रायपुर: 5 अगस्त को आयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया जा रहा है. राम मंदिर भूमि पूजन के लिए छत्तीसगढ़ के शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल को आमंत्रित किया गया है. संत युधिष्ठिरलाल सोमवार को विमान से अयोध्या के लिए रवाना हुए.
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संत युधिष्ठिरलाल अकेले ही अयोध्या के लिए रवाना हुए हैं. इस दौरान एयरपोर्ट पर रामभक्तों ने उनकी पूजा कर आशीर्वाद लिया. युधिष्ठिरलाल रायपुर के शदाणी दरबार के संत हैं. रायपुर में शदाणी दरबार सिंधी समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल लाखों लोगों का आना-जाना होता है.
150 संतों को किया गया आमंत्रित
शदाणी दरबार में देश के गृह मंत्री अमित शाह भी कई बार आ चुके हैं. इसके अलावा तमाम राजनेता यहां आते रहते हैं. राम मंदिर निर्माण के पहले भी शदाणी दरबार में लोगों ने काफी पूजा अर्चना कर मंदिर निर्माण के लिए प्रार्थना की थी. बता दें कि आयोध्या के राम मंदिर के शिलान्यास के लिए देशभर से 150 संतों को आमंत्रित किया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ से संत युधिष्ठिर लाल को भी बुलाया गया है.
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राम मंदिर के निर्माण को लेकर लोगों में उत्साह
राम मंदिर के निर्माण को लेकर राजधानी रायपुर के लोगों में भी भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. शहर के अलग-अलग चौक-चौराहों पर विभिन्न संगठनों ने राम मंदिर निर्माण की शुभकामनाओं के साथ बैनर, पोस्टर और झंडे लगाए गए हैं और लोगों से घरों में दीप जलाने की अपील की गई है.
नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था
5 अगस्त 2020 की तारीख इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो जाएगी. यह दिन हर राम भक्त के लिए खास होगा. राम मंदिर आंदोलन में धर्मनगरी हरिद्वार की अहम भूमिका रही है. मां गंगा के दर से ही राम मंदिर निर्माण की पहली अलख जगी थी, जिसने समूचे देश में राम मंदिर बनाने का बिगुल फूंक दिया था. राम मंदिर के राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन ने इसमें अहम भूमिका अदा की थी, जिसे भुलाया नहीं जा सकता. पांच सदी पुराने विवाद का हल पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ. जिससे लोगों की जनभावनाएं जुड़ी हुई हैं.
राम मंदिर के निर्माण को लेकर किया गया था आंदोलन
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि टाइटल सूट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 40 दिनों की लगातार सुनवाई के बाद अंतिम फैसला सुनाया. राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है, क्योंकि लंबी लड़ाई लड़ने के बाद भगवान श्री राम एक बार फिर अपने वनवास को काटकर अयोध्या में टेंट से भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं. राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा बड़े स्तर पर आंदोलन किए गए थे.