रायपुर: आप बकरी बेचकर शौचालय बनवाने वाली 104 साल की बुजुर्ग कुंवर बाई को नहीं भूले होंगे और ये भी याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस काम के लिए सम्मानित भी किया था. कुंवर बाई स्वच्छता अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी बनाई गई थीं. कुंवर बाई को तो उनके काम का सम्मान मिला लेकिन 84 साल के काशी राम ने अपने सिर पर छत के लिए बकरियां बेच दी. न तो अब उनके पास अपनी बकरी है और न ही सिर पर छत नसीब हुई है.
जिले के आरंग विधानसभा के बैहार गांव में आवास निर्माण के लिए 84 वर्षीय काशी राम यादव को अपनी 20 बकरियां बेचनी पड़ी. गांव की महिला सरपंच निर्मला साहू ने आवास निर्माण के लिए काशी राम यादव से दस हजार रुपये की मांग की थी. इसी रकम को चुकाने के लिए बेहद गरीब कांशीराम ने जीवनयापन के लिए पालतू रखी 20 बकरी बेचकर सरपंच को दस हजार रुपए चुकाए. इसके बावजूद हितग्राही को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया.
सरपंच ने आरोपों से किया इनकार
अब हालात यह है कि काशीराम बरसात के दिनों में जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं, जहां हर वक्त पानी की बूंद टपकने से दीवारों में सीलन आ गई है. वहीं सरपंच निर्मला साहू ने इन सभी आरोपों को झूठा करार दिया है.
कई ग्रामीणों ने सरपंच पर लगाए आरोप
इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने कई लोगों से पांच हजार से दस हजार रुपये की मांग की थी. इसकी शिकायत आरंग जनपद पंचायत के सीईओ से भी की गई है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
आरंग जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किरण कुमार कौशिक ने बताया कि ग्राम पंचायत बैहार की सरपंच निर्मला साहू के खिलाफ आवास और शौचालय निर्माण में अनियमितता की शिकायतें आई हैं. साथ ही ग्रामीणों से रुपये लेने की भी शिकायत आई है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आते ही उचित कार्रवाई की जाएगी.