कोरिया: मनेंद्रगढ़ में रोका छेका अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. मुख्य सड़क के बीचो बीच बैठे मवेशियों का जमावड़ा इस अभियान की पोल खोल रहा है. मनेंद्रगढ़ सड़कों पर बैठे बेसहारा मवेशियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने एवं किसानों की फसल को नुकसान से बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया था, लेकिन मनेंद्रगढ़ में चलाया जा रहा 'रोका छेका अभियान' पूरी तरह फेल है.
छत्तीसगढ़ सरकार पूरे प्रदेश भर में 1 जुलाई से रोका छेका अभियान चला रही है. जिसका उदेश्य मवेशी को फसलों के नुकसान और सड़कों पर आए दिन हो रहे सड़क हादसे से बचाना है, लेकिन नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ में अभियान कितना सफल हुआ, किसी से छिपा नहीं है. आये दिन मवेशियों का डेरा सड़कों पर देखा जा सकता है.
फेल होता नजर आ रहा रोका छेका अभियान, सड़कों पर घूम रहे मवेशी
मनेंद्रगढ़ के वार्ड नंबर 22 के पार्षद ने बताया कि, हमारे वार्डों में शाम होते ही मवेशियों के डेरा सड़कों पर बढ़ जाता है. जिससे आए दिन सड़कों पर हादसे की संभावना बनी रहती है. जिसको लेकर नगर पालिका की सामान्य सभा की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया था. लेकिन वहां भी इस मसले को लेकर कुछ नहीं हुआ.
वहीं, भाजपा के महामंत्री ने आरोप लगाया कि, यह अभियान केवल खाना पूर्ति बन कर रह गया है. जबकि नगर पालिका के सीएमओ ने कहा कि हमारे द्वारा लगातार रोका छेका अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत कार्रवाई भी की गई है.