रायपुर: जिले में बारिश के पहले ही रेत माफिया ने अपना अवैध व्यापार शुरू कर दिया है. एक ओर कोरोना वायरस जैसी महामारी से लोग जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर ये माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. बरसात के मौसम के पहले ही मुनाफा कमाने के लिए अवैध रूप से रेत का भंडारण शुरू किया जा चुका है.
रेत माफिया खाली पड़ी सरकारी जमीन या निजी खाली प्लाट का उपयोग कर लाखों रुपए की कमाई करते हैं. इसके बदले ये सरकार को किसी प्रकार का टैक्स नहीं देते हैं.
बारिश के मौसम में बढ़ते हैं रेट
बता दें कि, बारिश आते ही नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है. जिससे नदी से रेत निकालना मुश्किल हो जाता है. इस दौरान रेत माफिया भंडार किए हुए रेत को ज्यादा दामों में बेच कर ज्यादा मुनाफा कमाते हैं. बरसात के दिनों में रेत के दामों में बाकी दिनों के अपेछा काफी बढ़ोतरी होती है. इसका फायदा रेत माफिया जम कर उठाते हैं और उपभोक्ता को रेत ज्यादा दामों पर बेच कर ज्यादा मुनाफा कमाते हैं, इसलिए रेत माफियाओं ने अभी से ही रेत का अवैध भंडारण शुरू कर दिया है.
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कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने शानिवार और रविवार को टोटल लॉकडाउन करने का फैसला जारी किया है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन का पांचवा चरण शुरू हो गया है. इसके बाद भी रेत माफिया अवैध रूप से रेत उत्खनन करने में लगे हुए हैं.