के जगहों से अवैध रूप से मुरुम का उत्खनन करवा रहे हैं.

Sarpanch accused of illegal murum mining in abhanpur of raipur
पंचायत प्रतिनिधियों पर मुरुम उत्खनन करने का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और उपसरपंच ने गांव के गौठान के पीछे, राजीव गांधी मिशन के तहत बनने वाले तालाब के पार को और कृष्णा स्कूल के पीछे स्थित 2-3 एकड़ शासकीय जमीन के मुरुम को अवैध रूप से उत्खनन करवाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और उपसरपंच ने शासकीय जमीन पर निर्मित जोगी डबरी से भी मुरुम की खुदाई की है.

इन जगहों से किया गया मुरुम का उत्खनन

ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच और उपसरपंच ने गांव के शमशान घाट के पास स्थित शासकीय जमीन से भी मुरुम का उत्खनन करवाया है. इसी तरह गांव के खेल मैदान के पास स्थित जमीन में भी अवैध उत्खनन कर मुरुम का बिक्री किया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि मुरुम का उत्खनन करने के लिए इन जनप्रतिनिधियों के पास हाइवा, जेसीबी, चैन माउन्टेन मशीन और ट्रेक्टर भी है, जिससे वे खनन करते हैं.

पंचायत प्रतिनिधियों पर मारपीट करने का आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि खनन कर रहे लोगों को पास में रहने वाले सोनवानी परिवार ने जब खनन बंद करने को कहा तो वे उनसे विवाद करने लगे. इसके बाद मुरुम माफिया के लोगों ने अभनपुर के पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला सोनवानी सहित उनके पति, बेटे और पड़ोसियों के साथ मारपीट की, जिसकी शिकायत अभनपुर थाने में की गई है.

पढ़ें: प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से हो रहा मुरुम खनन, जिम्मेदार मौन

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा कई सालों से क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा है, लेकिन इस पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जिसके कारण मुरुम खनन करने वालों का हौसले बुलंद हैं. यहीं कारण है कि वे क्षेत्र में बेधड़क मुरम की खुदाई कर शासन को रायल्टी के रूप मिलने वाली राशि पर चुना लगाने का काम कर रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग और राजस्व विभाग के संरक्षण में क्षेत्र में अवैध मुरुम खनन का कार्य जारी है. क्षेत्र में मुरम माफिया का खेल चल रहा है. ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग पीड़ित पक्ष ने की है.

हादसे की आशंका

बता दें, छत्तीसगढ़ में अवैध उत्खनन के मामले सामने आते रहते हैं. इससे पहले अभनपुर के केंद्री गांव में अवैध रूप से मुरुम की खुदाई की गई है. केंद्री में कुछ महीने पहले मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख रुपये की लागत से तालाब में खुदाई का काम कराया गया था. मुरुम माफिया तालाब खुदाई के दौरान निकले मुरुम का परिवहन करने में लगे थे. 13 हाइवा से मुरुम का परिवहन किया जा रहा था. दरअसल, मुरुम माफिया पैसों की लालच में तय गाइडलाइन से ज्यादा खुदाई भी कर देते हैं, या जहां-तहां खुदाई कर देते हैं. जिससे बरसात में गड्ढे में पानी भर जाने से हादसे की आशंका बनी रहती है. वहीं तालाब गहरा होने से पर्यावरण को भी नुकसान होनी की आशंका रहती है.

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