रायपुर: कोरोना महामारी ने हर वर्ग को प्रभावित किया है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं. बावजूद इसके कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना काल में घर में बैठे लोगों को फिटनेस की चिंता भी सताने लगी थी, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जिम और पार्क बंद कर दिए गए. इसके साथ ही लोगों के वर्कआउट करने पर काफी इफेक्ट पड़ा. इन सभी परिस्थितियों ने साइकिल के दौर को फिर से जिंदा कर दिया. पहले सामान्य दिनों में लोग शौक के तौर पर साइकिल चलाते थे, लेकिन कोरोना संकट ने लोगों के मन में साइकिल प्रेम वापस ले आया. साइकिल दुकानों में पहले से ज्यादा साइकिलें बिकने लगी.
ETV भारत ने साइकिलिंग करने के शौकीन से बात की, तो उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जिम बंद हो गए थे और पहले लोग साइकिल का उपयोग शौकिया तौर पर किया करते थे, लेकिन अब हार्ट और लंग्स की बीमारी से बचने में साइकिलिंग करना अच्छी पहल है.
पुलिस प्रशासन ने जारी की है एडवाइजरी
पूरे शहर में सुबह और शाम के वक्त हाईवे और सुनसान सड़कों पर साइकिलिंग करने वालों की संख्या लगभग 500 के आसपास हो गई है. वहीं रायपुर पुलिस ने साइकिलिंग करने वालों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. इस एडवाइजरी के मुताबिक सुनसान सड़कों पर साइकिलिंग ना करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही शाम के वक्त शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक साइकिलिंग करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिससे किसी तरह की दुर्घटना या अपराध घटित ना हो सके.
साइकिल की बढ़ी बिक्री
साइकिलिंग करने वालों की संख्या बढ़ने के साथ साइकिल की बिक्री भी बड़ी है. सामान्य दिनों में एक महीने में साइकिल का बाजार सवा करोड़ का होता था, जो बढ़कर लगभग ढाई करोड़ तक पहुंच गया है. इस तरह से साइकिल की बिक्री लगभग दोगुना बढ़ गई है. साइकिलिंग के शौकीनों के लिए साइकिल दुकानों में 8 हजार रुपए से लेकर लगभग 6 लाख रुपए तक की साइकिल दुकानों में उपलब्ध है.
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पहले लोग साइकिलिंग फिटनेस के लिए किया करते थे, लेकिन कोरोना महामारी के बाद मेजर फिटनेस इक्विपमेंट के तौर पर इसका उपयोग किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक WHO ने बताया है कि कोरोना का संक्रमण फेफड़े पर असर करता है और फेफड़े की बीमारी होती है. साइकिलिंग से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
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बता दें कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के बाद लोगों के लिए साइकिल चलाने का रुख करना भी एक अच्छी पहल मानी जा रही है. उच्च वर्ग के साथ ही मध्यम वर्ग के लोग भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि यह स्वास्थ्य सही रखने के साथ ही पैसे भी बचाने में अव्वल नबंर पर है. इसके साथ ही प्रदेश के लोगों में साइकिल की मांग बढ़ी है.