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आस्था: 26 घंटे में इस कलाकार ने रेत से बना दी गणपति की प्रतिमा - सैंड आर्ट

रायपुर के महावीर नगर में रहने वाले विनोद पांडा ने रेत से भगवान गणेश की आकृति बनाई है. सैंड आर्टिस्ट विनोद ने बताया कि आर्ट बनाते वक्त उन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ा था.

रेत से बनी भगवान गणेश की आकर्षक प्रतिमा
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Published : Sep 3, 2019, 11:59 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 6:05 PM IST

रायपुर: कलाकार अपने काम को दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उनकी मेहनत और लगन से ही हमारे सामने एक अच्छा आर्टवर्क उभकर आता है. शहर के महावीर नगर में रहने वाले विनोद पांडा एंड ग्रुप ने रेत से भगवान गणपति की मूर्ती बनाई है.

26 घंटे में रेत से बना दी गणपति की प्रतिमा

विनोद बताते हैं कि सैंड आर्ट की शुरुआत उन्होंने पुरी के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक से प्रेरणा लेकर की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रंगोली, कैनवास, पेंटिग और सीमेंट से आर्ट बनाने वाले कई आर्टिस्ट हैं, लेकिन सैंड आर्टिस्ट नहीं हैं. यहीं कारण है कि उन्होंने सैंड आर्ट को चुना.

मूर्ती बनाने में आई कई परेशानी

विनोद ने बताया कि मूर्ती बनाते समय उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मूर्ती बनाते वक्त रेत गिर रही थी, इसके लिए उन्हें बार-बार रेत में पानी की फुहार मारना पड़ता था. वहीं रेत को छानने में करीब 6 घंटे का समय लग गया था. विनोद ने सोमवार को काम शुरू किया था, जिसमें कुल 26 घंटे का समय लगा.

रायपुर: कलाकार अपने काम को दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. उनकी मेहनत और लगन से ही हमारे सामने एक अच्छा आर्टवर्क उभकर आता है. शहर के महावीर नगर में रहने वाले विनोद पांडा एंड ग्रुप ने रेत से भगवान गणपति की मूर्ती बनाई है.

26 घंटे में रेत से बना दी गणपति की प्रतिमा

विनोद बताते हैं कि सैंड आर्ट की शुरुआत उन्होंने पुरी के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक से प्रेरणा लेकर की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रंगोली, कैनवास, पेंटिग और सीमेंट से आर्ट बनाने वाले कई आर्टिस्ट हैं, लेकिन सैंड आर्टिस्ट नहीं हैं. यहीं कारण है कि उन्होंने सैंड आर्ट को चुना.

मूर्ती बनाने में आई कई परेशानी

विनोद ने बताया कि मूर्ती बनाते समय उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मूर्ती बनाते वक्त रेत गिर रही थी, इसके लिए उन्हें बार-बार रेत में पानी की फुहार मारना पड़ता था. वहीं रेत को छानने में करीब 6 घंटे का समय लग गया था. विनोद ने सोमवार को काम शुरू किया था, जिसमें कुल 26 घंटे का समय लगा.

Intro:कलाकारी अपने काम को दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं वही उनकी मेहनत और लगन से एक अच्छा आर्टवर्क निकल कर सामने आता है..रायपुर के महावीर नगर में रहने विनोद पांडे एंड ग्रुप ने छत्तीसगढ़ का पहला सैंड आर्ट वर्क मैं उन्होंने गणपति का स्वरूप बनाया..


Body:विनोद पांडे ने बताया कि वे अक्सर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक जो पूरी में समुद्र के किनारे,सैंड आर्ट करते है उनसे प्रेरणा लेकर उन्होंने काम की शुरुआत की।।

विनोद बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में सभी प्रकार के आर्टिस्ट हैं रंगोली, कैनवास पेंटिग ,सीमेंट के आर्ट करने वाले है लेकिन सैंड आर्टिस्ट मैंने अभी तक नहीं देखा था मैंने इसीलिए इसे चुना।।


दिक्कतो के बाद गणपति बनाया

विनोद बताते हैं कि सैंड आर्ट करना काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।। आर्ट करते समय रेत गिर रही थी, लेकिन हमने हिम्मत नहीं आ रही। आर्ट करते समय लगातर रेत में फुहारे से पानी मारा जाता था।। वही आर्ट करने से पहले 6 घण्टे रेत छानने में लग गए।। सोमवार से काम शुरू मंगलवार तक कुल 26 घण्टे में गणेश जी का सैंड आर्ट म्यूरल तैयार हो पाया।।


Conclusion:सैंड आर्ट करने के लिए कुल 5 आर्टिस्ट लगे थे जिनमें विनोद पांडा, गोविंदो मंडल, श्यामा सील,अमित सील ,बापा सरकार ने इस आर्ट वर्क को बनाया।।


दुकानदारो के सर्पोट से सैंड आर्ट किया।।

विनोद बताते हैं कि जब मैं महावीर नगर से गुजरता था तो यहां रेत रखी रहती थी और मैं सोचता था कि मुझे सैंड आर्ट करना है।
तो मैंने यहां के रेत सप्लायर दुकानदारों से बात की इसके बाद उन्होंने मुझे आर्ट करने के लिए बहुत सपोर्ट किया।। और उन्होंने 2 दिन अपना काम बंद रखा, सभी के सपोर्ट के चलते यह सैंड आर्ट तैयार हो पाया।।


बाइट


विनोद पांडा
सैंड आर्टिस्ट


विजुअल ओर photo रिपोर्ट एप से भेज है।।
Last Updated : Sep 4, 2019, 6:05 PM IST
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