रायपुर: संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों की मांग को 25 जनवरी तक पूरा नहीं करती है. तो 5 फरवरी से प्रदेश भर के स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
सरकार ने नहीं किया वादा पूरा: छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष खांडेकर ने बताया कि "पिछले 12 सालों से अपनी 1 सूत्रीय मांग अंशकालीन से पूर्णकालीन करने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन धरना किया. मंत्रियों से सिर्फ आश्वासन ही मिला है. लेकिन इनकी मांगों को अब तक नहीं सुना गया है. जिसके कारण प्रदेश के स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों ने आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिली. कांग्रेस ने सरकार बनने के पहले उनसे वादा किया था. लेकिन आज सरकार को बने 4 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस वादे को पूरा नहीं किया है. जिसके कारण स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
"सफाई कर्मचारियों से चपरासी का काम भी करवाया जाता है": संघ की बलोदाबाजार जिला उपाध्यक्ष निक्कू बघेल ने बताया कि "स्कूलों में 2 घंटे का काम बताकर इन्हें बुलाया जाता है. लेकिन इनसे सफाई कर्मचारी के साथ ही कई और स्कूल के काम भी कराए जाते हैं. प्रदेश के कई स्कूलों में चपरासी के पद रिक्त पड़े हुए हैं. ऐसे में इन सफाई कर्मचारियों से चपरासी का काम भी करवाया जाता है. सुबह से लेकर शाम तक सफाई कर्मचारी अपनी ड्यूटी स्कूलों में करते हैं. ऐसे में उन्हें घर का या फिर कोई दूसरा काम करने के लिए समय भी नहीं मिल पाता."
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"सुबह से लेकर शाम तक ड्यूटी करना पड़ता है": छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश प्रवक्ता बबलू राम चौधरी ने बताया कि "सुबह से लेकर शाम तक स्कूलों में ड्यूटी करना पड़ता है. यहां तक कि स्कूलों में साफ सफाई के लिए इन कर्मचारियों को स्कूलों के शौचालय की भी साफ-सफाई कराई जाती है. प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत स्कूलों में चपरासी नहीं ऐसे में चपरासी का काम भी इन सफाई कर्मचारियों को करना होता है. इतने कम वेतन में इतने अधिक काम करके सफाई कर्मचारी त्रस्त और परेशान हो चुके हैं."